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बुरहानपुर में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, बीमार बच्चे को कंधे पर ले गए परिजन

बुरहानपुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाए बदहाल हैं. जिला अस्पताल से एक बच्चे को इंदौर रेफर किया जाना था. उसे अस्पताल से एंबुलेंस तक ले जाने के लिए एक स्ट्रेचर भी नहीं मिला. परिजन उसे कंधे पर रखकर एंबुलेंस तक ले गए.

बच्चे को नहीं मिली एंबुलेंस
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Published : Nov 25, 2019, 11:35 PM IST

बुरहानपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य और बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लाख दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती हैं. जिला अस्पताल में एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां एक बच्चे इंदौर रेफर किया जाना था, लेकिन उसे बाहर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाने के लिए न तो कोई स्ट्रेचर मिला और ना ही कोई वार्ड ब्वॉय, बच्चे के परिजन उसे कंधे पर रखकर ले गए.

बच्चे को नहीं मिली एंबुलेंस

बच्चे के परिजनों में से एक सदस्य ने हाथ में सलाइन की बोतल पकड़ रखी थी. तो दूसरे के कंधे पर बच्चे को उठाया था. लेकिन वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ ने इतनी जहमत नहीं उठाई कि बच्चें को स्ट्रेचर पर रखकर उसे एंबुलेंस तक पहुंचा दें. इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है.

मामले में एसडीएम काशीराम बड़ोले से बात की गई, तो उन्होंने बताया मामला बेहद गंभीर है, ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा. इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में ना हों, उन्होंने कहा अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाएं भी की जाएंगी और स्टाफ को भी निर्देश जाएंगे की इस तरह की घटना दोबारा न हों.

बुरहानपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य और बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लाख दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती हैं. जिला अस्पताल में एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां एक बच्चे इंदौर रेफर किया जाना था, लेकिन उसे बाहर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाने के लिए न तो कोई स्ट्रेचर मिला और ना ही कोई वार्ड ब्वॉय, बच्चे के परिजन उसे कंधे पर रखकर ले गए.

बच्चे को नहीं मिली एंबुलेंस

बच्चे के परिजनों में से एक सदस्य ने हाथ में सलाइन की बोतल पकड़ रखी थी. तो दूसरे के कंधे पर बच्चे को उठाया था. लेकिन वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ ने इतनी जहमत नहीं उठाई कि बच्चें को स्ट्रेचर पर रखकर उसे एंबुलेंस तक पहुंचा दें. इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है.

मामले में एसडीएम काशीराम बड़ोले से बात की गई, तो उन्होंने बताया मामला बेहद गंभीर है, ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा. इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में ना हों, उन्होंने कहा अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाएं भी की जाएंगी और स्टाफ को भी निर्देश जाएंगे की इस तरह की घटना दोबारा न हों.

Intro:एक्सक्लूसिव
बुरहानपुर। प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री व जिलें के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लाख कोशिशें कर ले लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते प्रदेश सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ गरीब मरीजों को नही मिल पा रहा है, ऐसा ही एक मामला बुरहानपुर जिला अस्पताल में देखने को मिला, जहां से इंदौर रैफर किए बच्चें को एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए ना स्ट्रेचर ओर ना ही कोई वार्ड बॉय आगे आया, जिसके चलते परिजन बच्चे को कंधों पर लेकर एंबुलेंस तक लेकर पहुंचे, इतना ही नहीं एक परिजन ने हाथ मे सलाइन की बोतल पकड़ रखी थी, तो दूसरे के कंधों पर बच्चा था, किंतु वहां मौजूद स्टाफ ने इतनी जहमत नही उठाई की बच्चें की मदद देकर एंबुलेंस तक पहुंचाएं।


Body:जब इस संबंध में एसडीएम काशीराम बड़ोले से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह जो मामला सामने आया है, बेहद गंभीर है, ऐसी घटनाएं नहीं होना चाहिए, यद्यपि इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया जाएगा कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में ना हो, इसके अलावा अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाएं करें और स्टाफ को भी निर्देश दे कि इस प्रकार की घटना की पूर्णावृत्ति ना हो।


Conclusion:बाईट 01:- काशीराम बड़ोले, एसडीएम बुरहानपुर।
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