भोपाल। राजधानी में निर्माणाधीन नई कोलार ग्रेविटी (20 किमी) और फीडर पाइप लाइन (60 किमी की) की लास्ट डेटलाइन फिर बढ़ा दी गई है. अब ये 15 अगस्त तय कर दी गई है. आगामी 35 दिन में टुकड़ों में बचा 3 किमी पाइप लाइन बिछाने एवं कनेक्टिविटी का काम पूरा किया जाना है.
साल 2017 से अब तक करीब 6 बार डेटलाइन बदली जा चुकी है, पर काम पूरा नहीं हो सका. इसलिए नगर कमिश्नर ने टाटा एवं ताप्ती कंपनी पर पैनाल्टी लगाने के लिए नोटिस जारी किए हैं.
अमृत योजना के तहत 136 करोड़ रुपये खर्च कर नई ग्रेविटी लाइन एवं फीडर लाइनों को लंबे समय से बदला जा रहा है. उद्देश्य सिर्फ ये रहा है कि कोलार लाइन से बिना किसी दिक्कत के लोगों तक पानी पहुंचाया जा सके. साल 2017 से ही इस पर काम चल रहा है, जो अब तक अधूरा ही है. लिहाजा, निगम संबंधित कंपनियों पर पैनाल्टी लगा चुका है. अब लास्ट डेटलाइन तय की गई है. यदि इस अवधि में भी काम पूरा नहीं होता है तो निगम कंपनियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगा.
पुरानी लाइन से ही पूरी राजधानी की प्यास बुझती है, लेकिन ये लाइन करीब 40 साल पुरानी है. कई बार टूटी भी है. कभी शहरी क्षेत्र में तो कभी कोलार के जंगल में. कई बार तो लीकेज का पता चलाने में ही 24 से 48 घण्टे बीत जाते हैं. और इसका खामियाजा आम लोगों को चुकाना पड़ता है. सप्लाई बाधित होती है और उन्हें बगैर पानी के कभी कभी तो दो तीन दिन तक बिताने पड़ जाते हैं. इसलिए इस लाइन को बदलने के लिए अमृत योजना के तहत प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था.