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Teachers Day 2021: शिक्षिका ने देश के 'भविष्य' को सिखाया प्रकृति संरक्षण का पाठ, अब सरकार करेगी सम्मान

भोपाल की शिक्षिका वंदना पांडेय (Teacher Vandana Pandey) का मध्य प्रदेश सरकार शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान करेगी. शिक्षिका वंदना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो और इसका निष्पादन कैसे हो इसको लेकर बच्चों को जागरूक किया है.

teacher teaching children
बच्चों को पढ़ा रही शिक्षिका
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Published : Sep 4, 2021, 11:09 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) शिक्षक दिवस (Teacher's Day) पर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 27 शिक्षकों का सम्मान करेगी. इन शिक्षकों में से एक भोपाल की वंदना पांडेय शिक्षक का सम्मान (Honor of Teachers) भी प्रदेश सरकार करेगी. शिक्षिका वंदना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो और इसका निष्पादन कैसे हो इसको लेकर बच्चों को जागरूक किया है.

शिक्षिका वंदना पांडेय का सरकार करेगी सम्मान

वंदना का कहना है कि कोरोना काल (Corona Period) के दौरान कई बार ऐसा भी समय आया जब उनके पास आर्थिक सहायता (Financial Support) फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने खुद का पैसा लगाकर बच्चों के लिए कई गतिविधियां की और मॉडल के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. शिक्षिका वंदना ने ईटीवी भारत के संवाददाता को उनके नवाचार के बारे में बताया...

प्राचार्य का सहयोग लेकर बच्चों को किया जागरूक

शिक्षिका वंदना ने बताया कि उन्होंने वन टाइम प्लास्टिक को कैसे पर्यावरण संरक्षण के लिए यूज किया जा सकता है, इसको लेकर बच्चों को कई मॉडल्स और प्रोजेक्ट बना कर दिए हैं. कोरोना काल के दौरान एक समय ऐसा भी आया कि उनके सामने कई चुनौतियां थी. बच्चे घरों से आ नहीं रहे थे. कई बच्चों के पास ऑनलाइन मोबाइल की सुविधा नहीं थी. ऐसे में उन को जागरूक करना एक बड़ी चुनौती थी. इसके लिए उन्होंने स्कूल की प्राचार्य का सहयोग लिया और बच्चों को जागरूक किया.

MP में स्कूल खुलते ही बढ़ा कोरोना का ग्राफ, तीन दिन में डबल हुए केस, 24 घंटे में सामने आए 22 नए मामले

खुद के पैसे लगाकर बच्चों को सिखाया

शिक्षिका वंदना बताती हैं कि बच्चों के प्रोजेक्ट के लिए कई बार पैसों की भी परेशानी उनके सामने आई. ऐसे में उन्होंने खुद के पैसे से बच्चों के लिए तमाम तरह के प्रोजेक्ट की सामग्री एकत्रित की. उन्हें बताया कि किस तरह से पन्नी का उपयोग एक बार के अलावा किया जा सकता है. इसमें प्लास्टिक का भी उपयोग बच्चों को समझाया गया. वंदना ने बच्चों को बताया कि घरों में जो बचे हुए प्लास्टिक के डिब्बे होते हैं उनका उपयोग छोटे-छोटे गमलों के रूप में कर पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं. इससे वो डब्बे ना तो कचरे में फेंकना पड़ेंगे और उनका उपयोग पर्यावरण के संरक्षण में पौधे लगाकर किया जा सकता.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) शिक्षक दिवस (Teacher's Day) पर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 27 शिक्षकों का सम्मान करेगी. इन शिक्षकों में से एक भोपाल की वंदना पांडेय शिक्षक का सम्मान (Honor of Teachers) भी प्रदेश सरकार करेगी. शिक्षिका वंदना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो और इसका निष्पादन कैसे हो इसको लेकर बच्चों को जागरूक किया है.

शिक्षिका वंदना पांडेय का सरकार करेगी सम्मान

वंदना का कहना है कि कोरोना काल (Corona Period) के दौरान कई बार ऐसा भी समय आया जब उनके पास आर्थिक सहायता (Financial Support) फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने खुद का पैसा लगाकर बच्चों के लिए कई गतिविधियां की और मॉडल के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. शिक्षिका वंदना ने ईटीवी भारत के संवाददाता को उनके नवाचार के बारे में बताया...

प्राचार्य का सहयोग लेकर बच्चों को किया जागरूक

शिक्षिका वंदना ने बताया कि उन्होंने वन टाइम प्लास्टिक को कैसे पर्यावरण संरक्षण के लिए यूज किया जा सकता है, इसको लेकर बच्चों को कई मॉडल्स और प्रोजेक्ट बना कर दिए हैं. कोरोना काल के दौरान एक समय ऐसा भी आया कि उनके सामने कई चुनौतियां थी. बच्चे घरों से आ नहीं रहे थे. कई बच्चों के पास ऑनलाइन मोबाइल की सुविधा नहीं थी. ऐसे में उन को जागरूक करना एक बड़ी चुनौती थी. इसके लिए उन्होंने स्कूल की प्राचार्य का सहयोग लिया और बच्चों को जागरूक किया.

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खुद के पैसे लगाकर बच्चों को सिखाया

शिक्षिका वंदना बताती हैं कि बच्चों के प्रोजेक्ट के लिए कई बार पैसों की भी परेशानी उनके सामने आई. ऐसे में उन्होंने खुद के पैसे से बच्चों के लिए तमाम तरह के प्रोजेक्ट की सामग्री एकत्रित की. उन्हें बताया कि किस तरह से पन्नी का उपयोग एक बार के अलावा किया जा सकता है. इसमें प्लास्टिक का भी उपयोग बच्चों को समझाया गया. वंदना ने बच्चों को बताया कि घरों में जो बचे हुए प्लास्टिक के डिब्बे होते हैं उनका उपयोग छोटे-छोटे गमलों के रूप में कर पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं. इससे वो डब्बे ना तो कचरे में फेंकना पड़ेंगे और उनका उपयोग पर्यावरण के संरक्षण में पौधे लगाकर किया जा सकता.

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