भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों के लिए फसल की सिंचाई के लिए बिजली की समस्या बड़ी चुनौती है. बमुश्किल किसानों के लिए 8 घंटे बिजली हासिल हो पाती है. ऐसे में प्रदेश सरकार नवकरणीय ऊर्जा के जरिए किसानों को 12 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की नई योजना लेकर आ रही है. इस योजना के तहत सोलर प्लांट लगाकर सिंचाई के लिए अलग से फीडर तैयार किए जाएंगे. सोलर प्लांट के फीडर से सिर्फ खेती की सिंचाई की जाएगी और किसानों को 12 घंटे बिजली मिल सकेगी.
फिलहाल किसानों को मिल पाती है बमुश्किल 8 घंटे बिजली
मध्यप्रदेश में किसानों को फसल की सिंचाई के लिए थ्री फेस आधिकारिक तौर पर 8 घंटे के लिए दी जाती है, लेकिन हकीकत ये है कि किसानों को 8 घंटे भी सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल पाती है. ऐसी स्थिति में किसान की फसल बर्बाद होती है या फिर किसान डीजल पंप जैसे साधनों से सिंचाई करता है. जो काफी महंगा पड़ता है. हालांकि सरकार किसानों को सोलर प्लांट से चलने वाले सोलर पंप उपलब्ध करा रही है, लेकिन मौसम की बेरुखी के चलते यह योजना उतनी सफल नहीं हो पाई है.
सोलर प्लांट के अलग फीडर बनाकर सिंचाई के लिए मिलेगी 12 घंटे बिजली
इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने एक नया तरीका निकाला है. कृषि विभाग और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग मिलकर एक नई योजना पर काम कर रहा है. इस योजना के तहत सोलर प्लांट लगाकर किसानों को सिंचाई के लिए बिजली देने के लिए अलग से फीडर बनाएंगे. अलग फीडर बन जाने के बाद जहां किसानों को सिंचाई के लिए 12 घंटे बिजली उपलब्ध होगी. वहीं सरकार का बोझ भी कम होगा और किसानों को भी ना के बराबर पैसे देने होगा.
सिंचाई के क्षेत्र में होगा क्रांतिकारी कदम
मंत्री हरदीप सिंह डंग का कहना है कि किसानों के लिए सबसे अच्छी बात है कि विभाग द्वारा सोलर पंप लगाए जा रहे हैं. जो किसानों और सरकार के लिए फायदेमंद है. अभी एक और स्कीम हम ला रहे हैं, हम सोलर प्लांट लगाकर अलग से फीडर तैयार करेंगे. उसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस व्यवस्था से किसानों को 12 घंटे बिजली मिलेगी,ये एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा.