भोपाल। (Bhopal latest News) मध्य प्रदेश में करीब दो करोड़ आदिवासियों पर शिवराज सरकार का पूरा फोकस है उन्हें खुश करने के लिए आदिवासी जिलों के 7 हजार से ज्यादा गांवों को आदर्श गांव बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है, जिलों से प्रस्ताव बुलाकर फंड के लिए केंद्र सरकार को भेज दिए जाएंगे.
एमपी के आदिवासी गांव की बदलेगी सूरत (tribal village of MP will developed)
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों की तस्वीर बदलने की कवायद में शिवराज सरकार जुट गई है. आदिवासी क्षेत्रों में टोले और मजीरे हुआ करते हैं, इन गांव में पहले सरकार ने आदिवासी जनजाति गौरव दिवस पर वाहनों से मुफ्त राशन सप्लाई करने के आदेश दिए अब गांव की सूरत बदलने के लिए शिवराज सरकार केंद्र सरकार से फंडिंग लेने जा रही है. आदिवासियों के गांवों में हर तरह की सुविधाएं दी जाएंगी.
पहले चरण में 1203 आदिवासी ग्राम बनेंगे आदर्श
इसके लिए पहले चरण में 1204 आदिवासी ग्रामों को आदर्श गांव बनाने की तैयारी की गई है. इस पर करीब 275 करोड रुपए की राशि खर्च होगी. अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में आदर्श ग्रामों की मंजूरी दी गई है, जिलों से प्रस्तावों को बुलाया जाएगा जिसे केंद्र सरकार फंडिंग देगी.
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क्या होगा आदर्श ग्रामों में (facility In Adarsh Gram)
इसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, रहवास और आजीविका के साथ-साथ गांव की सड़कें बनाई की जाएंगी. पेसा एक्ट भी लागू कर दिया गया है, उसके लिए हर तीन माह में ग्राम सभा की बैठक होगी. आदर्श ग्राम में स्वास्थ्य,शिक्षा और पोषण, आवास निर्माण ,विद्युत सप्लाई, सड़क निर्माण, दूरसंचार और इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जाएंगी कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा कौशल और उद्यमिता के तहत बाजार उपलब्ध होंगे ,सामाजिक सुरक्षा और गांव का डिजिटाइजेशन होगा
पीएम मोदी ने चलाई थी सांसद आदर्श ग्राम योजना
इसी तर्ज पर आदिवासियों के लिए शिवराज सरकार आदर्श गांव का कंसेप्ट लेकर आई है इसके लिए 7305 गांव को आदर्श बनाया जाएगा, इस योजना में जनजाति ग्रामों का एकीकृत विकास कराया जाएगा, जिससे सामाजिक-आर्थिक तौर पर आदिवासियों की तरक्की होगी. जनजाति वर्ग के कल्याण और विकास के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे.
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इन गांवों का होगा चयन
- ऐसे गांव जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा आदिवासी हो और जनसंख्या कम से कम 500 के ऊपर हो.
- सांसद आदर्श ग्राम और आकांक्षी जिले के अंतर्गत आने वाले ग्रामों को प्राथमिकता दी जाएगी.
- सीएसआर और डीएमएफ के जरिए गोद लिए गांवों को सबसे पहले प्राथमिकता मिलेगी.
- 100% फंडिंग केंद्र सरकार की होगी जो कि दो किस्तों में दी जाएगी.
- दूसरी किस्त की राशि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित होने पर मंजूर की जाएगी.
- उत्कृष्ट आदर्श गांव को 5 लाख और राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम 3 गांव को 10-10 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा.
एमपी के सांसद आदर्श ग्राम की हालत खस्ता
केंद्र सरकार आदिवासियों के गांव को आदर्श ग्राम बनाने जा रही है, लेकिन मोदी सरकार आते ही सांसद आदर्श ग्राम के तहत लाखों रुपए की गांव के लिए फंडिंग हुई. लेकिन अभी भी सांसद महोदय अपने गांव को आदर्श नहीं बना सके.अब सवाल यह है कि क्या आदिवासियों के गांव आदर्श बन पाएंगे, क्या इन गांवों तक वह सारी सुविधाएं मुहैया हो जाएंगी जो कागजों में बताई गई हैं.