छिंदवाड़ा। अपर और जिला सत्र न्यायालय अमरवाड़ा को उच्च न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के लिए विशेष न्यायालय का दर्जा दे दिया है. वहीं बुधवार को न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा ने नाबालिग से बलात्कार करने के आरोपी रामकुमार उईके को 10 वर्ष की सजा सुनाई है.
ये था मामला
बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर 2018 को पीड़िता की मां ने रिपोर्ट में बताया था कि शाम को उसके पति खेत में मजदूरी करने गए थे. वहीं वो अपने पांच बच्चों को घर में छोड़कर बर्तन साफ करने गई थी. वहां उसको पड़ोसियों ने बताया कि उसकी नाबालिग लड़की और आरोपी को थाने ले गए हैं.
वहां जाकर उसने अपने पति ओर नाबालिग लड़की से पूछा तो उन्होंने बताया कि आरोपी दुष्कर्म के इरादे से नाबालिग को अपनी बाइक पर बैठाकर नाले के तरफ ले गया. तभी पीड़िता के पिता और उसका एक साथी ने जाकर देखा तो आरोपी ने दोनों को आते देख भागने का प्रयास किया, जिसे घटनास्थल पर पकड़ लिया गया. वहीं थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
थाना चांद में अपराध क्रमांक 406/18 और विभिन्न धाराओं के तहत और पॉक्सो एक्ट विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां प्रकरण विशेष आपात सत्र न्यायालय में अभियोजन साक्ष्य और अभियोजन तर्क से सहमत होकर आरोपी को अलग-अलग धाराओं के तहत लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 10 वर्ष की सजा से दंडित किया गया है.