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मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून लागू - लव जिहाद

मध्य प्रदेश में लव जिहाद को रोकने के लिए लाए गए धर्म स्वतांत्र्य कानून प्रदेश में आज से लागू हो गया है.

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लव जिहाद
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Published : Jan 9, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 7:35 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लव जिहाद को रोकने के लिए लाए गए धर्म स्वातंत्र्य कानून प्रदेश में आज से लागू हो गया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने शुक्रवार को यह अध्यादेश विधि एवं विधायी विभाग को भेजा था. यहां से इसे स्वीकार कर अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन के लिए शासकीय प्रेस भेजा गया. जहां अधिसूचना के साथ ही यह कानून लागू हो गया.

कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी

राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन जारी होते ही, सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं. अब मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत केस दर्ज हो सकेंगे.

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राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को उत्तर प्रदेश राजभवन भेजा गया था. जहां आज राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी.

मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए शिवराज सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश लाया था. शिवराज कैबिनेट से इस विधेयक को स्वीकृति मिलने के बाद अध्यादेश लाया गया था. मंत्री परिषद के अनुमोदन के बाद इस अध्यादेश के मसौदे को उत्तर प्रदेश राजभवन भेजा गया था.

धर्म स्वातंत्र्य कानून में है यह प्रावधान

  • धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
  • धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होगा.
  • धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान होगा.
  • धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.

इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में लव जिहाद को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि लव जिहाद को रोकने के लिए मध्यप्रदेश में कड़ा कानून लाया जाएगा. कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान इस कानून में होगा. लिहाजा मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इस कानून का पूरा मसौदा तैयार किया गया और कैबिनेट से मुहर लगने के बाद इस विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखा जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते विधानसभा का शीतकालीन सत्र निरस्त कर दिया गया. जिसके बाद सरकार ने इसे लेकर अध्यादेश लाया और अब इस अध्यादेश को राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है. जिसके बाद धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश अब कानून बन गया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में लव जिहाद को रोकने के लिए लाए गए धर्म स्वातंत्र्य कानून प्रदेश में आज से लागू हो गया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने शुक्रवार को यह अध्यादेश विधि एवं विधायी विभाग को भेजा था. यहां से इसे स्वीकार कर अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन के लिए शासकीय प्रेस भेजा गया. जहां अधिसूचना के साथ ही यह कानून लागू हो गया.

कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी

राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन जारी होते ही, सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं. अब मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत केस दर्ज हो सकेंगे.

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राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को उत्तर प्रदेश राजभवन भेजा गया था. जहां आज राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी.

मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए शिवराज सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश लाया था. शिवराज कैबिनेट से इस विधेयक को स्वीकृति मिलने के बाद अध्यादेश लाया गया था. मंत्री परिषद के अनुमोदन के बाद इस अध्यादेश के मसौदे को उत्तर प्रदेश राजभवन भेजा गया था.

धर्म स्वातंत्र्य कानून में है यह प्रावधान

  • धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
  • धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होगा.
  • धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान होगा.
  • धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.

इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में लव जिहाद को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि लव जिहाद को रोकने के लिए मध्यप्रदेश में कड़ा कानून लाया जाएगा. कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान इस कानून में होगा. लिहाजा मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इस कानून का पूरा मसौदा तैयार किया गया और कैबिनेट से मुहर लगने के बाद इस विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखा जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते विधानसभा का शीतकालीन सत्र निरस्त कर दिया गया. जिसके बाद सरकार ने इसे लेकर अध्यादेश लाया और अब इस अध्यादेश को राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है. जिसके बाद धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश अब कानून बन गया है.

Last Updated : Jan 9, 2021, 7:35 PM IST
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