भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को एक और झटका लगा है. बड़ा मलहरा सीट से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी भी भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने प्रद्युम्न सिंह लोधी के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उपचुनाव को लेकर बीजेपी की हालत खराब है. इसलिए अब बीजेपी, कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के विधायकों को खरीद कर ही हथियाई है. अब उपचुनाव को लेकर बीजेपी की हालत खराब है. ग्वालियर चंबल की अधिकांश सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इसलिए अब बौखलाहट छुपाने के लिए बीजेपी ने कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी का इस्तीफा दिलवा कर बीजेपी में शामिल कर लिया है, लेकिन क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस के वचन पत्र के आधार पर बड़ा मलहरा से कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताया था. आगामी उपचुनाव में जनता ऐसे तमाम उम्मीदवारों को सबक सिखाएगी.
बता दें कि मलहरा सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह भाजपा में शामिल होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बंगले पर पहुंचे थे. बातचीत होने के बाद वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले. अब उनके मंत्री बनाए जाने के कयास भी लगाए जाने लगे हैं, क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उमा भारती ने बुंदेलखंड और लोधी समाज की अनदेखी के आरोप लगाए थे.
उमा भारती की रही भूमिका
माना जाता है कि प्रद्युम्न सिंह लोधी उमा भारती के समर्थक भी हैं और करीबी भी. आज प्रद्युम्न सिंह लोधी पूर्व सीएम उमा भारती के बंगले पर भी पहुंचे थे, जिसके बाद वो प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ सीएम हाउस गए. बड़ा मलहरा से उमा भारती विधायक रहीं हैं. टीकमगढ़-छतरपुर के इलाके में उमा भारती का अच्छा खासा वर्चस्व माना जाता है. प्रद्युम्न सिंह लोधी भी उनके ही समाज से आते हैं, ऐसे में कहा जा रहा है कि वो अपने इलाके के कांग्रेस विधायक को भाजपा में लेकर आईं हैं.
2018 में बड़ा मलहरा से चुनाव जीते थे प्रद्युम्न सिंह लोधी
मध्यप्रदेश में दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भाजपा प्रत्याशी ललिता यादव को हराया था. 2003 में पहली बार उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, तब वे बड़ा मलहरा सीट से ही विधायक चुनी गईं थीं.
ये विधायक भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस
गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, गिराज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, जसमंत, मनोट चौधरी, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, प्रभुराम चौधरी, जजपाल सिंह, सुरेश धाकड़, कमलेश जाटव, तुलसी सिलावट, बृजेंद्र सिंह यादव, इमरती देवी, राजवर्धन सिंह, रक्षा सरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रनवीर जाटव और हरदीप सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में 23 मार्च को आए थे.