बुरहानपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य और बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लाख दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती हैं. जिला अस्पताल में एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां एक बच्चे इंदौर रेफर किया जाना था, लेकिन उसे बाहर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाने के लिए न तो कोई स्ट्रेचर मिला और ना ही कोई वार्ड ब्वॉय, बच्चे के परिजन उसे कंधे पर रखकर ले गए.
बच्चे के परिजनों में से एक सदस्य ने हाथ में सलाइन की बोतल पकड़ रखी थी. तो दूसरे के कंधे पर बच्चे को उठाया था. लेकिन वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ ने इतनी जहमत नहीं उठाई कि बच्चें को स्ट्रेचर पर रखकर उसे एंबुलेंस तक पहुंचा दें. इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है.
मामले में एसडीएम काशीराम बड़ोले से बात की गई, तो उन्होंने बताया मामला बेहद गंभीर है, ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा. इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में ना हों, उन्होंने कहा अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाएं भी की जाएंगी और स्टाफ को भी निर्देश जाएंगे की इस तरह की घटना दोबारा न हों.