भोपाल। कोरोना संक्रमण काल में दूसरे काम धंधे भले ही ठप हो गए हों, लेकिन दवा कारोबार की जमकर चांदी हुई है. यही वजह है कि पिछले कोरोना के बाद प्रदेश में दवा कंपनियों के साथ दवाओं के फुटकर और थोक विक्रेताओं की संख्या में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले डेढ़ साल के दौरान प्रदेश भर में 2785 थोक दवा विक्रेता और 614 फुटकर दवा विक्रेता बढ़ गए हैं. वहीं इस दौरान प्रदेश में 61 नई दवा कंपनियों ने भी लाइसेंस लिए हैं, जो पिछले सालों की अपेक्षा दो गुने हैं.
डेढ़ साल में दवा लाइसेंस लेने वालों की संख्या बढ़ी
कोरोना की पहली लहर से कहीं ज्यादा भयाभय संक्रमण की दूसरी लहर रही है. सरकारी रिकॉर्ड को देखें तो प्रदेश में अब तक सात लाख 87 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 8475 है. जबकि जमीनी सच्चाई इससे कहीं जुदा है. कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं और लोगों की मौत हुई है. अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं. यही वजह है कि दवाओं के कारोबार में लोगों को काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं. इसे देखते हुए पिछले डेढ़ साल में दवा कारोबारियों की संख्या में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
साल | होलसेल ड्रग लाइसेंस | रिटेल ड्रग लाइसेंस |
2016 | 1260 | 243 |
2017 | 1454 | 272 |
2018 | 1277 | 293 |
2019 | 1365 | 297 |
2020 | 1940 | 386 |
2021 | 868 | 188 |
बिना काम 800 करोड़ का भुगतान, Chief Engineer सहित चार पर FIR दर्ज
दवा उत्पादन के लिए आए दोगुने आवेदन
दवाओं के विक्रेताओं के अलावा दवा कंपनियों की संख्याओं में भी कोरोना काल के बाद बढ़ोत्तरी हुई है. इस साल अभी तक दवा कंपनियों के लिए 11 आवेदन आए हैं, जिसमें से छह को अनुमति मिल चुकी है, जबकि साल 2020 में 72 दवा कंपनियों को ड्रग मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे. कोरोना साल के पहले हर साल अधिकतम 30 ड्रग मैन्युफैक्चरिंग के लिए ही लाइसेंस जारी होते रहे हैं. अधिकांश ड्रग उत्पादन के लाइसेंस पीथमपुर, जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल के लिए जारी किए गए हैं. उधर, दवा कारोबारी अजय दुबे के मुताबिक कोविड से जुड़े मेडिसिन में पिछले समय में काफी कारोबार बढ़ा है. हालांकि बाकी दवाओं का मार्केट गिरा है, लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो फार्मा सेक्टर में काफी बढ़ोत्तरी हुई है.