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किसानों ने 3 जिलों की बॉर्डर पर बने रहे डैम का किया विरोध, अधिकारियों के साथ अभद्रता कर तोड़े गाड़ियों के कांच

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Published : Oct 10, 2020, 4:11 PM IST

भोपाल, विदिशा और गुना जिले की बॉर्डर पर बन रहे डैम का किसानों ने विरोध किया है. इसी कड़ी में डैम निर्माण में लगे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार के साथ नजीराबाद थाना क्षेत्र के खेड़ली और मजीदगड़ गांव के पास ग्रामीणों ने अभद्रता की है.

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ग्रामीणों ने की तोड़फोड़

भोपाल। भोपाल, विदिशा और गुना जिले की बॉर्डर पर डैम परियोजना के तहत डैम निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसका विरोध ग्रामीणों कर रहे हैं. इसी कड़ी में डैम निर्माण में लगे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार के साथ नजीराबाद थाना क्षेत्र के खेड़ली और मजीदगड़ गांव के पास ग्रामीणों ने पहले अभद्रता की बाद में अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की कर 4 गाड़ियों के कांच तोड़ दिए. नजीराबाद पुलिस ने जल संसाधन विभाग के एसडीओ की शिकायत पर कई लोगों पर मामला दर्ज किया है.

जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरपी शर्मा ने बताया कि 2018 में सीएम ने मक्सूदनगढ़ में इस परियोजना का शिलान्यास किया था. इस परियोजना में भोपाल और विदिशा के लगभग 900 किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आई है. यह डैम भोपाल गुना और विदिशा जिले की बॉर्डर पर बन रहा है. विदिशा जिले के ग्रामीणों का कहना है कि हमें भोपाल जिले के बराबर मुआवजा दिया जाए जो कि उनके जिले में मिलने वाले मुआवजे का लगभग डबल है.

भोपाल जिले के किसान भी डबल मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 7 अक्टूबर को जल संसाधन विभाग के एसडीओ, ईई और ठेकेदार अपने स्टाफ सहित निर्माण कार्य स्थल पर पहुंचे थे. जहां पर वह जेसीबी की मदद से जगह की साफ-सफाई कर एक अस्थाई टीन शेड का कार्यालय बना रहे हैं. इसी दौरान 100-200 ग्रामीण आ गए और विरोध करने लगे. ग्रामीण डबल मुआवजे की मांग कर रहे थे. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माने और अभद्रता करने लगे. ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया.

एसडीओ और ईई ने घटना की जानकारी जल संसाधन विभाग ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी, जिसके बाद कलेक्टर, एसपी और डीआईजी लेवल तक पहुंच गई, जिसके बाद जल संसाधन विभाग के एसडीओ की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.

किसानों का क्या कहना है

इस डैम में भोपाल के नजीराबाद थाना क्षेत्र के खेड़ली, मजीदगड़ और विदिशा जिले के लटेरी थाना के दबकन और बैरागढ़ गांव के सैकड़ों किसानों की जमीन डूबी है. वहीं लटेरी थाना क्षेत्र के गांव में बांध निर्माण के दायरे में आ रहे गांवों के किसान अपनी जमीन के साथ रोजी-रोटी छिनने के डर से चिंतित हैं. लटेरी तहसील के दबकन, बैरागढ़, धीजगढ़ गांव के किसान इस बांध निर्माण के विरोध में कई सालों से कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं. किसान सालों से ज्ञापन सौंपते आ रहे हैं. ग्रामीणों की मानो तो दबकन गांव में बनाए जा रहे बांध से उनकी जमीनें डूब रही हैं. जमीन का जो मुआवजा दिया जा रहा है वह भी कम है. इस मुआवजा राशि से दूसरी जगह जमीन खरीदना मुश्किल है. उनकी रोजी-रोटी छिनने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है कि उक्त बांध का लाभ गुना जिले को मिलेगा. दबकल के किसानों ने बांध की ऊंचाई कम करने की भी मांग की है. वहीं शासन का कहना है कि बहुत से किसान ऐसे हैं, जिन्होंने फॉरेस्ट या राजस्व की जमीन पर कब्जा कर रखा है और वह सालों से उस पर खेती कर रहे हैं. अब जमीन के कागजात नहीं होने के कारण उनको जमीन के डूबने का मुआवजा नहीं मिल रहा है. सूत्रों की मानें तो अब भोपाल जिले और विदिशा जिले के कलेक्टर संयुक्त रूप से डैम निर्माण स्थल का निरीक्षण करेंगे.

भोपाल। भोपाल, विदिशा और गुना जिले की बॉर्डर पर डैम परियोजना के तहत डैम निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसका विरोध ग्रामीणों कर रहे हैं. इसी कड़ी में डैम निर्माण में लगे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार के साथ नजीराबाद थाना क्षेत्र के खेड़ली और मजीदगड़ गांव के पास ग्रामीणों ने पहले अभद्रता की बाद में अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की कर 4 गाड़ियों के कांच तोड़ दिए. नजीराबाद पुलिस ने जल संसाधन विभाग के एसडीओ की शिकायत पर कई लोगों पर मामला दर्ज किया है.

जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरपी शर्मा ने बताया कि 2018 में सीएम ने मक्सूदनगढ़ में इस परियोजना का शिलान्यास किया था. इस परियोजना में भोपाल और विदिशा के लगभग 900 किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आई है. यह डैम भोपाल गुना और विदिशा जिले की बॉर्डर पर बन रहा है. विदिशा जिले के ग्रामीणों का कहना है कि हमें भोपाल जिले के बराबर मुआवजा दिया जाए जो कि उनके जिले में मिलने वाले मुआवजे का लगभग डबल है.

भोपाल जिले के किसान भी डबल मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 7 अक्टूबर को जल संसाधन विभाग के एसडीओ, ईई और ठेकेदार अपने स्टाफ सहित निर्माण कार्य स्थल पर पहुंचे थे. जहां पर वह जेसीबी की मदद से जगह की साफ-सफाई कर एक अस्थाई टीन शेड का कार्यालय बना रहे हैं. इसी दौरान 100-200 ग्रामीण आ गए और विरोध करने लगे. ग्रामीण डबल मुआवजे की मांग कर रहे थे. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माने और अभद्रता करने लगे. ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया.

एसडीओ और ईई ने घटना की जानकारी जल संसाधन विभाग ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी, जिसके बाद कलेक्टर, एसपी और डीआईजी लेवल तक पहुंच गई, जिसके बाद जल संसाधन विभाग के एसडीओ की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.

किसानों का क्या कहना है

इस डैम में भोपाल के नजीराबाद थाना क्षेत्र के खेड़ली, मजीदगड़ और विदिशा जिले के लटेरी थाना के दबकन और बैरागढ़ गांव के सैकड़ों किसानों की जमीन डूबी है. वहीं लटेरी थाना क्षेत्र के गांव में बांध निर्माण के दायरे में आ रहे गांवों के किसान अपनी जमीन के साथ रोजी-रोटी छिनने के डर से चिंतित हैं. लटेरी तहसील के दबकन, बैरागढ़, धीजगढ़ गांव के किसान इस बांध निर्माण के विरोध में कई सालों से कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं. किसान सालों से ज्ञापन सौंपते आ रहे हैं. ग्रामीणों की मानो तो दबकन गांव में बनाए जा रहे बांध से उनकी जमीनें डूब रही हैं. जमीन का जो मुआवजा दिया जा रहा है वह भी कम है. इस मुआवजा राशि से दूसरी जगह जमीन खरीदना मुश्किल है. उनकी रोजी-रोटी छिनने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है कि उक्त बांध का लाभ गुना जिले को मिलेगा. दबकल के किसानों ने बांध की ऊंचाई कम करने की भी मांग की है. वहीं शासन का कहना है कि बहुत से किसान ऐसे हैं, जिन्होंने फॉरेस्ट या राजस्व की जमीन पर कब्जा कर रखा है और वह सालों से उस पर खेती कर रहे हैं. अब जमीन के कागजात नहीं होने के कारण उनको जमीन के डूबने का मुआवजा नहीं मिल रहा है. सूत्रों की मानें तो अब भोपाल जिले और विदिशा जिले के कलेक्टर संयुक्त रूप से डैम निर्माण स्थल का निरीक्षण करेंगे.

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