ETV Bharat / state

मुस्लिम वोट बैंक को BJP के पाले में करने के लिए RSS का ये है एक्शन प्लान - अभ्यास वर्ग में देशभर से स्वयंसेवक शामिल होंगे

विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान में मुस्लिम वोटर्स को बीजेपी के करीब लाने के लिए आरएसएस ने रणनीति बनाई है. 2024 के आम चुनाव के पहले बीजेपी और मुसलमानों के बीच मजबूत पुल बनाने की तैयारी संघ जुटा है. 'सच्चा मुसलमान अच्छा नागरिक' कैम्पेन के साथ संघ की शाखा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच देशभर के मंच से जुड़े कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने जा रहा है.

RSS action plan for Muslim
मुस्लिम वोट बैंक को BJP के पाले में करने के लिए RSS का ये है एक्शन प्लान
author img

By

Published : Jun 7, 2023, 6:30 PM IST

भोपाल। आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अभ्यास वर्ग के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है. भोपाल में 8 से 11 जून तक चलने वाले इस अभ्यास वर्ग के पीछे राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की खास रणनीति है. आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इसे अमृतकाल का अभ्यास वर्ग नाम दिया गया है. आरएसएस के लिए मुस्लिमों के बीच काम करने वाला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच लंबे अंतराल के बाद अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन करने जा रहा है. भोपाल में होने जा रहे इस अभ्यास वर्ग के लिए जगह का चुनाव बहुत कुछ दर्शाता है.

देशभर से स्वयंसेवक शामिल होंगे : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद के मुताबिक 'एक एक निशान एक विधान एक राष्ट्रगान और एक कानून' मुद्दे को मुस्लिम समाज के बीच एक अभियान की तरह पहुंचाने की तैयारी है. दूसरी तरफ, 'सच्चा मुसलमान अच्छा मुसलमान' इस पर भी वृहद स्तर पर काम होगा. शाहिद सईद के मुताबिक इस अभ्यास वर्ग में देशभर से स्वयंसेवक शामिल होंगे. मंच की देश के 26 राज्यों और 350 से ज्यादा जिलो में शाखाएं हैं. इसे अमृतकाल अभ्यास वर्ग नाम दिया गया है. जिसमें देशभर से 500 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. अभ्यास वर्ग में आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के साथ ही अन्य बुद्धिजीवियों का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा.

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की भूमिका : शाहिद सईद ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने से लेकर कश्मीर में धारा 370, 35ए के खिलाफ जनजागरण के विषय तक को बड़ी गंभीरता से लोगों के समक्ष रखने का काम किया है. तीन तलाक पर जागरूकता अभियान चलाकर कानूनी अमलीजामा पहनाने में भी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बता दें कि मध्यप्रदेश के लिए ये पहला मौका है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का राष्ट्रीय स्तर का कोई अभ्यास वर्ग लगा रहा है. एमपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसका सियासी गणित है. बीजेपी के करीब लाने में ये कार्यकर्ता ही कैटेलिस्ट का काम करेंगे.

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

मुस्लिम वोटर को मौका देने में पीछे हैं पार्टियां : बीजेपी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में सबसे बड़ी चुनौती है मुस्लिम वर्ग की अनदेखी. ये केवल बीजेपी के मामले में ही नहीं है. एक समय तक मजबूत वोट बैंक रहे मुसलमानों को मौका देने में कांग्रेस भी पीछे रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव इसकी बानगी देखी गई थी. इन चुनाव में करीब 40 लाख मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद बीजेपी की ओर से केवल एक और कांग्रेस की तरफ से केवल तीन मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए थे. राजधानी भोपाल की उत्तर और मध्य विधानसभा सीट के अलावा प्रदेश की 230 सीटों में से दो दर्जन से ज्यादा ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है.

भोपाल। आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अभ्यास वर्ग के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है. भोपाल में 8 से 11 जून तक चलने वाले इस अभ्यास वर्ग के पीछे राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की खास रणनीति है. आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इसे अमृतकाल का अभ्यास वर्ग नाम दिया गया है. आरएसएस के लिए मुस्लिमों के बीच काम करने वाला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच लंबे अंतराल के बाद अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन करने जा रहा है. भोपाल में होने जा रहे इस अभ्यास वर्ग के लिए जगह का चुनाव बहुत कुछ दर्शाता है.

देशभर से स्वयंसेवक शामिल होंगे : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद के मुताबिक 'एक एक निशान एक विधान एक राष्ट्रगान और एक कानून' मुद्दे को मुस्लिम समाज के बीच एक अभियान की तरह पहुंचाने की तैयारी है. दूसरी तरफ, 'सच्चा मुसलमान अच्छा मुसलमान' इस पर भी वृहद स्तर पर काम होगा. शाहिद सईद के मुताबिक इस अभ्यास वर्ग में देशभर से स्वयंसेवक शामिल होंगे. मंच की देश के 26 राज्यों और 350 से ज्यादा जिलो में शाखाएं हैं. इसे अमृतकाल अभ्यास वर्ग नाम दिया गया है. जिसमें देशभर से 500 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. अभ्यास वर्ग में आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के साथ ही अन्य बुद्धिजीवियों का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा.

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की भूमिका : शाहिद सईद ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने से लेकर कश्मीर में धारा 370, 35ए के खिलाफ जनजागरण के विषय तक को बड़ी गंभीरता से लोगों के समक्ष रखने का काम किया है. तीन तलाक पर जागरूकता अभियान चलाकर कानूनी अमलीजामा पहनाने में भी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बता दें कि मध्यप्रदेश के लिए ये पहला मौका है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का राष्ट्रीय स्तर का कोई अभ्यास वर्ग लगा रहा है. एमपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसका सियासी गणित है. बीजेपी के करीब लाने में ये कार्यकर्ता ही कैटेलिस्ट का काम करेंगे.

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

मुस्लिम वोटर को मौका देने में पीछे हैं पार्टियां : बीजेपी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में सबसे बड़ी चुनौती है मुस्लिम वर्ग की अनदेखी. ये केवल बीजेपी के मामले में ही नहीं है. एक समय तक मजबूत वोट बैंक रहे मुसलमानों को मौका देने में कांग्रेस भी पीछे रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव इसकी बानगी देखी गई थी. इन चुनाव में करीब 40 लाख मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद बीजेपी की ओर से केवल एक और कांग्रेस की तरफ से केवल तीन मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए थे. राजधानी भोपाल की उत्तर और मध्य विधानसभा सीट के अलावा प्रदेश की 230 सीटों में से दो दर्जन से ज्यादा ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.