भोपाल। गेहूं उपार्जन के मामले में मध्य प्रदेश पंजाब को पछाड़कर देश में अव्वल राज्य बन गया है. मध्यप्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है. मध्यप्रदेश में देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूं का 33 फीसदी उपार्जन किया गया है. पूरे देश में 3 करोड़ 86 लाख 54000 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है. पिछले साल की तुलना में मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन में 74 फीसदी की वृद्धि हुई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की टीम और प्रदेश के किसानों को बधाई दी है. गेहूं उपार्जन के लिए मध्य प्रदेश में इस बार प्रभावी रणनीति बनाई गई. कोरोना की परिस्थितियों के कारण उपार्जन कार्य इस बार देरी से 15 अप्रैल से शुरू किया गया. लॉकडाउन के बावजूद 25 लाख मीट्रिक टन के लिए अतिरिक्त बारदानों की व्यवस्था की गई. लॉकडाउन में ही कार्य करते हुए 10 लाख मीट्रिक टन के लिए भंडारण की अतिरिक्त व्यवस्था की गई. सबसे ज्यादा चुनौती किसानों से कम समय में ज्यादा उपार्जन करने की थी, इसके लिए पिछले साल उपार्जन केंद्रों की संख्या 3 हजार 545 से बढ़ाकर 4 हजार 529 केंद्र खोले गए.
14 लाख 19 हजार किसानों के खातों में पहुंची राशि
गेहूं उपार्जन की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जा रही है. अभी तक 14 लाख 19 हजार किसानों के खातों में 20 हजार 253 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है. अभी तक उपार्जन किए गए गेहूं में से 118 लाख मीट्रिक टन का परिवहन कर सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है. वहीं जितने किसानों ने पंजीयन कराया था उनमें से 81 फीसदी किसान गेहूं बेचने के लिए उपार्जन केंद्रों पर आए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.