भोपाल। राजधानी भोपाल के रोहित गृह निर्माण सोसायटी में महिला के साथ धोखाधड़ी के मामले में EOW ने 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई है. आरोप है कि, 74 हजार 500 रुपए में 1500 स्क्वायर फीट का प्लाट महिला के नाम आवंटित किया गया था. बाद में हेर फेर करते हुए आवंटित प्लाट की रजिस्ट्री अन्य महिला के नाम कर दी गई. इस मामले में EOW ने महिला की शिकायत पर FIR दर्ज कर कार्रवाई की है. रोहित गृह निर्माण सोसायटी में अब तक ढाई सौ से अधिक लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसमें यह तीसरी एफआईआर दर्ज की गई है.
ये है पूरा मामला
रोहित गृह निर्माण सोसायटी की सूची में 2011 में महिला का नाम मान कुमार के नाम से दर्ज था. महिला ने 74 हजार 500 देकर 2012 में 1500 स्क्वायर फीट की जमीन आवंटित कराई थी. महिला की जमीन में हेरफेर करते हुए रजिस्ट्री संस्था के कार्यकारिणी सदस्य घनश्याम सिंह राजपूत ने अपने ड्राइवर गिरिराज की बहन निर्मला पति दुलीचंद के नाम करवा थी और पावर ऑफ अटॉर्नी घनश्याम राजपूत ने अपने नाम पर कराई थी. जमीन पर चारों तरफ से बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जे में ले लिया था. महिला ने इस बारे में थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में EOW ने जांच की और बुधवार को 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
4 लोगों को बनाया गया आरोपी
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में धोखाधड़ी में लिप्त चार लोगों को आरोपी बनाया है. मुख्य आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत तत्कालीन अध्यक्ष राम बहादुर सिंह, तत्कालीन सचिव बीडी मनावे समेत गिरिराज की बहन निर्मला, पति दुलीचंद को आरोपी बनाया गया है.
क्या थे आरोपियों के काम ?
धोखाधड़ी के मामले में घनश्याम सिंह राजपूत रोहित गृह निर्माण सोसाइटी का कार्यकारिणी सदस्य था. वही रामबहादुर सिंह तत्कालीन अध्यक्ष था और वीडी मनावे सचिव होने के नाते साइन करने का काम करता था. जिसके चलते इन तीनों को मुख्य आरोपी और निर्मला पति दुलीचंद को अन्य आरोपी बनाया गया है, क्योंकि आवंटित जमीन की रजिस्ट्री निर्मला के नाम पर कराई गई थी.