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ग्वालियर चंबल का शिवराज कैबिनेट में दबदबा, सिंधिया की ताकत या फिर बीजेपी की मजबूरी

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Published : Jul 2, 2020, 10:31 PM IST

Updated : Jul 2, 2020, 11:05 PM IST

शिवराज कैबिनेट विस्तार में चंबल का एक तरफा प्रतिनिधित्व बीजेपी की आगामी उपचुनाव की रणनीति को प्रदर्शित कर रहा है. लिहाजा मंत्रिमंडल में उपचुनाव का असर साफ देखा जा रहा है. आखिर क्यों उपचुनाव मंत्रिमंडल पर भारी रहा है, देखें ये रिपोर्ट...

Shivraj Cabinet
शिवराज कैबिनेट

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल के 100 दिनों के इंतजार के बाद हुए विस्तार पर आगामी विधानसभा उपचुनाव का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है. आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के बीच हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा तवज्जो ग्वालियर चंबल क्षेत्र को मिली है. 24 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल क्षेत्र की ही हैं. इन सभी सीटों पर सिंधिया घराने का खासा प्रभाव रहा है. यही वजह है कि सिंधिया की मांग के आगे झुकते हुए बीजेपी ने 11 ज्योतिरादित्य के समर्थकों को मंत्री पद से नवाजा है इनमें से 6 को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.

शिवराज कैबिनेट में सिंधिया दबदबा

शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में अब 14 मंत्री ऐसे हैं जिन्हें अपने मंत्री पद और सूबे की सरकार बचाने के लिए उपचुनाव की अग्निपरीक्षा से गुजरना है. वैसे देखा जाए तो सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी का नया गढ़ ग्वालियर चंबल क्षेत्र बन गया है. मंत्रिमंडल में इसकी झलक साफ दिखाई दे रही है. क्षेत्र से बीजेपी खेमे से जहां यशोधरा राजे सिंधिया, अरविंद भदौरिया और भरत सिंह कुशवाहा को मंत्री बनाया गया है. वही सिंधिया गुट से इमरती देवी, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह यादव, इंदल सिंह कंसाना और महेंद्र सिसोदिया को मंत्री बनाया गया है. बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा पहले से कैबिनेट में शामिल हैं.

मंत्रिमंडल के स्वरूप को बीजेपी के सीनियर लीडर सही मान रहे हैं. कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के मुताबिक ग्वालियर चंबल क्षेत्र से सबसे ज्यादा मंत्री इसलिए हैं क्योंकि सबसे ज्यादा विधायक इसी क्षेत्र से जीत कर आए हैं. वहीं जब इसको लेकर कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया के सवाल किया गया तो उनका साफ कहना है कि इस क्षेत्र से इसलिए ज्यादा लोगों को लिया गया क्योंकि आगामी विधानसभा उपचुनाव की 16 सीटों पर चुनाव भी यहां होना है.

उधर कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार पर बीजेपी पर निशाना साध रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मंत्रिमंडल में सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. बीजेपी भले ही उपचुनाव को लेकर तैयारी कर रही हो, लेकिन इसमें बीजेपी को कोई फायदा नहीं मिलेगा.

राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया की मानें तो मंत्रिमंडल गठन के साथ ही बीजेपी उप चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों की सीएम हाउस में बैठक बुलाई, जिसमें आगामी उपचुनाव को लेकर क्षेत्रवार चर्चा की गई.

चंबल क्षेत्र में उपचुनाव का दारोमदार ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर है और सिंधिया जो नतीजे देंगे वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता का भविष्य तय करेगी. इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार में उनकी इच्छा का सम्मान किया गया है. हालांकि मंत्रिमंडल में बीजेपी के सीनियर नेताओं को जगह नहीं मिलने पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है. अब देखना होगा महाराज बीजेपी की उम्मीदों पर कितना खरे उतरते हैं.

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल के 100 दिनों के इंतजार के बाद हुए विस्तार पर आगामी विधानसभा उपचुनाव का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है. आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के बीच हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा तवज्जो ग्वालियर चंबल क्षेत्र को मिली है. 24 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल क्षेत्र की ही हैं. इन सभी सीटों पर सिंधिया घराने का खासा प्रभाव रहा है. यही वजह है कि सिंधिया की मांग के आगे झुकते हुए बीजेपी ने 11 ज्योतिरादित्य के समर्थकों को मंत्री पद से नवाजा है इनमें से 6 को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.

शिवराज कैबिनेट में सिंधिया दबदबा

शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में अब 14 मंत्री ऐसे हैं जिन्हें अपने मंत्री पद और सूबे की सरकार बचाने के लिए उपचुनाव की अग्निपरीक्षा से गुजरना है. वैसे देखा जाए तो सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी का नया गढ़ ग्वालियर चंबल क्षेत्र बन गया है. मंत्रिमंडल में इसकी झलक साफ दिखाई दे रही है. क्षेत्र से बीजेपी खेमे से जहां यशोधरा राजे सिंधिया, अरविंद भदौरिया और भरत सिंह कुशवाहा को मंत्री बनाया गया है. वही सिंधिया गुट से इमरती देवी, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेंद्र सिंह यादव, इंदल सिंह कंसाना और महेंद्र सिसोदिया को मंत्री बनाया गया है. बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा पहले से कैबिनेट में शामिल हैं.

मंत्रिमंडल के स्वरूप को बीजेपी के सीनियर लीडर सही मान रहे हैं. कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के मुताबिक ग्वालियर चंबल क्षेत्र से सबसे ज्यादा मंत्री इसलिए हैं क्योंकि सबसे ज्यादा विधायक इसी क्षेत्र से जीत कर आए हैं. वहीं जब इसको लेकर कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया के सवाल किया गया तो उनका साफ कहना है कि इस क्षेत्र से इसलिए ज्यादा लोगों को लिया गया क्योंकि आगामी विधानसभा उपचुनाव की 16 सीटों पर चुनाव भी यहां होना है.

उधर कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार पर बीजेपी पर निशाना साध रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मंत्रिमंडल में सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. बीजेपी भले ही उपचुनाव को लेकर तैयारी कर रही हो, लेकिन इसमें बीजेपी को कोई फायदा नहीं मिलेगा.

राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया की मानें तो मंत्रिमंडल गठन के साथ ही बीजेपी उप चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों की सीएम हाउस में बैठक बुलाई, जिसमें आगामी उपचुनाव को लेकर क्षेत्रवार चर्चा की गई.

चंबल क्षेत्र में उपचुनाव का दारोमदार ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर है और सिंधिया जो नतीजे देंगे वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता का भविष्य तय करेगी. इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार में उनकी इच्छा का सम्मान किया गया है. हालांकि मंत्रिमंडल में बीजेपी के सीनियर नेताओं को जगह नहीं मिलने पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है. अब देखना होगा महाराज बीजेपी की उम्मीदों पर कितना खरे उतरते हैं.

Last Updated : Jul 2, 2020, 11:05 PM IST
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