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गोल्ड मेडल वापस करने सीएम कमलनाथ से मिलने पहुंची इंटरनेशनल खिलाड़ी, इस बात से है दुखी

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Published : Nov 21, 2019, 3:11 PM IST

बैतूल जिले की कराते प्लेयर प्रियंका चौपड़े ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उसे अब तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है. पिछले 2 सालों से प्रमाण पत्र के लिए वो अपने पिता के साथ सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रही है. अब उनसे मेडल वापस लौटाने का फैसला किया और मुख्यमंत्री निवास पहुंची है.

प्रियंका चौपड़े अंतरराष्ट्रीय कराते प्लेयर

भोपाल। बैतूल की एक अंतरराष्ट्रीय कराते खिलाड़ी सर्टिफिकेट नहीं मिलने से इतनी दुखी हो गई कि कड़ी मेहनत के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीता हुआ गोल्ड मेडल वापस करने वो मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंच गई. खिलाड़ी प्रियंका चौपड़े ने बताया कि आगरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराते प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उसे अब तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है. सर्टिफिकेट नहीं मिलने से ना तो किसी तरह की सरकारी मदद मिली और न दूसरी सुविधाएं.

गोल्ड मेडल वापस करने पहुंची कराते खिलाड़ी

ब्राजील और चीन के प्रतिभागियों को हराया
बैतूल के हमलापुर इलाके में रहने वाले मजदूर ओमकार चोपड़े के बेटी प्रियंका चोपड़े ने दो साल पहले आगरा में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में ब्राजील और चीन के प्रतिभागियों को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया था. खेल और युवा कल्याण विभाग की तरफ से इस प्रतियोगिता में शामिल हुई प्रियंका उस वक्त कक्षा 9 की छात्रा थीं. अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघ के बैनर तले आयोजित प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मेडल तो हासिल कर लिया, लेकिन, महासंघ ने उसे इस मेडल का सर्टिफिकेट नहीं भेजा.

प्रमाण पत्र के लिए दो साल से भटक रहा परिवार
प्रमाण पत्र नहीं मिलने से प्रियंका को न तो खेल सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही उसे कराटे एकेडमी में एडमिशन दिया जा रहा है. सर्टिफिकेट पाने के लए प्रियंका पिछले दो साल से अपने पिता के साथ मदद की आस में धक्के खा रही हैं.

किसी ने नहीं सुनी गुहार
इससे पहले वो कलेक्ट्रेट से लेकर मंत्रियों तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग सुनने को कोई तैयार नहीं है. सभी जगह से निराशा हाथ लगने के बाद प्रियंका और उसके परिवार ने गोल्ड मेडल वापस करने का निर्णय ले लिया. परिवार का कहना है कि जो काम पूर्व सरकार में नहीं हो सका उनको नई सरकार से काम होने की पूरी उम्मीद है.

भोपाल। बैतूल की एक अंतरराष्ट्रीय कराते खिलाड़ी सर्टिफिकेट नहीं मिलने से इतनी दुखी हो गई कि कड़ी मेहनत के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीता हुआ गोल्ड मेडल वापस करने वो मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंच गई. खिलाड़ी प्रियंका चौपड़े ने बताया कि आगरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराते प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उसे अब तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है. सर्टिफिकेट नहीं मिलने से ना तो किसी तरह की सरकारी मदद मिली और न दूसरी सुविधाएं.

गोल्ड मेडल वापस करने पहुंची कराते खिलाड़ी

ब्राजील और चीन के प्रतिभागियों को हराया
बैतूल के हमलापुर इलाके में रहने वाले मजदूर ओमकार चोपड़े के बेटी प्रियंका चोपड़े ने दो साल पहले आगरा में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में ब्राजील और चीन के प्रतिभागियों को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया था. खेल और युवा कल्याण विभाग की तरफ से इस प्रतियोगिता में शामिल हुई प्रियंका उस वक्त कक्षा 9 की छात्रा थीं. अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघ के बैनर तले आयोजित प्रतियोगिता में उसने गोल्ड मेडल तो हासिल कर लिया, लेकिन, महासंघ ने उसे इस मेडल का सर्टिफिकेट नहीं भेजा.

प्रमाण पत्र के लिए दो साल से भटक रहा परिवार
प्रमाण पत्र नहीं मिलने से प्रियंका को न तो खेल सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही उसे कराटे एकेडमी में एडमिशन दिया जा रहा है. सर्टिफिकेट पाने के लए प्रियंका पिछले दो साल से अपने पिता के साथ मदद की आस में धक्के खा रही हैं.

किसी ने नहीं सुनी गुहार
इससे पहले वो कलेक्ट्रेट से लेकर मंत्रियों तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग सुनने को कोई तैयार नहीं है. सभी जगह से निराशा हाथ लगने के बाद प्रियंका और उसके परिवार ने गोल्ड मेडल वापस करने का निर्णय ले लिया. परिवार का कहना है कि जो काम पूर्व सरकार में नहीं हो सका उनको नई सरकार से काम होने की पूरी उम्मीद है.

Intro:मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनके जन्मदिन पर अपना गोल्ड मेडल वापस करने पहुंची प्रियंका अंतर्राष्ट्रीय कराटे टूर्नामेंट में जीता था गोल्ड मेडल सर्टिफिकेट नहीं मिलने से नाराज है अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सर्टिफिकेट के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है प्रियंका ब्राजील के खिलाड़ियों को धूल चटा चुकी है प्रियंका सरकारी योजनाओं का लाभ


Body:मध्य प्रदेश बेतूल के एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सर्टिफिकेट ना मिलने से दुखी हो गई उसे प्रतियोगिता में मिला गोल्ड मेडल उसने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनके जन्मदिन पर वापस करने का निर्णय लिया था बेतूल के गरीब परिवार में जन्मे प्रियंका चोपड़ा ने खेल के माध्यम से अपने परिवार का रोशन नाम कर दिया था प्रियंका चोपड़ा कराटे की खिलाड़ी है और अपने हुनर से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन किया गोल्ड मेडल जीता गोल्ड मेडल वापस करने का निर्णय लिया प्रियंका ने इस निर्णय को लेकर एक पत्र इससे पहले बेतूल कलेक्टर को भी दिया था दर्शन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रियंका ने ब्राजील और चाइना के खिलाड़ियों को धूल चटा चुकी है


Conclusion:आईएसएफ अंतरराष्ट्रीय स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन आगरा 2017 में कराटे प्रतियोगिता में एसजीएफआई स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से 56 किलो वजन में शामिल हुई थी प्रियंका चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया था प्रियंका स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शामिल हुई थी बेतूल के हमलापुर इलाके में रहने वाले मजदूर ओंकार चोपड़ा ने बेटी प्रियंका चोपड़ा ने 2 साल पहले दिल्ली में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को हरा कर गोल्ड मेडल हासिल किया था खेल और युवा कल्याण विभाग की तरफ से इस प्रतियोगिता में शामिल हुई प्रियंका उस समय कक्षा नौवीं की छात्रा थी अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ के बैनर तले आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल तो हासिल कर लिया है और ना ही एडमिशन दिया जा रहा है उसे उसकी मांग की जा रही है लेकिन ना तो संघ ने और ना ही स्कूल शिक्षा विभाग दिलाने में मदद की जिसके चलते प्रियंका और उसके पिता 2 साल से धक्के खा रहे हैं मंत्री से लेकर कलेक्ट्रेट तक गुहार लगाने के बावजूद उसकी मांग पूरी नहीं हो पा रही है हालांकि अधिकारी अब कार्यवाही का भरोसा जता रहे हैं सभी जगह से निराशा हासिल होने के बाद प्रियंका और उसके परिवार ने गोल्ड मेडल वापस करने का निर्णय ले लिया उन्होंने निर्णय लिया कि वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन के दिन उनको गोल्ड मेडल तोहफे के रूप में देख कर अपना विरोध जाएंगी, और उनका कहना है कि जो काम पूर्व सरकार में नहीं हो सका उनको नई सरकार से काम होने की पूरी उम्मीद है,,

बाइट:प्रियंका चोपड़े,खिलाड़ी
बाइट:ओमकार,प्रियंका के पिता
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