छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय पाथोरिया ने सिविल सर्जन को एक लेटर एक पत्र भेजा है. जिसमें सिविल सर्जन को कोरोना सैंपल बस के माध्यम से भेजने की अनुमति दी है. पत्र में लिखा है कि अब जिले में जो भी कोरोना का सैंपल होगा उसे बस के माध्यम से सागर भेजा जाएगा. जिसके बाद सागर में सैंपल की जांच हो सकेगी. यदि इन सैंपल से किसी को कोरोना होता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
कलेक्टर की अनुशंसा पर लिया निर्णय
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जारी किए अपने लेटर में इस बात का जिक्र किया है की छतरपुर में लिए गए कोरोना सैंपल को सागर बस के माध्यम से भेजा जाना है. लेटर में जिला कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के अनुमोदन का भी जिक्र किया गया है.
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सैंपल भेजना खतरनाक
छतरपुर जिले में संदिग्ध कोरोना मरीजों का सैंपल सागर बस के माध्यम से भेजना न सिर्फ चिंता का विषय है, बल्कि बेहद खतरनाक है. सैंपल ले जाने या रखने में जरा सी चूक घातक हो सकती है. क्योंकि कोरोना संक्रमण फैल सकता है. कोरोना एक संक्रमित बिमारी है जो सैंपल से भी फैल सकता है.