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कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, PCC हो सकती है भंग! कमलनाथ करेंगे फैसला

एमपी कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ उपचुनाव में मिली हार की समीक्षा करने के बाद भीतरघातियों पर कार्रवाई का मन बना चुके हैं. दिल्ली में उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर संगठन में फेरबदल की सहमति ले ली है. माना जा रहा है 2 हजार से ज्यादा नियुक्तियां रद्द होंगी और नए पदाधिकारियों को मौका मिलेगा.

Kamal Nath
कमलनाथ
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Published : Nov 16, 2020, 3:13 PM IST

Updated : Nov 16, 2020, 9:56 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए 28 उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस उपचुनाव के परिणाम की समीक्षा करने जा रही है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक लेने के बाद दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर उपचुनाव के परिणाम से अवगत कराया और संगठन में फेरबदल के लिए सोनिया गांधी की सहमति बन गई है. विधायक दल की बैठक के अगले दिन कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए थे. जहां उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उपचुनाव में आए परिणाम की जानकारी दी.

कमलनाथ संगठन में करेंगे फेरबदल
कई जिला अध्यक्ष और प्रभारियों की मिली शिकायत
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दिल्ली रवाना होने के पहले ही 19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कह दिया था. इस रिपोर्ट में 19 विधानसभा में हार के कारण की रिपोर्ट बनाकर पीसीसी भेजने के लिए कहा है. कार्यकर्ताओं और प्रभारी नेताओं से भी रिपोर्ट ली जाएगी. जिनमें संगठन के प्रभारी और जिला अध्यक्षों के कामकाज के बारे में जाना जाएगा. दरअसल चर्चा है कि कई जिला अध्यक्ष और प्रभारी ने बीजेपी और सिंधिया से मिल गए थे. लेन-देन की भी खबर आ रही है. कमलनाथ ने भितरघात करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है.

संगठन में फेरबदल पर बनी सहमति
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि अभी उप चुनाव के बाद हुई हार की समीक्षा शुरू हो रही है. निश्चित रूप से जहां जो शिकायत आएंगी, उसके आधार पर समीक्षा की जाएगी. जहां पर हारे हैं, किन कारणों से हारे हैं. कौन लोग संगठन में सफल रहे हैं, सब की समीक्षा होगी. उसके आधार पर कार्रवाई निश्चित होगी.

पूर्व की नियुक्तियों को रद्द करने की तैयारी

साल 2018 में विधानसभा चुनाव के समय एमपी में पीसीसी समेत जिला और मंडल प्रभारियों की तैनाती हुई थी. उस वक्त के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और उसी के बाद धड़ाधड़ नियुक्तियां हुई थीं. अकेले कमलनाथ की टीम में 50 से ज्यादा नेता थे. हरेक जिले में अध्यक्ष ने मंडल प्रभारी और पन्ना प्रमुख बनाए गए थे. प्रदेश कार्यकारिणी में 150 से अधिक सचिव, महासचिव और अन्य पदाधिकारी नियुक्त हुए थे. अब इन पर भी गाज गिर सकती है.

उपचुनाव के साइड इफेक्ट

19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में 19 विधानसभा क्षेत्रों में हार के कारणों की समीक्षा भी की गई है. इन्ही 19 जिलों की 28 सीटों के लिए जो तैनाति हुई थी उन्हें रद्द करने की तैयारी है।

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए 28 उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस उपचुनाव के परिणाम की समीक्षा करने जा रही है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक लेने के बाद दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर उपचुनाव के परिणाम से अवगत कराया और संगठन में फेरबदल के लिए सोनिया गांधी की सहमति बन गई है. विधायक दल की बैठक के अगले दिन कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए थे. जहां उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उपचुनाव में आए परिणाम की जानकारी दी.

कमलनाथ संगठन में करेंगे फेरबदल
कई जिला अध्यक्ष और प्रभारियों की मिली शिकायत
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दिल्ली रवाना होने के पहले ही 19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कह दिया था. इस रिपोर्ट में 19 विधानसभा में हार के कारण की रिपोर्ट बनाकर पीसीसी भेजने के लिए कहा है. कार्यकर्ताओं और प्रभारी नेताओं से भी रिपोर्ट ली जाएगी. जिनमें संगठन के प्रभारी और जिला अध्यक्षों के कामकाज के बारे में जाना जाएगा. दरअसल चर्चा है कि कई जिला अध्यक्ष और प्रभारी ने बीजेपी और सिंधिया से मिल गए थे. लेन-देन की भी खबर आ रही है. कमलनाथ ने भितरघात करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है.

संगठन में फेरबदल पर बनी सहमति
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि अभी उप चुनाव के बाद हुई हार की समीक्षा शुरू हो रही है. निश्चित रूप से जहां जो शिकायत आएंगी, उसके आधार पर समीक्षा की जाएगी. जहां पर हारे हैं, किन कारणों से हारे हैं. कौन लोग संगठन में सफल रहे हैं, सब की समीक्षा होगी. उसके आधार पर कार्रवाई निश्चित होगी.

पूर्व की नियुक्तियों को रद्द करने की तैयारी

साल 2018 में विधानसभा चुनाव के समय एमपी में पीसीसी समेत जिला और मंडल प्रभारियों की तैनाती हुई थी. उस वक्त के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और उसी के बाद धड़ाधड़ नियुक्तियां हुई थीं. अकेले कमलनाथ की टीम में 50 से ज्यादा नेता थे. हरेक जिले में अध्यक्ष ने मंडल प्रभारी और पन्ना प्रमुख बनाए गए थे. प्रदेश कार्यकारिणी में 150 से अधिक सचिव, महासचिव और अन्य पदाधिकारी नियुक्त हुए थे. अब इन पर भी गाज गिर सकती है.

उपचुनाव के साइड इफेक्ट

19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में 19 विधानसभा क्षेत्रों में हार के कारणों की समीक्षा भी की गई है. इन्ही 19 जिलों की 28 सीटों के लिए जो तैनाति हुई थी उन्हें रद्द करने की तैयारी है।

Last Updated : Nov 16, 2020, 9:56 PM IST
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