भोपाल। कमलनाथ सरकार ने 12 साल पुराना राज्य कृषक आयोग को बंद कर दिया है. सरकार एक कृषि परिषद बनाने जा रही है. जिसमें कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ, किसान नेता और कई कृषि संस्थानों के वैज्ञानिक व जानकारों को शामिल किया जाएगा. बता दें इस आयोग का गठन शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में किया गया था.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि पिछली सरकार द्वारा बनाया गया कृषक आयोग सिर्फ खानापूर्ति के था. उससे किसानों की ना तो समस्याओं का हल हुआ और न ही उन्हें कोई लाभ मिला है. कृषक आयोग होते हुए किसानों को गोली मार दी गई. लेकिन सरकार उन्हें न्याय नहीं दिला पाई. लिहाजा आयोग को बंद कर हमारी सरकार एक परिषद बनाने जा रही है.
जिसमें कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ, किसान नेता, कई कृषि संस्थानों के वैज्ञानिक और जानकारों को शामिल किया जाएगा. जिससे किसानों को लाभ होगा और उनकी समस्याएं सही मायनों में हल हो सकेगी. अजय सिंह यादव ने कहा कि यह सरकार खानापूर्ति नहीं बल्कि काम करना चाहती है. कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने तो खुशी जताई है. वहीं किसान संगठनों ने भी इस फैसले पर खुशी जताई है.
किसान संगठनों का कहना है कि शिवराज सिंह द्वारा गठित किया गया आयोग सिर्फ नाम का आयोग था. इसलिए कमलनाथ सरकार का आयोग को भंग कर परिषद बनाने का फैसला स्वागत योग्य है. वहीं इस मामले में किसान यूनियन के नेता अनिल यादव ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा है. वहीं अनिल यादव ने कहा कि संगठन के जो नेता परिषद में आएंगे, वे ईमानदारी से किसान में हित में करें. लेकिन वे सरकार और पार्टी की भाषा बोलने लगेंगे तो परिषद का कोई मतलब नहीं है.