भोपाल। मध्य प्रदेश में गेहूं के उपार्जन के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उधर, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार से गेहूं की खरीदी 3 हजार रुपए प्रति क्विटंल के रेट पर करने की मांग की है. जीतू पटवारी ने कहा है कि वे यह मांग राजनीतिक भावना से नहीं, बल्कि किसान होने के नाते कर रहूं हूं और खेती किसानी से जुड़े बीजेपी विधायकों को भी इस बात को उठाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि करीबन 15 साल पहले शिवराज सरकार ने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन आय के स्थान पर लागत दो गुनी हो गई है, इसलिए सरकार को लागत के हिसाब से गेहूं की खरीदी करनी चाहिए.
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#किसानों के अन्न से 80 करोड़ जनता का पेट भर रही @BJP4India यह नहीं भूले कि आय नहीं, अब लागत दोगुनी हो गई है!@ChouhanShivraj जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
गेहूं की सरकारी खरीदी ₹3000/- प्रति क्विंटल होना चाहिए. इससे किसान का घाटा कम होगा और तात्कालिक राहत मिलेगी.@PMOIndia | @narendramodi pic.twitter.com/PWtUg99Eb4
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गेहूं की सरकारी खरीदी ₹3000/- प्रति क्विंटल होना चाहिए. इससे किसान का घाटा कम होगा और तात्कालिक राहत मिलेगी.@PMOIndia | @narendramodi pic.twitter.com/PWtUg99Eb4#किसानों के अन्न से 80 करोड़ जनता का पेट भर रही @BJP4India यह नहीं भूले कि आय नहीं, अब लागत दोगुनी हो गई है!@ChouhanShivraj जी,
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गेहूं की सरकारी खरीदी ₹3000/- प्रति क्विंटल होना चाहिए. इससे किसान का घाटा कम होगा और तात्कालिक राहत मिलेगी.@PMOIndia | @narendramodi pic.twitter.com/PWtUg99Eb4#किसानों के अन्न से 80 करोड़ जनता का पेट भर रही @BJP4India यह नहीं भूले कि आय नहीं, अब लागत दोगुनी हो गई है!@ChouhanShivraj जी,
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गेहूं की सरकारी खरीदी ₹3000/- प्रति क्विंटल होना चाहिए. इससे किसान का घाटा कम होगा और तात्कालिक राहत मिलेगी.@PMOIndia | @narendramodi pic.twitter.com/PWtUg99Eb4
ट्वीट कर कहा सभी मिलकर उठाएं आवाज: कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार के ऐलान के बाद भी किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, लेकिन खेती की लागत जरूर दोगुनी हो गई है. "मेरा पूरा परिवार खेती किसानी से जुड़ा है, किसानों के काम काज से लेकर उनके दर्द को मैं अच्छे से समझता हूं. इसलिए सरकार से मांग करता हूं कि गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल किया जाए". उन्होंने बीजेपी विधायकों से भी अपील की है कि किसानों की भलाई के लिए सभी इस मांग को लेकर साथ आएं. (MP Wheat MSP)
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सरकार ने किया है 2 हजार 125 का रेट तय: उधर, राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 6 फरवरी से किसानों का पंजीयन शुरू किया जा चुका है. पंजीयन की यह प्रक्रिया 28 फरवरी तक चलेगी. इसके बाद उपार्जन की तारीख तय की जाएगी. पंजीकृत किसानों से गेहूं खरीदी के लिए 2 हजार 125 रुपए का समर्थन मूल्य तय किया गया है. उम्मीद है कि इसमें कुछ और बढ़ोत्तरी की जा सकती है. पिछले साल इसमें 110 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी. इसके पहले साल 2020-21 में 2 हजार 15 रुपए समर्थन मूल्य रखा गया था. हालांकि, पिछले साल प्रदेश से बड़ी मात्रा में गेहूं निर्यात किया गया था, जिसकी वजह से समर्थन मूल्य की अपेक्षा किसानों को बाजार से 2400 रुपए तक का रेट मिला था.