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ओडीएफ घोषित लेकिन शौचालय की समस्या बरकरार, खुले में शौच के लिए मजबूर ग्रामीण - तिवड़ा कामथ गांव छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसी हकीकत को जानने Etv Bharat पहुंचा छिंदवाड़ा के तिवड़ा कामथ गांव..

ODF declared but toilet problem continues in chhindwara
शौचालय की समस्या बरकरार
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Published : Nov 19, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Nov 19, 2020, 7:57 PM IST

छिंदवाड़ा। कागजों में तो छिंदवाड़ा जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है और जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर ईटीवी भारत ने इस गांव की हकीकत जानी तो तस्वीर कुछ और ही नजर आई है. छिंदवाड़ा के तिवड़ा कामथ गांव में कई लोगों के घरों में शौचालय बने ही नहीं हैं. जिन घरों में शौचालय बने हैं वह किसी काम के नहीं हैं.

ओडीएफ घोषित लेकिन शौचालय की समस्या बरकरार

जिले में बने तीन लाख से ज्यादा टॉयलेट

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब तीन लाख 25 हजार 746 शौचालय बने हैं और जिले को ODF घोषित कर दिया गया है. लेकिन हितग्राहियों का कहना है कि घरों में शौचालय बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोग उन्हें कुछ माह ही उपयोग कर सके और कुछ लोगों ने उसका उपयोग ही नहीं किया.

ODF declared but toilet problem continues in chhindwara
शौचालय की समस्या बरकरार

घर में टॉयलेट होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर

पांढुर्ना विधानसभा के तिवड़ा कामथ गांव में जब ईटीवी भारत जमीनी हकीकत जानने पहुंचा तो वहां रहने वाली बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि उनके घरों में ग्राम पंचायत की तरफ से शौचालय तो बना दिया गया है, लेकिन शौचालय का दरवाजा कुछ महीनों में ही खराब हो गया, सीट बर्बाद हो गई. जिसके चलते उन्होंने सीट के ऊपर अब पत्थर रखकर ढक दिया है. मजबूरन उन्हें इस उम्र में खुले में शौच करने जाना पड़ता है.

ODF declared but toilet problem continues in chhindwara
ओडीएफ घोषित

कुछ घरों में अभी तक नहीं बना शौचालय

शासन की योजना के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर घटिया स्तर के शौचालय बनवा दिए. लेकिन कई घर आज भी ऐसे हैं, जहां शौचालय बने ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में ग्राम पंचायत से चर्चा भी की लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं दिया गया.

छिंदवाड़ा। कागजों में तो छिंदवाड़ा जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है और जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर ईटीवी भारत ने इस गांव की हकीकत जानी तो तस्वीर कुछ और ही नजर आई है. छिंदवाड़ा के तिवड़ा कामथ गांव में कई लोगों के घरों में शौचालय बने ही नहीं हैं. जिन घरों में शौचालय बने हैं वह किसी काम के नहीं हैं.

ओडीएफ घोषित लेकिन शौचालय की समस्या बरकरार

जिले में बने तीन लाख से ज्यादा टॉयलेट

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब तीन लाख 25 हजार 746 शौचालय बने हैं और जिले को ODF घोषित कर दिया गया है. लेकिन हितग्राहियों का कहना है कि घरों में शौचालय बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोग उन्हें कुछ माह ही उपयोग कर सके और कुछ लोगों ने उसका उपयोग ही नहीं किया.

ODF declared but toilet problem continues in chhindwara
शौचालय की समस्या बरकरार

घर में टॉयलेट होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर

पांढुर्ना विधानसभा के तिवड़ा कामथ गांव में जब ईटीवी भारत जमीनी हकीकत जानने पहुंचा तो वहां रहने वाली बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि उनके घरों में ग्राम पंचायत की तरफ से शौचालय तो बना दिया गया है, लेकिन शौचालय का दरवाजा कुछ महीनों में ही खराब हो गया, सीट बर्बाद हो गई. जिसके चलते उन्होंने सीट के ऊपर अब पत्थर रखकर ढक दिया है. मजबूरन उन्हें इस उम्र में खुले में शौच करने जाना पड़ता है.

ODF declared but toilet problem continues in chhindwara
ओडीएफ घोषित

कुछ घरों में अभी तक नहीं बना शौचालय

शासन की योजना के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर घटिया स्तर के शौचालय बनवा दिए. लेकिन कई घर आज भी ऐसे हैं, जहां शौचालय बने ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में ग्राम पंचायत से चर्चा भी की लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं दिया गया.

Last Updated : Nov 19, 2020, 7:57 PM IST
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