छतरपुर। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर उपज खरीदी का समय और तारीख बताया जा रहा है, लेकिन किसानों के मोबाइल पर मैसेज नहीं पहुंच रहे हैं. मामले की जांच की गई तो पाया गया कि, किसानों की जगह दूसरे नंबर दर्ज कर लिए गए हैं. किसानों के पास मैसेज नहीं पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से तमाम किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार ने दो बार खरीदी की तारीख बढ़ाई थी. प्रशासन ने 15 अप्रैल 2020 से खरीदी केंद्र पर किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू कर दी, जिसमें खरीदी केन्द्रों में अनावश्यक भीड़ न लगे, इसके इंतजाम किए गए. किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर उन्हें समय और तारीख की जानकारी दी जा रही है, जिससे निर्धारित समय और तारीख पर ही किसान खरीदी केंद्र पहुंचे और अपनी उपज बेच सकें. लेकिन इस बीच कई किसानों की समस्याएं सामने आ रही हैं. उनके मोबाइल पर मैसेज ही नहीं आ रहा हैं, जिससे किसान फसल बेचने के लिए खरीदी केंद्र पर चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
मैसेज के चक्कर में फर्जीवाड़ा हो रहा है, जहां खरीदी सूचना के मैसेज तो जा रहे हैं, लेकिन किसानों के नाम पर दूसरों के मोबाइल पर मैसेज जा रहे हैं. किसानों के नाम पर समर्थन मूल्य के पंजीयन में बड़ी चालाकी से किसान के मोबाइल नंबर न डालकर गलत और दूसरे नम्बर दर्ज किये गए हैं, जिससे अन्य लोगों के मोबाइल पर मैसेज पहुंच रहे हैं, परेशान किसान अपनी उपज बेचने के लिए कई दिनों से खरीदी केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं.