भोपाल। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने बीती रात मॉक ड्रिल की, जिसमें रात के समय बचाव कार्य कैसे किया जाये, इसकी ट्रेनिंग हुई. मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ की भोपाल यूनिट ने बीती रात बोट परेड का आयोजन किया, जिसमें एसडीआरएफ के जवानों को बोट परेड कराई गयी, साथ ही बोट इंस्टालेशन, बोट मेन्टेनेंस और बोट को घटनास्थल तक ले जाने का अभ्यास जवानों को कराया गया.
टीम की तैयारी पर खास तौर पर ध्यान दिया गया. रात के समय खोज और बचाव के लिए आस्का लाइट, पेनेकन लाइट, सर्च लाइट के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जवानों की कार्यकुशलता, क्षमता के साथ ही बोट की क्षमता और गुणवत्ता भी परखी गयी. ये आयोजन अशोक दोहारे पुलिस महानिदेशक होमगार्ड नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के आदेशनुसार किया गया था.
ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य ट्रेनियों को इस तरह से प्रशिक्षित करना है कि आपदा के वक्त सरकारी मदद से पहले फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करें और बाढ़ के समय घरेलू सामानों की मदद से बाढ़ से बचने की कोशिश करें. इस दौरान एसडीआरएफ टीम ने बोट परेड, डीप डाइविंग और बोट पलट जाने पर कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को बचाने की ट्रेनिंग दी गई.
इस समय पूरे मध्यप्रदेश में एसडीआरएफ की टीम कई जगहों पर रेस्क्यू कर रही है. बाढ़ के हालात अगले 24 घण्टों में कहीं पर भी बन सकते हैं, ऐसे में जवानों को रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ सकता है, जिसके लिए रात में ट्रेनिंग दी गयी.