ETV Bharat / state

लाडली बहनों को हजार रुपए दिलाने पेड़ पर लटके पंचायत सचिव, कर्मचारी की कर्मठता से पूरा होगा टारगेट - panchayat secretary climbed tree to fill form

सीहोर जिले में पंचायत के सचिव छत और पेड़ पर चढ़कर नेट कनेक्टीविटी ढूंढ रहे हैं. कुछ ऐसे ही नजारे सामने आए हैं इछावर क्षेत्र के ग्राम बाबडिया जोड़ और लोहा पठार से. जो आज की संचार क्रांति के दौर में संकेत दे रहे हैं की ऑनलाइन कार्य सुविधा ही नहीं परेशानी भी हैं. लाडली बहना योजना, क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या के कारण बहनों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. आलम यह है कि पंजीयन कराने के लिए संबंधित पंचायत सचिव भवन की छत या पेड़ पर चढ़कर कनेक्टीविटी ढूंढ रहे हैं.

Panchayat secretary climbed tree for womens
लाडली बहनों को हजार रुपए दिलाने पेड़ पर लटके पंचायत सचिव
author img

By

Published : Apr 6, 2023, 3:44 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 4:04 PM IST

लाडली बहनों को हजार रुपए दिलाने पेड़ पर लटके पंचायत सचिव

भोपाल। चुनावी साल में सरकार की चुनौती.....कर्मचारी का इम्तेहान और बहनों की आस. इस तस्वीर को देखिए और समझिए कि नेताओं की जुबान से निकली योजनाएं जमीन पर लाने में जोखिम कितने हैं. सोशल मीडिया पर दौड़ रही ये तस्वीर सीहोर जिले के इछावर की बताई जा रही है. पेड़ पर जान जोखिम में लिए लटके ये महाशय पंचायत सचिव हैं और इस आस में आसमान छूने पेड़ पर चढ़े हैं कि नेटवर्क मिल जाए. लाड़ली बहना योजना के टारगेट को पूरा करने की है ये कवायद. ऐसे ही कर्मचारियों की बदौलत लाड़ली बहना योजना में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा बहुत जल्द 50 लाख को पार कर गया है.

सरकार का चुनावी टारगेट, पंचायत सचिव की परीक्षा: चुनावी साल में गेम चैंजर बतौर उतारी गई शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक सबका एक लक्ष्य है कि जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा इस योजना में रजिस्ट्रेशन हों. पिछले दिनों कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपने जिले हरदा में दस दिन के भीतर शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रख दिया प्रशासन के सामने. अब ये टारगेट पूरा कैसे होगा. ये तस्वीर उसी की बानगी है. जो टारगेट का दबाव ऊपर से चलता है वो इस तरह नीचे तक आता है और पंचायत सचिव को पेढ़ पर चढ़ने मजबूर कर जाता है. मुमकिन था कि सीहोर जिले के ये पंचायत सचिव भी नेटवर्क का बहाना करके टाल जाते. क्या जरुरत थी उन्हें इस तरह से पेड़ पर चढ़ कर रजिस्ट्रेशन पूरा करने की. लेकिन एक तरफ नीचे खड़ी उम्मीद भरी नजरों से उन्हें देखती महिलाएं और फिर सिस्टम का डंडा. पंचायत सचिव नेटवर्क की आस मे पेड़ पर लटक गए कि कहीं तो मिलेगा. जहां मिलेगा वहां से ही लाड़ली बहना योजना की सारी सरकारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.

झाबुआ में पहाड़ पर चढ़कर हुए थे रजिस्ट्रेशन: सरकार में किए गए एलान किस तरह से कर्मचारियों के लिए इम्तेहान बनते हैं. उसकी मिसाल झाबुआ जिले में भी पेश हुई थी. झाबुआ जिले के पेटलावद की ग्राम पंचायत मोहकमपुरा के चंद्रगढ़ गांव में गिट्टी गारे पर पूरा दफ्तर जमा हुआ था. असल में नेटवर्क पकड़ते पकड़ते सरकारी दफ्तर मय लैपटॉप के झाबुआ जिले के पेटलावद की पहाड़ी तक चला आय था. नेटवर्क मिला तो लाडली बहन योजना के लिए जरुरी जानकारियां पोर्टल पर अपडेट करने कर्मचारी पहाड़ी तक चले आए. झाबुआ जिले में लाडली बहना योजना को लेकर अभियान चल रहा है.

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

बहन के खाते में एक हजार, शर्तें कई हैं: शिवराज सरकार की लाड़ली बहन योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर युवतियों और महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त और स्वतंत्र करने की योजना है. सरकार इस योजना में अगले पांच साल में 60 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. हांलाकि योजना को लेकर शर्तें कई हैं. इस योजना में आयु वर्ग 23 से 60 वर्ष की है. इसमें गरीब और निम्न मध्यवर्गीय की महिलाएं हीं इसकी पात्र होंगी. पात्रता के लिए बहन के परिवार की आय ढाई लाख रुपए से कम होनी चाहिए. कृषि भूमि भी पांच एकड़ से कम होनी चाहिए. सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की सभी महिलाओ को इस योजना के लिए पात्र की श्रेणी में रखा है.

लाडली बहनों को हजार रुपए दिलाने पेड़ पर लटके पंचायत सचिव

भोपाल। चुनावी साल में सरकार की चुनौती.....कर्मचारी का इम्तेहान और बहनों की आस. इस तस्वीर को देखिए और समझिए कि नेताओं की जुबान से निकली योजनाएं जमीन पर लाने में जोखिम कितने हैं. सोशल मीडिया पर दौड़ रही ये तस्वीर सीहोर जिले के इछावर की बताई जा रही है. पेड़ पर जान जोखिम में लिए लटके ये महाशय पंचायत सचिव हैं और इस आस में आसमान छूने पेड़ पर चढ़े हैं कि नेटवर्क मिल जाए. लाड़ली बहना योजना के टारगेट को पूरा करने की है ये कवायद. ऐसे ही कर्मचारियों की बदौलत लाड़ली बहना योजना में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा बहुत जल्द 50 लाख को पार कर गया है.

सरकार का चुनावी टारगेट, पंचायत सचिव की परीक्षा: चुनावी साल में गेम चैंजर बतौर उतारी गई शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक सबका एक लक्ष्य है कि जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा इस योजना में रजिस्ट्रेशन हों. पिछले दिनों कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपने जिले हरदा में दस दिन के भीतर शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रख दिया प्रशासन के सामने. अब ये टारगेट पूरा कैसे होगा. ये तस्वीर उसी की बानगी है. जो टारगेट का दबाव ऊपर से चलता है वो इस तरह नीचे तक आता है और पंचायत सचिव को पेढ़ पर चढ़ने मजबूर कर जाता है. मुमकिन था कि सीहोर जिले के ये पंचायत सचिव भी नेटवर्क का बहाना करके टाल जाते. क्या जरुरत थी उन्हें इस तरह से पेड़ पर चढ़ कर रजिस्ट्रेशन पूरा करने की. लेकिन एक तरफ नीचे खड़ी उम्मीद भरी नजरों से उन्हें देखती महिलाएं और फिर सिस्टम का डंडा. पंचायत सचिव नेटवर्क की आस मे पेड़ पर लटक गए कि कहीं तो मिलेगा. जहां मिलेगा वहां से ही लाड़ली बहना योजना की सारी सरकारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.

झाबुआ में पहाड़ पर चढ़कर हुए थे रजिस्ट्रेशन: सरकार में किए गए एलान किस तरह से कर्मचारियों के लिए इम्तेहान बनते हैं. उसकी मिसाल झाबुआ जिले में भी पेश हुई थी. झाबुआ जिले के पेटलावद की ग्राम पंचायत मोहकमपुरा के चंद्रगढ़ गांव में गिट्टी गारे पर पूरा दफ्तर जमा हुआ था. असल में नेटवर्क पकड़ते पकड़ते सरकारी दफ्तर मय लैपटॉप के झाबुआ जिले के पेटलावद की पहाड़ी तक चला आय था. नेटवर्क मिला तो लाडली बहन योजना के लिए जरुरी जानकारियां पोर्टल पर अपडेट करने कर्मचारी पहाड़ी तक चले आए. झाबुआ जिले में लाडली बहना योजना को लेकर अभियान चल रहा है.

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

बहन के खाते में एक हजार, शर्तें कई हैं: शिवराज सरकार की लाड़ली बहन योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर युवतियों और महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त और स्वतंत्र करने की योजना है. सरकार इस योजना में अगले पांच साल में 60 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. हांलाकि योजना को लेकर शर्तें कई हैं. इस योजना में आयु वर्ग 23 से 60 वर्ष की है. इसमें गरीब और निम्न मध्यवर्गीय की महिलाएं हीं इसकी पात्र होंगी. पात्रता के लिए बहन के परिवार की आय ढाई लाख रुपए से कम होनी चाहिए. कृषि भूमि भी पांच एकड़ से कम होनी चाहिए. सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की सभी महिलाओ को इस योजना के लिए पात्र की श्रेणी में रखा है.

Last Updated : Apr 6, 2023, 4:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.