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भूमिहीनों का पंजीयन कराकर व्यापारियों को फायदा पहुंचा रहे समिति प्रबंधक! - Nexus of officers

छतरपुर जिले में अधिकारी खरीदी केंद्रों पर जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, जहां किसानों के नाम पर फर्जी पंजीयन करवाकर व्यापारियों और दलालों को मालामाल किया जा रहा है.

procurement centers
खरीदी केंद्र
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Published : Jun 11, 2020, 3:15 PM IST

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर में अधिकारियों की सांठगाठ से सरकार को लाखों रूपए का चूना लगाया जा रहा है. खरीदी केंद्रों पर समिति प्रबंधक अपने परिवार और रिश्तदारों के नाम से फर्जी पंचीयन करवा रहे हैं. जिसके बाद दलालों से चना खरीदकर बेचा जा रहा है.

बुन्देलखण्ड में कहावत है, 'जुआरी सूझे आपना दांव' इसी कहावत पर लवकुशनगर अनुविभाग के समिति प्रबन्धक काम कर रहे हैं. अधिकारियों को अपना फायदा ही दिखता है, चाहे वो चना खरीदी केंद्र हो या गेंहू खरीदी केंद्र. समिति प्रबन्धकों ने अपने रिश्तेदारों और व्यवहारियों के नाम फर्जी पंजीयन करा लिया है. फिर दलालों और व्यापारियों से चना खरीदी कर रहे हैं. पचबरा और सिजई समिति प्रबन्धक ने ऐसे लोगों का पंजीयन कराया है, जिसके नाम जमीन ही नहीं है. जो अपनी जमीन दूसरे को बटाई पर दिया है, उसी के नाम दूसरे की जमीन को बटाई में दिखाकर फर्जी पंजीयन करवाया है. उन फर्जी पंजीयनों में दलालों के माध्यम से व्यापारियों का चना खरीदा जा रहा है.

समिति प्रबन्धकों और दलालों का एक और कारनामा चल रहा है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसी भी किसान के खाते में किसी और किसान का भुगतान कर दिया जा रहा है. प्रशासन अगर पंजीयन कराने वाले किसान और भुगतान कराने वाले किसान की जांच कराए तो समिति प्रबन्धकों की पोल खुल जायेगी. अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के चलते क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर में अधिकारियों की सांठगाठ से सरकार को लाखों रूपए का चूना लगाया जा रहा है. खरीदी केंद्रों पर समिति प्रबंधक अपने परिवार और रिश्तदारों के नाम से फर्जी पंचीयन करवा रहे हैं. जिसके बाद दलालों से चना खरीदकर बेचा जा रहा है.

बुन्देलखण्ड में कहावत है, 'जुआरी सूझे आपना दांव' इसी कहावत पर लवकुशनगर अनुविभाग के समिति प्रबन्धक काम कर रहे हैं. अधिकारियों को अपना फायदा ही दिखता है, चाहे वो चना खरीदी केंद्र हो या गेंहू खरीदी केंद्र. समिति प्रबन्धकों ने अपने रिश्तेदारों और व्यवहारियों के नाम फर्जी पंजीयन करा लिया है. फिर दलालों और व्यापारियों से चना खरीदी कर रहे हैं. पचबरा और सिजई समिति प्रबन्धक ने ऐसे लोगों का पंजीयन कराया है, जिसके नाम जमीन ही नहीं है. जो अपनी जमीन दूसरे को बटाई पर दिया है, उसी के नाम दूसरे की जमीन को बटाई में दिखाकर फर्जी पंजीयन करवाया है. उन फर्जी पंजीयनों में दलालों के माध्यम से व्यापारियों का चना खरीदा जा रहा है.

समिति प्रबन्धकों और दलालों का एक और कारनामा चल रहा है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसी भी किसान के खाते में किसी और किसान का भुगतान कर दिया जा रहा है. प्रशासन अगर पंजीयन कराने वाले किसान और भुगतान कराने वाले किसान की जांच कराए तो समिति प्रबन्धकों की पोल खुल जायेगी. अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के चलते क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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