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रात के समय SDRF जवानों ने किया रेस्क्यू, आपदा से निपटने का किया अभ्यास

प्रदेश में हो रही तेज बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं, उफनते नदी-नाले आफत बन गये हैं, बाढ़ से लोगों का जनजीवन बेहाल है, इस आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने देर रात अभ्यास किया.

रात के समय SDRF जवानों ने किया रेस्क्यू, आपदा से निपटने का किया अभ्यास
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Published : Aug 10, 2019, 11:15 PM IST

भोपाल। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने बीती रात मॉक ड्रिल की, जिसमें रात के समय बचाव कार्य कैसे किया जाये, इसकी ट्रेनिंग हुई. मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ की भोपाल यूनिट ने बीती रात बोट परेड का आयोजन किया, जिसमें एसडीआरएफ के जवानों को बोट परेड कराई गयी, साथ ही बोट इंस्टालेशन, बोट मेन्टेनेंस और बोट को घटनास्थल तक ले जाने का अभ्यास जवानों को कराया गया.

रात के समय SDRF जवानों ने किया रेस्क्यू, आपदा से निपटने का किया अभ्यास

टीम की तैयारी पर खास तौर पर ध्यान दिया गया. रात के समय खोज और बचाव के लिए आस्का लाइट, पेनेकन लाइट, सर्च लाइट के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जवानों की कार्यकुशलता, क्षमता के साथ ही बोट की क्षमता और गुणवत्ता भी परखी गयी. ये आयोजन अशोक दोहारे पुलिस महानिदेशक होमगार्ड नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के आदेशनुसार किया गया था.

ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य ट्रेनियों को इस तरह से प्रशिक्षित करना है कि आपदा के वक्त सरकारी मदद से पहले फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करें और बाढ़ के समय घरेलू सामानों की मदद से बाढ़ से बचने की कोशिश करें. इस दौरान एसडीआरएफ टीम ने बोट परेड, डीप डाइविंग और बोट पलट जाने पर कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को बचाने की ट्रेनिंग दी गई.

इस समय पूरे मध्यप्रदेश में एसडीआरएफ की टीम कई जगहों पर रेस्क्यू कर रही है. बाढ़ के हालात अगले 24 घण्टों में कहीं पर भी बन सकते हैं, ऐसे में जवानों को रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ सकता है, जिसके लिए रात में ट्रेनिंग दी गयी.

भोपाल। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने बीती रात मॉक ड्रिल की, जिसमें रात के समय बचाव कार्य कैसे किया जाये, इसकी ट्रेनिंग हुई. मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ की भोपाल यूनिट ने बीती रात बोट परेड का आयोजन किया, जिसमें एसडीआरएफ के जवानों को बोट परेड कराई गयी, साथ ही बोट इंस्टालेशन, बोट मेन्टेनेंस और बोट को घटनास्थल तक ले जाने का अभ्यास जवानों को कराया गया.

रात के समय SDRF जवानों ने किया रेस्क्यू, आपदा से निपटने का किया अभ्यास

टीम की तैयारी पर खास तौर पर ध्यान दिया गया. रात के समय खोज और बचाव के लिए आस्का लाइट, पेनेकन लाइट, सर्च लाइट के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जवानों की कार्यकुशलता, क्षमता के साथ ही बोट की क्षमता और गुणवत्ता भी परखी गयी. ये आयोजन अशोक दोहारे पुलिस महानिदेशक होमगार्ड नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के आदेशनुसार किया गया था.

ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य ट्रेनियों को इस तरह से प्रशिक्षित करना है कि आपदा के वक्त सरकारी मदद से पहले फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करें और बाढ़ के समय घरेलू सामानों की मदद से बाढ़ से बचने की कोशिश करें. इस दौरान एसडीआरएफ टीम ने बोट परेड, डीप डाइविंग और बोट पलट जाने पर कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को बचाने की ट्रेनिंग दी गई.

इस समय पूरे मध्यप्रदेश में एसडीआरएफ की टीम कई जगहों पर रेस्क्यू कर रही है. बाढ़ के हालात अगले 24 घण्टों में कहीं पर भी बन सकते हैं, ऐसे में जवानों को रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ सकता है, जिसके लिए रात में ट्रेनिंग दी गयी.

Intro:भोपाल- किसी भी आपदा जैसे कि बाढ़ आदि से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम पूरी तरह तैयार है या नहीं इसकी जांच के लिए कई दिनों से अलग-अलग तरह से मॉकड्रिल किया जा रहा है और इसी कड़ी में एसडीआरएफ की टीम ने कल देर रात भी एक मॉकड्रिल किया जिसमें रात के समय बचाव कार्य कैसे किये जाते है इसकी ट्रेनिंग हुई।
अशोक दोहारे पुलिस महानिदेशक होमगार्ड नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के आदेशनुसार इस मॉकड्रिल को किया गया।Body:कल रात हुई इस मॉकड्रिल में एसडीआरएफ की भोपाल यूनिट ने रात्रि बोट परेड का आयोजन किया जिसमें एसडीआरएफ के जवानों को बोट परेड कराई गयी,जिसमें बोट इंस्टालेशन, बोट मेन्टेन्स और बोट को घटना स्थल तक ले जाने में जवानों का अभ्यास कराया गया जहां उनकी तैयारी पर खास तौर पर ध्यान दिया गया।
साथ ही रात के समय खोज और बचाव के के लिए आस्का लाइट,पेनेकन लाइट, सर्च लाइट के साथ
विशेष प्रशिक्षण दिया गया जिसमें जवानों की कार्यकुशलता,क्षमता के साथ बोट की क्षमता और गुणवत्ता की जांच की गयी।Conclusion:इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य ट्रेनियों को इस तरह की ट्रेनिंग देना है कि आपदा के वक़्त सरकारी मदद से पहले फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करें और बाढ़ के समय घरेलू सामानों की मदद से बाढ़ से बचने की कोशिश करें। इस दौरान एसडीआरएफ टीम ने बोट परेड,डीप डाइविंग और बोट पलट जाने पर कम से कम समय में घटना स्थल पर पहुंचकर घायलों को बचाने का डेमोस्ट्रेशन दिया।
बता दें कि इस समय पूरे मध्यप्रदेश में एसडीआरएफ की टीम कई जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है। बाढ़ के हालात अगले 24 घण्टों में कहीं पर भी बन सकते है ऐसे में जवानों को रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ सकता है जिसके लिए रात में ट्रेनिंग दी गयी।
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