भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली महुआ शराब को सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा महुआ शराब को बाजार में लाने के निर्णय लेने के बाद अब योजना बनाई जा रही है कि शराब निर्माण को लेकर एक सिलबस शुरू किया जाए. इस प्रकार का सिलेबस बनाने की तैयारी जोरों पर सरकार द्वारा की जा रही है. इस बारे में सरकार ने आबकारी विभाग को निर्देश दिए. इसके बाद आबकारी विभाग ने तकनीकी शिक्षा विभाग से संपर्क कर इस बारे में सिलेबस तैयार करने का आग्रह किया है.
जल्द तैयार होगा सिलेबस : माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में यह सिलेबस कौशल विकास संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. आबकारी विभाग के अधिकारियों का इस सिलेबस के बारे में कहना है कि यह कुछ सप्ताह का कोर्स होगा. आदिवासी पुरुष और महिलाएं महुआ शराब बनाने की कला सीखेंगे. सिलेबस का प्रारूप, उसकी फीस, सैद्धांतिक और व्यावहारिक शिक्षण मॉड्यूल पर काम किया जा रहा है. बहुत जल्द सिलेबस तैयार हो जाएगा. इसके बाद आदिवासी समाज को इसकी पढ़ाई कराई जाएगी.
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महुआ शराब उत्पादन को बढ़ावा : बता दें कि राज्य सरकार द्वारा हेरिटेज शराब को बढ़ावा देने के तहत महुआ शराब के उत्पादन को मंजूरी दिए जाने के एक साल बाद इसकी योजना तैयार की गई है. महुआ शराब मोंड ब्रांड नाम के साथ ही पिछले महीने अगस्त से राज्य में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई गई है. इस शराब को मध्यप्रदेश पर्यटन निगम द्वारा संचालित बार में बेचा जाता है. इससे पहले अगस्त 2022 में राज्य सरकार ने हेरिटेज शराब को बढ़ावा देने के तहत महुआ शराब के उत्पादन को मंजूरी दी थी. आदिवासी सशक्तिकरण अभियान के हिस्से के रूप में महुआ शराब स्थानीय स्तर पर बनाई जाती है. सरकार इसे अन्य राज्यों और बाहर सप्लाई करने की योजना बना रही है.