भोपाल। शहर में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी.
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि कर्मचारी संघ साड़े 3 साल से पदोन्नति शुरू करने और पदोन्नत पद पर रिक्त होने की तारीख से वरिष्ठता माने जाने की मांग कर रहे है. इसके अलावा केंद्र के समान महंगाई भत्ते, शिक्षकों के समान ग्रेड पे की मांग सरकार के सामने की जा रही थी, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया. उनका कहना है कि 22 अक्टूबर को कर्मचारी संघ मंत्रालय के सामने धरना और सुंदरकांड का पाठ करेगी.
पदोन्नति सहित एक दर्जन मांगों को लेकर मंत्रालयीन कर्मचारियों का आंदोलन - मंत्रालयीन कर्मचारियों का आंदोलन
राजधानी में पदोन्नति सहित एक दर्जन मांगों को लेकर मंत्रालयीन कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
भोपाल। शहर में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी.
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि कर्मचारी संघ साड़े 3 साल से पदोन्नति शुरू करने और पदोन्नत पद पर रिक्त होने की तारीख से वरिष्ठता माने जाने की मांग कर रहे है. इसके अलावा केंद्र के समान महंगाई भत्ते, शिक्षकों के समान ग्रेड पे की मांग सरकार के सामने की जा रही थी, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया. उनका कहना है कि 22 अक्टूबर को कर्मचारी संघ मंत्रालय के सामने धरना और सुंदरकांड का पाठ करेगी.
Body:मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि कर्मचारी संघ साडे 3 साल से बंद पदोन्नति शुरू करने और पदोन्नत पद पर रिक्त होने की तारीख से वरिष्ठता माने जाने की मांग कर रहा है इसके अलावा केंद्र के समान महंगाई भत्ते, शिक्षकों के समान ग्रेड पे की मांग सरकार के सामने उठाता रहा है लेकिन सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए है। अपनी इन मांगों को लेकर कर्मचारी संघ ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। 22 अक्टूबर को कर्मचारी संघ मंत्रालय के सामने धरना और सुंदरकांड का पाठ करेंगे। कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
Conclusion: