छिन्दवाड़ा(chhindwara)। समय से पहले मानसून आने से किसानों के चेहरे पर लाली थी लेकिन अचानक मानसून की लुका-छुपी के चलते अब किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. आलम ये है कि किसी तरीके से फसल सूखने से बच सके इसलिए किसान अब खेतों में ऊपरी पानी से सिंचाई कर रहे हैं.
समय से पहले आकर लौट गया मानसून
जिले में 20 से 25 जून के बीच में मानसून आया था. लेकिन इस साल 8 जून को ही छिंदवाड़ा में मानसून ने दस्तक दे दी थी.जिसके बाद किसानों ने खेतों में बोनी भी कर दी लेकिन करीब 10 दिनों से छिंदवाड़ा में मानसूनी बारिश नहीं हुई है जिसके चलते किसानों खेतों में फसल मुरझाने लगी है.
ऊपरी सिंचाई से फसल को बचाने में लगे हैं किसान
मानसूनी बारिश नहीं होने से खेतों में लगी फसल सूखने की कगार पर है जिसके चलते किसान अब अपने संसाधन ट्यूबवेल कुएं और मोटर पंपों से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं ताकि किसी तरीके से फसल को बचाया जा सके और मानसून जल्द से लौटे तो फसल फिर से लहलहा उठे.
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जिले में 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर जमीन में बोई गई है फसल
इस साल 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर जमीन में खरीफ की फसल लगाई गई है जिसमें सबसे ज्यादा 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में मक्के की फसल और इसके अलावा 1 लाख हेक्टेयर में धान सोयाबीन,अरहर,ज्वार के अलावा खरीफ़ की दूसरी फसलें लगाई गई है सबसे ज्यादा नुकसान मक्के की फसल को है शुरुआती दौर पर अगर बारिश का पानी मक्के को ना मिले तो मक्के की उपज में सीधा प्रभाव पड़ता है.
पिछले साल की तुलना में 6 मिलीमीटर अब तक कम हुई वर्षा
जिले में अभी तक 274 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस अवधि तक 280.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी. जो पिछले साल की तुलना में 6 मिलीमीटर कम है वही मौसम विभाग ने भी जिले में अगले 5 दिनों तक धूप रहने की संभावना जताई है जिले में गर्मी से उमस काफी बढ़ गई है .फिलहाल जिले में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड चल रहा है.