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भारी बारिश के चलते 11 हजार 906 करोड़ की क्षति, 24 सितंबर तक विभागों को सौंपनी होगी रिपोर्ट

प्रदेश में बाढ़ से अब तक 11 हजार 906 करोड़ रुपए की क्षति हुई है. इसे लेकर बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 24 सितंबर तक सभी विभाग अपने रिपोर्ट पेश करें.

बैठक का आयोजन
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Published : Sep 20, 2019, 2:04 PM IST

भोपाल। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसे देखते हुए मंत्रालय में केंद्रीय दल, मुख्य सचिव और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उन सभी जिलों की समीक्षा की गई, जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.

केन्द्रीय दल को इस बैठक में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी गई. बैठक में अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपने विभाग की रिपोर्ट 24 सितंबर तक प्रस्तुत करें. वहीं प्रदेश के 36 जिलों में क्षति बहुत अधिक हुई है. साथ ही राहत पहुंचाने, आगामी रबी फसल के संधारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है. इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

केन्द्रीय दल पांच जिलों का दौरा करेगी, जिसमें विदिशा, रायसेन, राजगढ़, मंदसौर और आगर-मालवा शामिल हैं. इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव केएम सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक मनोज पोनीकर, कृषि मंत्रालय के संचालक एके तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक अमरनाथ सिंह और ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल हैं.

बारिश के चलते बैठक का आयोजन

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने कहा कि भारी बारिश के चलते जनहानि और पशुधन का नुकसान हुआ है, जिसके लिए तत्काल राहत उपलब्ध कराई गई है. एसडीआरएफ ने अब तक 125 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है. फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण 24 सितम्बर तक पूरा होगा. राज्य सरकार ने छोटी अवधि के कृषि ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग भी की है.

इस बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 18 सितम्बर तक 1203.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 37 प्रतिशत अधिक है. 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपए की खरीफ फसल बर्बाद हुई है. प्रदेशभर में अब तक 540 करोड़ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1,566 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों और 1400 से अधित जानवरों की मौत हो गई है. साथ ही तेज बारिश से प्रदेशभर के बांधों, तालाबों और नदियों की स्थिति और बचाव के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराया गया.

भोपाल। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसे देखते हुए मंत्रालय में केंद्रीय दल, मुख्य सचिव और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उन सभी जिलों की समीक्षा की गई, जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.

केन्द्रीय दल को इस बैठक में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी गई. बैठक में अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपने विभाग की रिपोर्ट 24 सितंबर तक प्रस्तुत करें. वहीं प्रदेश के 36 जिलों में क्षति बहुत अधिक हुई है. साथ ही राहत पहुंचाने, आगामी रबी फसल के संधारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है. इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

केन्द्रीय दल पांच जिलों का दौरा करेगी, जिसमें विदिशा, रायसेन, राजगढ़, मंदसौर और आगर-मालवा शामिल हैं. इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव केएम सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक मनोज पोनीकर, कृषि मंत्रालय के संचालक एके तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक अमरनाथ सिंह और ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक सुमित गोयल शामिल हैं.

बारिश के चलते बैठक का आयोजन

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने कहा कि भारी बारिश के चलते जनहानि और पशुधन का नुकसान हुआ है, जिसके लिए तत्काल राहत उपलब्ध कराई गई है. एसडीआरएफ ने अब तक 125 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है. फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण 24 सितम्बर तक पूरा होगा. राज्य सरकार ने छोटी अवधि के कृषि ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग भी की है.

इस बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 18 सितम्बर तक 1203.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 37 प्रतिशत अधिक है. 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपए की खरीफ फसल बर्बाद हुई है. प्रदेशभर में अब तक 540 करोड़ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1,566 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों और 1400 से अधित जानवरों की मौत हो गई है. साथ ही तेज बारिश से प्रदेशभर के बांधों, तालाबों और नदियों की स्थिति और बचाव के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराया गया.

Intro: प्रदेश मैं बाढ़ से अब तक 11 हजार 906 करोड़ की क्षति , 24 तक सभी विभागों को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश


भोपाल | प्रदेश में हुई तेज बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंत्रालय में अंतर मंत्रालयीन केंद्रीय दल के साथ मुख्य सचिव और संबंधित सभी अधिकारियों के साथ अति आवश्यक बैठक आयोजित की गई इस बैठक में प्रदेश के उन सभी जिलों की समीक्षा की गई जहां पर बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित सभी तरह की रिपोर्ट 24 सितंबर तक हर हाल में प्रस्तुत करें . बैठक में केन्द्रीय दल को वर्षा ऋतु में अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश में अब तक हुई क्षति की जानकारी दी गई .


मुख्य सचिव एस.आर.मोहन्ती ने निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी सभी विभाग 24 सितम्बर तक राहत आयुक्त को सौंप दें . प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में क्षति बहुत अधिक हुई है . उन्होंने कहा कि राहत पहुँचाने, आगामी रबी फसल के संधारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है .


बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे .Body:राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त सचिव संदीप पौण्डरिक के नेतृत्व में आया केन्द्रीय दल दो दिन में प्रदेश के पाँच जिलों क्रमश: विदिशा, रायसेन, राजगढ़, मंदसौर और आगर-मालवा का भ्रमण करेगा .केन्द्रीय दल में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव के.एम. सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक मनोज पोनीकर, कृषि मंत्रालय के संचालक ए.के. तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक अमरनाथ सिंह तथा ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक सुमित गोयल सम्मिलित हैं .

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश में वर्षा निरंतर जारी है रस्तोगी ने केन्द्रीय दल के सम्मुख अब तक हुई क्षति की जानकारी प्रस्तुत की . उन्होंने कहा कि सभी विभागों से जानकारी प्राप्त होने तथा मानसून समाप्ति के बाद क्षति की जानकारी अंतिम रूप से प्रस्तुत की जा सकेगी . रस्तोगी ने बताया कि जनहानि और पशुधन की हानि के मामलों में तत्काल राहत उपलब्ध कराई गई है . एसडीआरएफ के अंर्तगत अब तक 125 करोड़ रूपये की राहत प्रदान की जा चुकी है . फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण 24 सितम्बर तक पूर्ण होगा . तत्पश्चात 27 सितम्बर तक सहायता के लिए अंतिम रूप से मांग प्रस्तुत की जा सकेगी .राज्य सरकार ने छोटी अवधि के कृषि ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग भी रखी .


Conclusion:बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 18 सितम्बर तक 1203.5 एम.एम. वर्षा हुई, जो सामान्य से 37 प्रतिशत अधिक है . लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रूपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है. प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ है . इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रूपये और लगभग 200 करोड़ रूपये का अन्य नुकसान भी हुआ है .केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश को अब तक 11 हजार 906 करोड़ रूपये की क्षति हुई है .प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई.

केन्द्रीय दल को अति-वृष्टि के दौरान प्रदेश के बांधों, तालाबों और नदियों की स्थिति तथा बचाव के लिए किये गए कार्यो से अवगत कराया गया .
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