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कृषि उपार्जन केंद्र में चना बेचने नहीं आ रहे किसान, सरकार के फरमान के बाद बनी स्थिति

सरकार के बिना तेवड़ा के दाने के चना बेचने के फरमान ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है. इसके चलते अब किसान खरीद केंद्र पर चना लेकर नहीं पहुंच रहे हैं.

chhatrpur
छतरपुर
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Published : May 3, 2020, 12:16 PM IST

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर अनुविभाग अंतर्गत गौरिहार क्षेत्र में किसानों की उपज खरीदने के लिए खुले उपार्जन केंद्र पर चने से तेवड़ा की छटाई बिनाई होने पर किसानों ने चना बेचना बंद कर दिया है, जानकारी के मुताबिक किसानों को राहत देने के उद्देश्य से जगह-जगह कृषि उपार्जन केंद्र तो खोल दिये गये पर क्षेत्र में सबसे ज्यादा उपज वाले चने की खरीदी उपार्जन केंद्रों में नहीं की जा रही है.

23 अक्टूबर 2019 के राजपत्र में तेवड़ा को दलहन फसलों की सूचना से हटा दिया गया था. इसपर सरकार के स्पष्ट आदेश है कि चने में एक दाना भी तेवड़ा का हो तो उसे न खरीदा जाये.

मेडम ने बिनवाया तेवड़ा, तो किसानों ने केंद्र आना किया बंद

30 अप्रैल को चंदला स्थित कृषि उपार्जन केंद्र माधौपुर में बिके हुए चने में तेवड़ा निकलने से जिला बिपणन अधिकारी राखी सूर्यवंशी भड़क गईं. उन्होंने बिके हुए चने की बोरियों को खुलवाकर वहां उपस्थित सर्वेयर, मजदूरों व उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों से चने में से तेवड़ा निकलवाया और कड़े लहजे में निर्देश दिए कि एक भी दाना तेवड़ा का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस वाकिये की खबर जैसे ही क्षेत्र भर के किसानों को लगी तो उन्होंने उस दिन से किसी भी उपार्जन केंद्र में अपना चना लाना उचित नहीं समझा. वर्तमान में उपार्जन केंद्र माधौपुर, पचबरा, अभऊ, चंदवारा, चितहरी आदि जगह कोई भी किसान शनिवार को भी चना लेकर केंद्र नहीं पहुंचे.

कम दाम में व्यापारी खरीद रहे चना

सरकार द्वारा जारी पत्र में तेवड़ा की पाबंदी से किसानों को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. किसान व्यापारियों के हाथ कम दाम में चना बेचने को मजबूर हो रहे है. वर्तमान में भावन्तर योजना में चने का भाव 4 हजार 875 रुपये है, जबकि व्यापारी किसानों से 3600 से 3800 सौ रुपये में इसे खरीद रहे हैं.

किसानों का कहना है कि क्षेत्र में चने की जितनी भी उपज हुई है उसमें ऐसा संभव नहीं कि तेवड़ा के दाने न निकलें. अब ऐसे हालात में सरकार को ही निर्णय लेना होगा ताकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके.

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर अनुविभाग अंतर्गत गौरिहार क्षेत्र में किसानों की उपज खरीदने के लिए खुले उपार्जन केंद्र पर चने से तेवड़ा की छटाई बिनाई होने पर किसानों ने चना बेचना बंद कर दिया है, जानकारी के मुताबिक किसानों को राहत देने के उद्देश्य से जगह-जगह कृषि उपार्जन केंद्र तो खोल दिये गये पर क्षेत्र में सबसे ज्यादा उपज वाले चने की खरीदी उपार्जन केंद्रों में नहीं की जा रही है.

23 अक्टूबर 2019 के राजपत्र में तेवड़ा को दलहन फसलों की सूचना से हटा दिया गया था. इसपर सरकार के स्पष्ट आदेश है कि चने में एक दाना भी तेवड़ा का हो तो उसे न खरीदा जाये.

मेडम ने बिनवाया तेवड़ा, तो किसानों ने केंद्र आना किया बंद

30 अप्रैल को चंदला स्थित कृषि उपार्जन केंद्र माधौपुर में बिके हुए चने में तेवड़ा निकलने से जिला बिपणन अधिकारी राखी सूर्यवंशी भड़क गईं. उन्होंने बिके हुए चने की बोरियों को खुलवाकर वहां उपस्थित सर्वेयर, मजदूरों व उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों से चने में से तेवड़ा निकलवाया और कड़े लहजे में निर्देश दिए कि एक भी दाना तेवड़ा का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस वाकिये की खबर जैसे ही क्षेत्र भर के किसानों को लगी तो उन्होंने उस दिन से किसी भी उपार्जन केंद्र में अपना चना लाना उचित नहीं समझा. वर्तमान में उपार्जन केंद्र माधौपुर, पचबरा, अभऊ, चंदवारा, चितहरी आदि जगह कोई भी किसान शनिवार को भी चना लेकर केंद्र नहीं पहुंचे.

कम दाम में व्यापारी खरीद रहे चना

सरकार द्वारा जारी पत्र में तेवड़ा की पाबंदी से किसानों को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. किसान व्यापारियों के हाथ कम दाम में चना बेचने को मजबूर हो रहे है. वर्तमान में भावन्तर योजना में चने का भाव 4 हजार 875 रुपये है, जबकि व्यापारी किसानों से 3600 से 3800 सौ रुपये में इसे खरीद रहे हैं.

किसानों का कहना है कि क्षेत्र में चने की जितनी भी उपज हुई है उसमें ऐसा संभव नहीं कि तेवड़ा के दाने न निकलें. अब ऐसे हालात में सरकार को ही निर्णय लेना होगा ताकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके.

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