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बुरहानपुरः राजनीति का शिकार हुआ पूर्व सांसद के नाम पर बना ऑडिटोरियम, बीजेपी-कांग्रेस में रस्साकशी - बुरहानपुर

बुरहानपुर शहर में पूर्व सांसद परमानंद गोविंदवाला के नाम से बनाए गये ऑडिटोरियम के लोकापर्ण पर बीजेपी-कांग्रेस के नेता आमने-सामने आ गए. कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि बीजेपी ने इस ऑडिटोरियम के लोकापर्ण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री को नहीं बुलाया, जबकि नियम के मुताबिक उन्हें बुलाया जाना चाहिए था. वहीं स्थानीय महापौर अनिल भोसले का कहना है के उन्होंने कई बार प्रभारी मंत्री से बात की लेकिन, उन्होंने लोकार्पण कार्यक्रम के लिए समय ही नहीं दिया.

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Published : Mar 6, 2019, 5:51 PM IST

बुरहानपुर। शहर में पूर्व सांसद परमानंद गोविंदवाला के नाम से बनाए गये ऑडिटोरियम के लोकापर्ण पर बीजेपी-कांग्रेस में रस्साकशी देखने को मिली. लोकार्पण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री को न बुलाए जाने से कांग्रेसी नाराज हो गए, जिसके बाद विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने ऑडिटोरियम पर ताला लगा दिया गया. इससे नाराज होकर बीजेपी के स्थानीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और महापौर अनिल भोसले ने बाहर से ही ऑडिटोरियम का लोकापर्ण कर दिया.

दरअसल, यह ऑडिटोरियम केंद्र सरकार की योजना के तहत बनाया गया है, जिसका लोकापर्ण सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को करना था, लेकिन इस कार्यक्रम में बुरहानपुर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को नहीं बुलाया गया, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि अगर जिले में कोई कार्य दस लाख से ऊपर का होता है, तो उसमें प्रभारी मंत्री को बुलाया जाता है, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा नहीं किया गया है. वहीं विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इस ऑडिटोरियम में ताला लगा दिया. वहीं बुरहानपुर के महापौर अनिल भोसले का कहना है कि उन्होंने प्रभारी मंत्री से कई बार बात की, लेकिन उन्होंने लोकार्पण कार्यक्रम में आने के लिए समय ही नहीं दिया.

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पैकेज

लोकार्पण के दौरान सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि परमानंद गोविंदजीवाला पार्षद से लेकर विधायक और सांसद रहे हैं. उन्होंने इस दौरान शहर में भाईचारे की अच्छी परंपरा शुरु की थी, लेकिन आज कुछ कांग्रेसी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस परंपरा का कत्ल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस ऑडिटोरियम का बोर्ड बाहर तो लगा ही दिया और हम इसका लोकार्पण अंदर से भी करेंगे.

महापौर अनिल भोसले ने कहा कि अब इस सभागृह में आपको और हमें अंदर जाने से कोई नहीं रोक सकता, यह हमारे परिश्रम और मेहनत का फल है. उन्होंने कहा कि चंद कांग्रेसियों के कहने पर जिला प्रशासन के द्वारा शहर को दी जाने वाली सौगात को सार्वजनिक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जबकि सरकारी नुमाइंदों ने मुझे बाहर तक निकाल दिया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब प्रभारी मंत्री ने लोकार्पण के लिए समय ही नहीं दिया, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं.

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बुरहानपुर। शहर में पूर्व सांसद परमानंद गोविंदवाला के नाम से बनाए गये ऑडिटोरियम के लोकापर्ण पर बीजेपी-कांग्रेस में रस्साकशी देखने को मिली. लोकार्पण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री को न बुलाए जाने से कांग्रेसी नाराज हो गए, जिसके बाद विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने ऑडिटोरियम पर ताला लगा दिया गया. इससे नाराज होकर बीजेपी के स्थानीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और महापौर अनिल भोसले ने बाहर से ही ऑडिटोरियम का लोकापर्ण कर दिया.

दरअसल, यह ऑडिटोरियम केंद्र सरकार की योजना के तहत बनाया गया है, जिसका लोकापर्ण सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को करना था, लेकिन इस कार्यक्रम में बुरहानपुर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को नहीं बुलाया गया, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि अगर जिले में कोई कार्य दस लाख से ऊपर का होता है, तो उसमें प्रभारी मंत्री को बुलाया जाता है, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा नहीं किया गया है. वहीं विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इस ऑडिटोरियम में ताला लगा दिया. वहीं बुरहानपुर के महापौर अनिल भोसले का कहना है कि उन्होंने प्रभारी मंत्री से कई बार बात की, लेकिन उन्होंने लोकार्पण कार्यक्रम में आने के लिए समय ही नहीं दिया.

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लोकार्पण के दौरान सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि परमानंद गोविंदजीवाला पार्षद से लेकर विधायक और सांसद रहे हैं. उन्होंने इस दौरान शहर में भाईचारे की अच्छी परंपरा शुरु की थी, लेकिन आज कुछ कांग्रेसी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस परंपरा का कत्ल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस ऑडिटोरियम का बोर्ड बाहर तो लगा ही दिया और हम इसका लोकार्पण अंदर से भी करेंगे.

महापौर अनिल भोसले ने कहा कि अब इस सभागृह में आपको और हमें अंदर जाने से कोई नहीं रोक सकता, यह हमारे परिश्रम और मेहनत का फल है. उन्होंने कहा कि चंद कांग्रेसियों के कहने पर जिला प्रशासन के द्वारा शहर को दी जाने वाली सौगात को सार्वजनिक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जबकि सरकारी नुमाइंदों ने मुझे बाहर तक निकाल दिया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब प्रभारी मंत्री ने लोकार्पण के लिए समय ही नहीं दिया, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं.

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Intro:बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला सभागृह का लोकार्पण सुबह से ही विवादों में घिरा रहा, आखिरकार सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने प्रशासन के द्वारा बंद किए गए सभागृह के ताले पर ही पूजा कर लोकार्पण किया साथ ही पूर्व सांसद स्वर्गीय परमानंद जी गोविंद वाला के ग्लो साइन बोर्ड पर ही कार्यक्रम के दौरान महापौर अनिल भोसले और सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का दर्द देखने को मिला।





Body:अपने उद्बोधन के दौरान महापौर अनिल भोसले ने कहा कि आप आज के बाद इस सभागृह में आपको और हमें अंदर जाने से कोई नहीं रोक सकता यह हमारे परिश्रम और मेहनत का फल है आज चंद कांग्रेसियों के कहने पर जिला प्रशासन के द्वारा शहर की दी जाने वाली सौगात को सार्वजनिक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वही सरकारी नुमाइंदों ने मुझे बाहर तक निकाल दिया और पुलिस जवानों का पहरा लगा दिया क्या मैं गुंडा हूँ, बदमाश हूँ, मैं शहर का महापौर हूँ, मैंने कई बार प्रभारी मंत्री से चर्चा भी की लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया तो क्या मेरा गुनाह है आखिर कोई तो बताओ इसमें एक नेक आदमी के नाम पर सभागृह का नाम रखना किस गुनाह के अंतर्गत आता है, तो वही सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने भी कहा कि परमानंद गोविंदजीवाला पार्षद से लेकर विधायक और सांसद बने वहीं उन्होंने कहा कि शहर में एक अच्छी परंपरा की मिसाल कायम की थी लेकिन आज कुछ कांग्रेसियों ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए परंपरा का कत्ल कर दिया, नामांकन तो हम अंदर भी करेंगे और बहार तो हमने बोर्ड लगा ही दिया है, जिसके लिए हमें खून से लिखना पडा हम खून से भी उनका नाम लिख देंगे।




Conclusion:बाईट 01:- नंदकुमार सिंह चौहान, सांसद।
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