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डिजिटल होंगे सभी विभाग, 2 अक्टूबर को निदेशालय स्तर पर ई-ऑफिस व्यवस्था होगी लागू

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करना शुरू कर दी है. यह व्यवस्था 15 अगस्त से मंत्रालय स्तर पर शुरू हो चुकी है और अब 2 अक्टूबर को निदेशालय स्तर पर भी इसकी शुरुआत हो जाएगी.

सरकारी विभागों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होगी
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Published : Sep 5, 2019, 10:21 AM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार काम में पारदर्शिता लाने के लिए विभागीय कार्यालयों को डिजिटल बनाने में लगी है. यह व्यवस्था 15 अगस्त से मंत्रालय स्तर पर शुरू हो चुकी है और अब 2 अक्टूबर को निदेशालय स्तर यानी विभागाध्यक्ष स्तर पर इसे अनिवार्य रूप से शुरू की जाएगी. इस व्यवस्था के तहत सभी सरकारी कामकाज अब कंप्यूटर पर ही होंगे. इसके लिए सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों को जरूरी तैयारियों के तय समय में करने के निर्देश दिए हैं.

सरकारी विभागों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होगी

सामान्य प्रशासन विभाग चाहता है कि सरकारी कामकाज में तेजी लाने और जवाबदेही तय करने के लिए ई-ऑफिस व्यवस्था कारगर साबित होगी. प्रयोग के तौर पर मंत्रालय में 15 अगस्त को इस व्यवस्था को लागू किया गया था. मंत्रालय स्तर के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया था. मंत्रालय स्तर पर व्यवस्था सफल होने पर अब इससे विभाग के विभागाध्यक्ष स्तर पर लागू किया जा रहा है. हालांकि यह व्यवस्था 2018 में ही लागू हो जानी थी.

पूर्वव शिवराज सरकार ने इस व्यवस्था को ऐच्छिक रूप से लागू किया था. अब कमलनाथ सरकार इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने करने की कोशिश कर रही है. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को व्यवस्था लागू करने के लिए क्रियान्वयन समिति बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

ई-ऑफिस व्यवस्था को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि देश को 21वीं सदी के पथ पर ले जाने का ध्येय राजीव गांधी का था. जो ध्येय आधुनिकता की तरफ बढ़ने का था. ई ऑफिस आधुनिकता की तरफ बढ़ने का कदम है. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह ने इस पर विराम लगाया था. जिसे कमलनाथ सरकार ने हटाया है. प्रदेश सरकार ने ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. प्रदेश निश्चित आधुनिक स्वरूप में और 21वीं सदी में बढ़ते हुए कदम के साथ दिखाई देगा.

भोपाल। कमलनाथ सरकार काम में पारदर्शिता लाने के लिए विभागीय कार्यालयों को डिजिटल बनाने में लगी है. यह व्यवस्था 15 अगस्त से मंत्रालय स्तर पर शुरू हो चुकी है और अब 2 अक्टूबर को निदेशालय स्तर यानी विभागाध्यक्ष स्तर पर इसे अनिवार्य रूप से शुरू की जाएगी. इस व्यवस्था के तहत सभी सरकारी कामकाज अब कंप्यूटर पर ही होंगे. इसके लिए सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों को जरूरी तैयारियों के तय समय में करने के निर्देश दिए हैं.

सरकारी विभागों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होगी

सामान्य प्रशासन विभाग चाहता है कि सरकारी कामकाज में तेजी लाने और जवाबदेही तय करने के लिए ई-ऑफिस व्यवस्था कारगर साबित होगी. प्रयोग के तौर पर मंत्रालय में 15 अगस्त को इस व्यवस्था को लागू किया गया था. मंत्रालय स्तर के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया था. मंत्रालय स्तर पर व्यवस्था सफल होने पर अब इससे विभाग के विभागाध्यक्ष स्तर पर लागू किया जा रहा है. हालांकि यह व्यवस्था 2018 में ही लागू हो जानी थी.

पूर्वव शिवराज सरकार ने इस व्यवस्था को ऐच्छिक रूप से लागू किया था. अब कमलनाथ सरकार इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने करने की कोशिश कर रही है. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को व्यवस्था लागू करने के लिए क्रियान्वयन समिति बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

ई-ऑफिस व्यवस्था को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि देश को 21वीं सदी के पथ पर ले जाने का ध्येय राजीव गांधी का था. जो ध्येय आधुनिकता की तरफ बढ़ने का था. ई ऑफिस आधुनिकता की तरफ बढ़ने का कदम है. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह ने इस पर विराम लगाया था. जिसे कमलनाथ सरकार ने हटाया है. प्रदेश सरकार ने ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. प्रदेश निश्चित आधुनिक स्वरूप में और 21वीं सदी में बढ़ते हुए कदम के साथ दिखाई देगा.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करना शुरू कर दी है। यह व्यवस्था 15 अगस्त से मंत्रालय स्तर पर शुरू हो चुकी है और अब 2 अक्टूबर को निदेशालय स्तर मतलब विभागाध्यक्ष स्तर पर भी इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद 1 जनवरी 2020 से जिला स्तर के दफ्तरों में भी व्यवस्था की शुरुआत हो जाएगी। इस व्यवस्था के तहत सभी सरकारी कामकाज अब कंप्यूटर पर ही होंगे। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है।सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों को जरूरी तैयारियों के तय समय में करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय में या फिर व्यवस्था एक प्रयोग के तौर पर शुरू की गई थी और सफल पाए जाने पर अब विभागाध्यक्ष स्तर पर शुरू की जा रही है।


Body:दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग चाहता है कि सरकारी कामकाज में गति लाने और जवाबदेही तय करने के लिए ई ऑफिस व्यवस्था कारगर साबित होगी।प्रयोग के तौर पर मंत्रालय में 15 अगस्त को इस व्यवस्था को लागू किया गया था। मंत्रालय स्तर के सभी अधिकारी कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया था।मंत्रालय स्तर पर व्यवस्था सफल होने पर अब इससे विभाग के विभागाध्यक्ष स्तर पर लागू किया जा रहा है।हालांकि यह व्यवस्था 2018 में ही लागू हो जाना था। लेकिन चुनाव के चलते शिवराज सरकार ने इसे ऐच्छिक रूप से लागू किया था। अब कमलनाथ सरकार इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने के प्रयास कर रही है। अगले स्तर पर ही व्यवस्था जिला स्तरों पर लागू की जाएगी, इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को व्यवस्था लागू करने के लिए क्रियान्वयन समिति बनाने के निर्देश भी दिए हैं।


Conclusion:ई- ऑफिस व्यवस्था को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि देश को 21वीं सदी के पथ पर ले जाने का ध्येय राजीव गांधी का था। जो ध्येय आधुनिकता की तरफ बढ़ने का था। ई ऑफिस आधुनिकता की तरफ बढ़ने का कदम है। शिवराज सिंह ने इस पर विराम लगाया था, अड़ंगा लगाया था, हमने उसको हटा दिया है।हम चाहते हैं कि जिस तरह विश्व आगे बढ़ रहा है, जिस तरह देश मंगल और चांद पर पहुंच रहा है। उस तरह हमारा प्रदेश भी अग्रणी पंक्ति में चले।ऑफिस से लेकर हर तरह के आधुनिक संसाधनों के साथ जनता की सेवा करें। कमलनाथ इस ध्येय पर काम कर रहे हैं। उनके आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश निश्चित आधुनिक स्वरूप में और 21वीं सदी में बढ़ते हुए कदम के साथ दिखाई देगा।
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