भोपाल| देश समेत मध्यप्रदेश में आसमान से आग बरस रही है और इस भीषण गर्मी में जबरदस्त जलसंकट देखने को मिल रहा है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाने को लिए मजबूर हैं. वहीं राजधानी भोपाल में बड़ा तालाब होने के बाद भी यहां के बुरे हाल हैं. भोपाल में जितने भी जल स्त्रोत हैं वो आखिरी सांस ले रहे हैं.
राजधानी चार जलस्तत्रोत के भरोसे है नर्मदा, केरवा डैम, कोलार डैम और बड़ा तालाब लेकिन इन चारों की हालत खराब हो चुकी है. शहर का बड़ा तालाब डैड लेवल से निचे पहुंच चुका है. जिसके बाद अब पुराने शहर में जहां बड़े तालाब से पानी की सप्लाई होती है वहां सबसे ज्यादा स्थिति विकराल है. केरवा डैम में एक सप्ताह का पानी बचा हुआ है. वहीं कोलार डैम के भी आने वाले दिनों मे बुरे हाल हो सकते हैं. वहीं मौसम विभाग ने पहले ही संभावना जता दी है कि इस बार मानसून 15 जून के बजाए 20 जून के आसपास आएगा. जिससे आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
शहर के कई इलाकों में लोग टैंकर और पानी खरीदकर अपना काम चला रहा हैं, लेकिन सवाल निगम परिषद पर उठ रह हैं. क्योंकि निगम को पहले से पता था कि बारिश कम हुई है और गर्मी में जलसंकट बढ़ेगा. उसके बाद भी नगम परिषद ने एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई करने वाले प्रस्ताव को लटका रखा था और अब जनता परेशान हो रही है.