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500 करोड़ की गलती सुधारेगी MP सरकार! भोपाल BRTS तोड़ने की तैयारी, अगला नंबर इंदौर का

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Published : Apr 28, 2022, 1:11 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 7:01 PM IST

आम आदमी जो पैसा सरकार को टैक्स के रूप में देता है, उसका कैसा दुरुपयोग होता है. इसका सबसे श्रेष्ठ उदाहरण मध्यप्रदेश के दो सबसे बड़े शहर इंदौर और भोपाल में बनाए गए बीआरीएस कॉरिडोर हैं. भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर योजना पर अब तक 500 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च हो चुके हैं. हजारों हरे-भरे पेड़ों को नष्ट कर दिया गया. अब इस कॉरिडोर को हटाने की तैयारी की जा रही है. (MP Ajab hai Gazab hai) (Preparations to end Bhopal's BRTS) (Bhopal's BRTS made of crores of rupees)

Preparations to end Bhopal's BRTS
भोपाल का बीआरटीएस खत्म करने की तैयारी

भोपाल। जनता के पैसों और उसके भरे टैक्स के साथ माननीय क्या सुलूक करते हैं, इसकी एक बानगी बुधवार को राजधानी में हबीबगंज अंडर ब्रिज के उद्घाटन के दौरान देखने को मिली. यहां भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को उखाड़ फेंकने का निर्णय लिया गया. इस बीआरटीएस कॉरिडोर पर 2009 से अभी तक 450 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं. 24 किलोमीटर के इस कॉरिडोर के निर्माण के समय कई दुर्घटनाएं हुईं. हजारों पेड़ों को काटा गया. इसके निर्माण से पहले आने वाले 10 साल में कितना ट्रैफिक बढ़ेगा, इस पर विचार नहीं किया गया. ये बहुत गंभीर व बड़ा सवाल है.

Preparations to end Bhopal's BRTS
भोपाल का बीआरटीएस खत्म करने की तैयारी

अब तक 450 करोड़ रुपए खर्च : भोपाल के 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर पर अब तक 450 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. 10 सालों में विभिन्न एजेंसियों के जरिए 203 करोड़ के आसपास मेंटेनेंस पर खर्च कर दिया. बीआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण के समय लागत एक किमी पर 12 करोड़ आई थी. लालघाटी ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 500 मीटर कॉरिडोर तोड़ा गया. तोड़ने की लागत 6 करोड़ और फिर मेंटेनेंस पर एक करोड़ खर्च हुए थे. इसी तरह वीर सावरकर सेतु से बोर्ड आफिस चौराहे तक 3.6 किमी कॉरिडोर मेट्रो प्रोजेक्ट और पीडब्ल्यूडी के फ्लाइओवर ब्रिज प्रोजेक्ट के कारण खत्म ही गया.

नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने की घोषणा : बुधवार को अंडर ब्रिज के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि की शहर की सड़कों पर फैला बीआरटीएस कॉरिडोर का जाल आम जनता के लिए परेशानी पैदा कर रहा है. इन कॉरिडोर को हटाएंगे. जब तक इसे हटाने का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक के लिए बहुत भीड़भाड़ व जरूरत वाले क्षेत्रों में इसे पांच-पांच घंटे के लिए खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि भोपाल व इंदौर की सड़कों से कॉरिडोर हटाने की मांग समय-समय पर उठती रही है. कांग्रेस के कार्यकाल में नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता के बारे में अधिकारियों से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था, परंतु उसके बाद उस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी मिला समर्थन : अंडरब्रिज उद्घाटन के मौके पर भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर ने सबसे पहले बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की मांग की थी. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री को उन्होंने बताया कि शहर की सड़कों पर शाम के समय दबाव बढ़ जाता है. जाम लगता है और लोग फंस जाते हैं. दिनभर काम करने वाले लोगों को घर पहुंचने में देरी होती है. जो लोग बाजार के लिए निकलते हैं, उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मंत्री को आवेदन भी दिया है.

एमपी बोर्ड के 10 वीं और 12वीं का रिजल्ट 29 अप्रैल को, यहां चेक कर सकते हैं अपना परिणाम

मंत्री सारंग भी बीआरटीएस के खिलाफ : कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर को उखाड़ फेंकना चाहिए. यह हमारी जरूरत है ही नहीं. इसे जबरन ढो रहे हैं, और जाम में फंस रहे हैं. इसकी वजह से बहुत परेशानी बढ़ गई है. हमें आम जनता को सहूलियत देनी चाहिए. उन्होंने मंच पर बैठे हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा का नाम लेते हुए कहा कि बताइए बीआरटीएस कॉरिडोर खत्म होना चाहिए या नहीं. इस पर रामेश्वर शर्मा ने भी सहमति प्रदान की. इसके बाद मंत्री विश्वास सारंग ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह से मंच पर ही बीआरटीएस कॉरिडोर को खत्म करने की मांग कर दी. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा है कि ये कॉरिडोर खत्म किए जाएंगे.

... तो जनता को मिलेगी राहत

घोषणा पर कब तक अमल होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता परंतु आम जनता को बीआरटीएस कॉरिडोर का उपयोग करने की अनुमति मिलने से राहत जरूर मिलेगी. हालांकि भोपाल नगर निगम ने इस साल भी अपने बजट में इस कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 26 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया था, जिससे कि इस कॉरिडोर का रखरखाव किया जाना था. कॉरिडोर में बने बस स्टॉप का क्या होगा. बता दें कि एक बस स्टॉप लगभग 19 लाख की लागत से बना है.

भोपाल। जनता के पैसों और उसके भरे टैक्स के साथ माननीय क्या सुलूक करते हैं, इसकी एक बानगी बुधवार को राजधानी में हबीबगंज अंडर ब्रिज के उद्घाटन के दौरान देखने को मिली. यहां भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर को उखाड़ फेंकने का निर्णय लिया गया. इस बीआरटीएस कॉरिडोर पर 2009 से अभी तक 450 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं. 24 किलोमीटर के इस कॉरिडोर के निर्माण के समय कई दुर्घटनाएं हुईं. हजारों पेड़ों को काटा गया. इसके निर्माण से पहले आने वाले 10 साल में कितना ट्रैफिक बढ़ेगा, इस पर विचार नहीं किया गया. ये बहुत गंभीर व बड़ा सवाल है.

Preparations to end Bhopal's BRTS
भोपाल का बीआरटीएस खत्म करने की तैयारी

अब तक 450 करोड़ रुपए खर्च : भोपाल के 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर पर अब तक 450 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. 10 सालों में विभिन्न एजेंसियों के जरिए 203 करोड़ के आसपास मेंटेनेंस पर खर्च कर दिया. बीआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण के समय लागत एक किमी पर 12 करोड़ आई थी. लालघाटी ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 500 मीटर कॉरिडोर तोड़ा गया. तोड़ने की लागत 6 करोड़ और फिर मेंटेनेंस पर एक करोड़ खर्च हुए थे. इसी तरह वीर सावरकर सेतु से बोर्ड आफिस चौराहे तक 3.6 किमी कॉरिडोर मेट्रो प्रोजेक्ट और पीडब्ल्यूडी के फ्लाइओवर ब्रिज प्रोजेक्ट के कारण खत्म ही गया.

नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने की घोषणा : बुधवार को अंडर ब्रिज के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि की शहर की सड़कों पर फैला बीआरटीएस कॉरिडोर का जाल आम जनता के लिए परेशानी पैदा कर रहा है. इन कॉरिडोर को हटाएंगे. जब तक इसे हटाने का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक के लिए बहुत भीड़भाड़ व जरूरत वाले क्षेत्रों में इसे पांच-पांच घंटे के लिए खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि भोपाल व इंदौर की सड़कों से कॉरिडोर हटाने की मांग समय-समय पर उठती रही है. कांग्रेस के कार्यकाल में नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता के बारे में अधिकारियों से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था, परंतु उसके बाद उस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी मिला समर्थन : अंडरब्रिज उद्घाटन के मौके पर भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर ने सबसे पहले बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की मांग की थी. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री को उन्होंने बताया कि शहर की सड़कों पर शाम के समय दबाव बढ़ जाता है. जाम लगता है और लोग फंस जाते हैं. दिनभर काम करने वाले लोगों को घर पहुंचने में देरी होती है. जो लोग बाजार के लिए निकलते हैं, उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मंत्री को आवेदन भी दिया है.

एमपी बोर्ड के 10 वीं और 12वीं का रिजल्ट 29 अप्रैल को, यहां चेक कर सकते हैं अपना परिणाम

मंत्री सारंग भी बीआरटीएस के खिलाफ : कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर को उखाड़ फेंकना चाहिए. यह हमारी जरूरत है ही नहीं. इसे जबरन ढो रहे हैं, और जाम में फंस रहे हैं. इसकी वजह से बहुत परेशानी बढ़ गई है. हमें आम जनता को सहूलियत देनी चाहिए. उन्होंने मंच पर बैठे हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा का नाम लेते हुए कहा कि बताइए बीआरटीएस कॉरिडोर खत्म होना चाहिए या नहीं. इस पर रामेश्वर शर्मा ने भी सहमति प्रदान की. इसके बाद मंत्री विश्वास सारंग ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह से मंच पर ही बीआरटीएस कॉरिडोर को खत्म करने की मांग कर दी. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा है कि ये कॉरिडोर खत्म किए जाएंगे.

... तो जनता को मिलेगी राहत

घोषणा पर कब तक अमल होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता परंतु आम जनता को बीआरटीएस कॉरिडोर का उपयोग करने की अनुमति मिलने से राहत जरूर मिलेगी. हालांकि भोपाल नगर निगम ने इस साल भी अपने बजट में इस कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 26 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया था, जिससे कि इस कॉरिडोर का रखरखाव किया जाना था. कॉरिडोर में बने बस स्टॉप का क्या होगा. बता दें कि एक बस स्टॉप लगभग 19 लाख की लागत से बना है.

Last Updated : Apr 28, 2022, 7:01 PM IST
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