भोपाल। पटवारी भर्ती मामले में घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोशनपुरा चौराहे से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च कर घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने बाणगंगा चौराहे के पास इन कार्यकर्ताओं को बैरिकेड लगाकर रोक लिया. जिसके चलते पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जमकर बहस बाजी हुई और नोबत हाथापाई तक पहुंच गई. विरोध बढ़ता देख पुलिस ने वाटर केनन के माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खदेड़ने का प्रयास किया. जिसके चलते पानी की बौछार और बैरिकेड से गिरने पर कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लगाए आरोप: कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना की आंख से खून बहता रहा तो कांग्रेस नेत्री दीपिका राणा के सर में गंभीर चोट आई है. जिन्हें कांग्रेस कार्यकर्ता उठाकर ले गए. इधर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि पुलिस ने बैरिकेड पर चढ़ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पैरों को खींचा और धक्का दिया, जिस वजह से कार्यकर्ता गिर गए.
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही भाजपा: प्रदर्शन में शामिल पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि ''पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है और रिजल्ट में जिस तरह से मैरिट लिस्ट लाई गई है, यह बीजेपी के ही लोग हैं, जो इस तरह से व्यापम घोटाला-3 कर रहे हैं.'' वहीं दूसरी ओर कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना का कहना था कि ''बीजेपी सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. घोटाले करते हुए उन लोगों को नियुक्तियां दी जा रही है और चयन किया जा रहा है जिन्होंने पैसा दिया है.'' उनका कहना था कि आगे भी सड़क पर इस तरह का आंदोलन लगातार जारी रहेगा.
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पुलिस ने दिया महिला कार्यकर्ताओं को धक्का: कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगी चोट के बाद महिला कार्यकर्ताओं का कहना था कि ''पुलिस ने कार्यकर्ताओं को धक्का दिया साथ ही बैरिकेड पर खड़ी महिला कार्यकर्ता का पुलिस ने पैर खींचा, जिस वजह से उन्हें चोटें आई हैं.'' इससे नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के नेतृत्व में वहीं सड़क पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी करते रहे. उनका कहना था कि बीजेपी सरकार पुलिस को आगे कर कर इनकी आवाज नहीं दबा सकती.
बिना अनुमति सीएम हाउस जा रहे थे कांग्रेसी: वहीं, मामले पर ASP राजेश भदौरिया का कहना है कि ''पुलिस ने कोई बल प्रयोग नहीं किया है. यह कार्यकर्ता अपने आप ही बैरिकेड से गिरे हैं. वहीं, कई पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है, जिन का मेडिकल कराया जा रहा है. यह सभी कांग्रेस कार्यकर्ता बिना अनुमति के सीएम हाउस घेरने जा रहे थे, इसके चलते इन्हें यहां रोका गया.''
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भोपाल में एक जन आंदोलन के दौरान भोपाल के शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री मोनू सक्सेना और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शिवराज सरकार ने जिस तरह बर्बरता का व्यवहार किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं। श्री सक्सेना का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं…
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कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा: घटना पर पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि ''भोपाल में एक जन आंदोलन के दौरान भोपाल के शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोनू सक्सेना और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शिवराज सरकार ने जिस तरह बर्बरता का व्यवहार किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं. सक्सेना का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मैं शिवराज सिंह चौहान सरकार से बहुत साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकार उखाड़ने का मन बना लिया है. आपके इस अत्याचार से ना तो कांग्रेस के कार्यकर्ता डरने वाले हैं और ना मध्य प्रदेश की जनता. कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से कुशासन को उखाड़ फेंकने की लड़ाई लड़ता रहेगा.'' वहीं अरुण यादव ने कहा कि ''आज पटवारी भर्ती घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री निवास घेराव करने जा रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज व वाटर कैनन का उपयोग किया, जिसमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप मोनू सक्सेना व अन्य साथी गंभीर घायल हुए हैं. प्रशासन द्वारा की गई यह बर्बरतापूर्ण कार्यवाही का हम सब प्रदेशवासी विरोध करते हैं.''