बुरहानपुर। शहर में पूर्व सांसद परमानंद गोविंदवाला के नाम से बनाए गये ऑडिटोरियम के लोकापर्ण पर बीजेपी-कांग्रेस में रस्साकशी देखने को मिली. लोकार्पण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री को न बुलाए जाने से कांग्रेसी नाराज हो गए, जिसके बाद विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने ऑडिटोरियम पर ताला लगा दिया गया. इससे नाराज होकर बीजेपी के स्थानीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान और महापौर अनिल भोसले ने बाहर से ही ऑडिटोरियम का लोकापर्ण कर दिया.
दरअसल, यह ऑडिटोरियम केंद्र सरकार की योजना के तहत बनाया गया है, जिसका लोकापर्ण सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को करना था, लेकिन इस कार्यक्रम में बुरहानपुर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को नहीं बुलाया गया, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि अगर जिले में कोई कार्य दस लाख से ऊपर का होता है, तो उसमें प्रभारी मंत्री को बुलाया जाता है, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा नहीं किया गया है. वहीं विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इस ऑडिटोरियम में ताला लगा दिया. वहीं बुरहानपुर के महापौर अनिल भोसले का कहना है कि उन्होंने प्रभारी मंत्री से कई बार बात की, लेकिन उन्होंने लोकार्पण कार्यक्रम में आने के लिए समय ही नहीं दिया.
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लोकार्पण के दौरान सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि परमानंद गोविंदजीवाला पार्षद से लेकर विधायक और सांसद रहे हैं. उन्होंने इस दौरान शहर में भाईचारे की अच्छी परंपरा शुरु की थी, लेकिन आज कुछ कांग्रेसी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस परंपरा का कत्ल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस ऑडिटोरियम का बोर्ड बाहर तो लगा ही दिया और हम इसका लोकार्पण अंदर से भी करेंगे.
महापौर अनिल भोसले ने कहा कि अब इस सभागृह में आपको और हमें अंदर जाने से कोई नहीं रोक सकता, यह हमारे परिश्रम और मेहनत का फल है. उन्होंने कहा कि चंद कांग्रेसियों के कहने पर जिला प्रशासन के द्वारा शहर को दी जाने वाली सौगात को सार्वजनिक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जबकि सरकारी नुमाइंदों ने मुझे बाहर तक निकाल दिया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब प्रभारी मंत्री ने लोकार्पण के लिए समय ही नहीं दिया, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं.
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