उज्जैन(Agency,PTI)। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में बने महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित सप्त ऋषियों की सात में से छह मूर्तियां रविवार शाम करीब चार बजे तेज आंधी के कारण क्षतिग्रस्त हो गईं. जैसे ही इसकी खबर जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन को लगी तो हड़कंप मच गया. मंदिर प्रशासन का कहना है कि ये मूर्तियां लगाने वाली कंपनी को नई मूर्तियां जल्द से जल्द लगाने का आदेश दिया है. मंदिर प्रशासन ने ये मूर्तियां मौके से उठवा ली और रात को महाकाल लोक लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया.
कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप : इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा ''मैं मामले की जांच करवा रहा हूं और रिपोर्ट मांगी है. ऐसे स्थानों पर भारी पत्थर की आकृति बनाना संभव नहीं था." बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था. वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कॉरिडोर के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए. महाकाल लोक परियोजना की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण की लागत 351 करोड़ रुपये है.
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कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा : गौरतलब है कि रविवार को उज्जैन में 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. इस दौरान महाकाल लोक में 6 सप्त ऋर्षियों की मूर्तियां गिर गईं. इस मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय टीम बनाई है. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हमला बोला. कांग्रेस ने निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग की. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने बताया कि महाकाल लोक कॉरिडोर में मूर्तियों के गिरने की जांच के लिए पार्टी के पांच विधायकों सहित सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.