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लॉकडाउन में बढ़ी महाराजा छत्रसाल की नगरी की रौनक, शाम होते ही बोल उठते हैं महल-मकबरे...

महाराज छत्रसाल की नगरी के नाम से प्रसिद्ध गांव मऊ सहनियां इन दिनों अपनी खूबसूरती से लोगों का मन मोह रहा है. हालांकि, लॉकडाउन के कारण पर्यटकों का आना-जाना मना है. इसलिए ETV भारत पर देखिये महाराज छत्रसाल की नगरी की खूबसूरत तस्वीरें.

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महाराजा छत्रसाल की नगरी
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Published : Jun 3, 2020, 2:26 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 4:41 PM IST

छतरपुर। लॉकडाउन ने एक ओर जहां लोगों को अपने-अपने घरों में कैद कर दिया हैं, वहीं इस दौरान प्रकृति को खुद को संवारने का अनोखा मिला. पर्यावरण में जहां ताजगी आई वहीं वायु और पानी प्रदूषण भी इन दिनों बहुत हद तक कम हुआ. इसी बीच महाराज छत्रसाल की नगरी के नाम से प्रसिद्ध मउ सहनियां भी इन दिनों बेहद खूबसूरत नजर आ रही है. हालांकि, लॉकडाउन के चलते देशी-विदेशी पर्यटक वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं लेकिन इसकी खूबसूरती इन दिनों पहले से ज्यादा बढ़ गई है. शाम ढलते ही यहां बने तमाम मकबरे और महल ऐसे प्रतीत होते हैं मानो, कुछ ही देर बाद अपनी कहानी वे खुद बोल उठेंगे! ETV भारत पर देखिये महाराज छत्रसाल की नगरी की खूबसूरत तस्वीरें.

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महाराज छत्रसाल की नगरी की नैसर्गिक सुंदरता
महाराजा छत्रसाल म्यूजियमछतरपुर से 17 किलोमीटर दूर स्थित छोटा सा गांव मऊ सहानियां महाराजा छत्रसाल की स्मृति के रूप में जाना जाता है. महाराजा छत्रसाल से जुड़े तमाम स्मारक और कई वस्तुएं महाराजा छत्रसाल म्यूजियम धुबेला में आज भी संजोकर रखी गई हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

ये भी देखें- लॉकडाउन में निखर रही प्रकृति, राजगढ़ से मुस्कुराती प्रकृति की तस्वीरें देखिए...


मस्तानी महल
यहां बना मस्तानी महल आज भी प्रेमी जोड़ों के लिए किसी ताजमहल से कम नहीं है. इसे देखने के लिए प्रेमी जोड़े दूर-दूर से आते हैं. इस महल के बारे में कहा जाता है कि इस महल को महाराजा छत्रसाल ने अपनी दत्तक पुत्री मस्तानी के लिए बनवाया था. एक युद्ध के बाद मस्तानी यहां से बाजीराव के साथ पेशवा चली गई थी.

महाराजा छत्रसाल की नगरी

कमलापति महल
यहां बना कमलापति महल आज भी महाराजा छत्रसाल की पहली पत्नी की याद दिलाता है. बेहद खूबसूरत ये महल अपने आप में अद्वितीय है. इस महल के बारे में एक किवदंती है इस महल का निर्माण बाजीराव ने कराया था, जिसे लोग मकबरे के नाम से जानते हैं.

ये भी पढ़ें- ETV भारत पर देखिए, सुंदर छिंदवाड़ा की सुनहरी तस्वीरें...


शाम ढलते ही इस पूरे गांव की सुंदरता बेहद बढ़ जाती है. यहां बने तमाम महल और मकबरे ऐसे प्रतीत होते हैं मानों किसी गुलाबी चादर में ढ़ंके हुए चारों तरफ पहाड़ों के बीच आए हैं. गांव में शाम होते ही ऐसा लगने लगता है जैसे आज भी यहां पर महाराजा छत्रसाल का शासन चल रहा हो. बेहद खूबसूरत दिखने वाले महल, मकबरे, तालाब और हरे-भरे पेड़-पौधे लोगों का मन मोह लेते हैं.


ये भी पढ़ें- ETV भारत पर लॉकडाउन के दौरान नरसिंहपुर के निखरे नजारे...


लॉकडाउन की चलते भले ही यहां पर अब लोगों का आना-जाना नहीं हो रहा हो, लेकिन यहां की खूबसूरती शाम ढलते ही दोगुनी हो जाती है. शाम का प्राकृतिक नजारा हर किसी का मन मोह लेता है, जिसे मन को शांती और सुकून मिलता है.

छतरपुर। लॉकडाउन ने एक ओर जहां लोगों को अपने-अपने घरों में कैद कर दिया हैं, वहीं इस दौरान प्रकृति को खुद को संवारने का अनोखा मिला. पर्यावरण में जहां ताजगी आई वहीं वायु और पानी प्रदूषण भी इन दिनों बहुत हद तक कम हुआ. इसी बीच महाराज छत्रसाल की नगरी के नाम से प्रसिद्ध मउ सहनियां भी इन दिनों बेहद खूबसूरत नजर आ रही है. हालांकि, लॉकडाउन के चलते देशी-विदेशी पर्यटक वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं लेकिन इसकी खूबसूरती इन दिनों पहले से ज्यादा बढ़ गई है. शाम ढलते ही यहां बने तमाम मकबरे और महल ऐसे प्रतीत होते हैं मानो, कुछ ही देर बाद अपनी कहानी वे खुद बोल उठेंगे! ETV भारत पर देखिये महाराज छत्रसाल की नगरी की खूबसूरत तस्वीरें.

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महाराज छत्रसाल की नगरी की नैसर्गिक सुंदरता
महाराजा छत्रसाल म्यूजियमछतरपुर से 17 किलोमीटर दूर स्थित छोटा सा गांव मऊ सहानियां महाराजा छत्रसाल की स्मृति के रूप में जाना जाता है. महाराजा छत्रसाल से जुड़े तमाम स्मारक और कई वस्तुएं महाराजा छत्रसाल म्यूजियम धुबेला में आज भी संजोकर रखी गई हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

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मस्तानी महल
यहां बना मस्तानी महल आज भी प्रेमी जोड़ों के लिए किसी ताजमहल से कम नहीं है. इसे देखने के लिए प्रेमी जोड़े दूर-दूर से आते हैं. इस महल के बारे में कहा जाता है कि इस महल को महाराजा छत्रसाल ने अपनी दत्तक पुत्री मस्तानी के लिए बनवाया था. एक युद्ध के बाद मस्तानी यहां से बाजीराव के साथ पेशवा चली गई थी.

महाराजा छत्रसाल की नगरी

कमलापति महल
यहां बना कमलापति महल आज भी महाराजा छत्रसाल की पहली पत्नी की याद दिलाता है. बेहद खूबसूरत ये महल अपने आप में अद्वितीय है. इस महल के बारे में एक किवदंती है इस महल का निर्माण बाजीराव ने कराया था, जिसे लोग मकबरे के नाम से जानते हैं.

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शाम ढलते ही इस पूरे गांव की सुंदरता बेहद बढ़ जाती है. यहां बने तमाम महल और मकबरे ऐसे प्रतीत होते हैं मानों किसी गुलाबी चादर में ढ़ंके हुए चारों तरफ पहाड़ों के बीच आए हैं. गांव में शाम होते ही ऐसा लगने लगता है जैसे आज भी यहां पर महाराजा छत्रसाल का शासन चल रहा हो. बेहद खूबसूरत दिखने वाले महल, मकबरे, तालाब और हरे-भरे पेड़-पौधे लोगों का मन मोह लेते हैं.


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लॉकडाउन की चलते भले ही यहां पर अब लोगों का आना-जाना नहीं हो रहा हो, लेकिन यहां की खूबसूरती शाम ढलते ही दोगुनी हो जाती है. शाम का प्राकृतिक नजारा हर किसी का मन मोह लेता है, जिसे मन को शांती और सुकून मिलता है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 4:41 PM IST
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