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जिम्मेदारों की लापरवाही: बुरहानपुर में 400 साल पुरानी कुंडी धंसी

जिलें के उपनगर लालबाग रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर स्थित विश्व प्रसिद्ध कुंडी भंडारा जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है, 400 साल से अधिक पुराने ऐतिहासिक भंडारे की एक कुंडी अचानक धंस गई है, यह कुंडी 4 फीट नीचे तक चली गई है.

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Published : Aug 11, 2020, 3:32 AM IST

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400 साल पुरानी कुंडी धंसी

बुरहानपुर। जिलें के उपनगर लालबाग रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर स्थित विश्व प्रसिद्ध कुंडी भंडारा जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है, दरअसल लगभग 400 साल से अधिक पुराने ऐतिहासिक भंडारे की एक कुंडी अचानक धंस गई है, यह कुंडी 4 फीट नीचे तक चली गई है, जानकारों ने अंदेशा जताया है कि ये कुंडी धंसकर नीचे भी गिर सकती है, कुंडी धंसने के बाद हालात और ना बिगड़े इसके लिए नगर निगम ने कोई व्यवस्था नहीं की है. जबकि कुंडियों से 80 फीट नीचे पानी बहता है, सभी कुंडिया हवा के दबाव के कारण पानी आगे बढ़ाती हैं.

बता दें कि तत्कालीन कलेक्टर दीपक सिंह ने पानी दूषित होने से बचाने के लिए लिफ्ट को बंद करा दी थी, जबकि कुछ जरूरी व्यवस्थाएं करके पर्यटकों को नीचे उतारा जा सकता है, लेकिन जब से कलेक्टर दीपक सिंह ने लिफ्ट बंद कराई हैं, इसके बाद से नगर निगम ने इसे शुरू कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. कई वर्षों से यहां की लिफ्ट की मशीन भी खराब हो चुकी है, यही कारण है कि लिफ्ट में जंग लग गया है, बावजूद इसके नगर निगम ने इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया है. जिसके चलते पर्यटक अद्भूत जल प्रणाली को नहीं देख पा रहे हैं.

गौरतलब है कि कुंडी भंडारा का निर्माण लभगग 400 साल पहले अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने कराया था, ये भूमिगत जल प्रणाली विश्व की एक मात्र जीवित भूमिगत जल प्रणाली है, जो अपने आप में अलग महत्व रखती है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, प्रशासन इस अद्भूत जल प्रणाली की अनदेखी कर रहा है. यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इस जल प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है.

बुरहानपुर। जिलें के उपनगर लालबाग रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर स्थित विश्व प्रसिद्ध कुंडी भंडारा जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है, दरअसल लगभग 400 साल से अधिक पुराने ऐतिहासिक भंडारे की एक कुंडी अचानक धंस गई है, यह कुंडी 4 फीट नीचे तक चली गई है, जानकारों ने अंदेशा जताया है कि ये कुंडी धंसकर नीचे भी गिर सकती है, कुंडी धंसने के बाद हालात और ना बिगड़े इसके लिए नगर निगम ने कोई व्यवस्था नहीं की है. जबकि कुंडियों से 80 फीट नीचे पानी बहता है, सभी कुंडिया हवा के दबाव के कारण पानी आगे बढ़ाती हैं.

बता दें कि तत्कालीन कलेक्टर दीपक सिंह ने पानी दूषित होने से बचाने के लिए लिफ्ट को बंद करा दी थी, जबकि कुछ जरूरी व्यवस्थाएं करके पर्यटकों को नीचे उतारा जा सकता है, लेकिन जब से कलेक्टर दीपक सिंह ने लिफ्ट बंद कराई हैं, इसके बाद से नगर निगम ने इसे शुरू कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. कई वर्षों से यहां की लिफ्ट की मशीन भी खराब हो चुकी है, यही कारण है कि लिफ्ट में जंग लग गया है, बावजूद इसके नगर निगम ने इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया है. जिसके चलते पर्यटक अद्भूत जल प्रणाली को नहीं देख पा रहे हैं.

गौरतलब है कि कुंडी भंडारा का निर्माण लभगग 400 साल पहले अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने कराया था, ये भूमिगत जल प्रणाली विश्व की एक मात्र जीवित भूमिगत जल प्रणाली है, जो अपने आप में अलग महत्व रखती है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, प्रशासन इस अद्भूत जल प्रणाली की अनदेखी कर रहा है. यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इस जल प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है.

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