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महिलाओं के हाथ में पहुंची CAA की लड़ाई, इसे रोक पाना अब मुश्किल: दिग्विजय सिंह

गांधी भवन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएए की लड़ाई पुरुषों के हाथ से निकलकर महिलाओं, युवाओं और छात्रों के हाथ में पहुंच गई है, इसे संभालना आसान नहीं है.

digvijay singh
सीएए पर दिग्विजय सिंह का बयान
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Published : Jan 24, 2020, 7:40 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 9:06 AM IST

भोपाल। 'राजीव के सिपाही' के बैनर तले भोपाल के गांधी भवन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की और कहा कि देश में फासीवादी और विभाजनकारी ताकतों से डटकर मुकाबला करना पड़ेगा.

सीएए पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बयान


दिग्विजय सिंह ने कहा कि डरो मत लड़ो. गांधी की विचारधारा के अनुसार देश की जनता की लड़ाई सबको मिलकर लड़ना है. उन्होंने कहा कि सीएए की जो लड़ाई चल रही है, अब यह लड़ाई पुरुषों के हाथ से निकलकर महिलाओं, युवाओं और छात्रों के हाथ में पहुंच गई है, इसे संभालना आसान नहीं है.

शाहीन बाग को नहीं बनाना चाहता राजनीतिक मंच
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाहीन बाग में मैंने जो गुस्सा देखा है, मैंने साफ मना कर दिया था कि मैं कोई भाषण नहीं दूंगा, क्योंकि मैं शाहीन बाग को राजनीतिक मंच नहीं बनाना चाहता हूं. इकबाल मैदान में भी मैं नहीं चाहता हूं कि कोई राजनीतिक अखाड़ा बने. यह जनता का आंदोलन है, नाराजगी है, गुस्सा है, वे नफरत के खिलाफ खड़ा होना चाहते हैं, इस गुस्से को कंट्रोल करने के लिए हमें गांधी की विचारधारा की जरूरत है, क्योंकि गांधी की विचारधारा ही विश्वास पैदा करती है. उन्होंने कहा कि यह कैसा प्रजातंत्र है कि जहां संवादहीनता बनी हुई है. प्रजातंत्र की बुनियाद संवाद है, जहां संवाद हीनता बनी रहेगी, वहां प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा.

सोशल मीडिया के सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मानित
'राजीव के सिपाही' कार्यक्रम भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में आयोजित किया जाता है. जिसमें प्रदेश भर के कोने-कोने से आए निष्ठावान और सोशल मीडिया के सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया. इस कार्यक्रम में विशेष रूप से एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं के संघर्ष से ही कांग्रेस की सरकार बनी है. उन्होंने अपने भाषण के पहले संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया और कहा कि संविधान है, तो हम हैं.

भोपाल। 'राजीव के सिपाही' के बैनर तले भोपाल के गांधी भवन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की और कहा कि देश में फासीवादी और विभाजनकारी ताकतों से डटकर मुकाबला करना पड़ेगा.

सीएए पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बयान


दिग्विजय सिंह ने कहा कि डरो मत लड़ो. गांधी की विचारधारा के अनुसार देश की जनता की लड़ाई सबको मिलकर लड़ना है. उन्होंने कहा कि सीएए की जो लड़ाई चल रही है, अब यह लड़ाई पुरुषों के हाथ से निकलकर महिलाओं, युवाओं और छात्रों के हाथ में पहुंच गई है, इसे संभालना आसान नहीं है.

शाहीन बाग को नहीं बनाना चाहता राजनीतिक मंच
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाहीन बाग में मैंने जो गुस्सा देखा है, मैंने साफ मना कर दिया था कि मैं कोई भाषण नहीं दूंगा, क्योंकि मैं शाहीन बाग को राजनीतिक मंच नहीं बनाना चाहता हूं. इकबाल मैदान में भी मैं नहीं चाहता हूं कि कोई राजनीतिक अखाड़ा बने. यह जनता का आंदोलन है, नाराजगी है, गुस्सा है, वे नफरत के खिलाफ खड़ा होना चाहते हैं, इस गुस्से को कंट्रोल करने के लिए हमें गांधी की विचारधारा की जरूरत है, क्योंकि गांधी की विचारधारा ही विश्वास पैदा करती है. उन्होंने कहा कि यह कैसा प्रजातंत्र है कि जहां संवादहीनता बनी हुई है. प्रजातंत्र की बुनियाद संवाद है, जहां संवाद हीनता बनी रहेगी, वहां प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा.

सोशल मीडिया के सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मानित
'राजीव के सिपाही' कार्यक्रम भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में आयोजित किया जाता है. जिसमें प्रदेश भर के कोने-कोने से आए निष्ठावान और सोशल मीडिया के सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया. इस कार्यक्रम में विशेष रूप से एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं के संघर्ष से ही कांग्रेस की सरकार बनी है. उन्होंने अपने भाषण के पहले संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया और कहा कि संविधान है, तो हम हैं.

Intro:भोपाल। राजीव के सिपाही के बैनर तले भोपाल के गांधी भवन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में आयोजित किया जाता है।इस कार्यक्रम में के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज देश गुस्से से भरा हुआ है। इस गुस्से को कंट्रोल करने के लिए हमें गांधी की विचारधारा की जरूरत है।क्योंकि गांधी की विचारधारा ही विश्वास पैदा करती है और विश्वास से ही आप समस्या का निदान कर सकते हैं। यह कैसा प्रजातंत्र है कि जहां संवाद हीनता बनी हुई है। प्रजातंत्र की बुनियाद संवाद है,जहां संवाद हीनता बनी रहेगी। वहां प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा।


Body:राजीव के सिपाही बैनर तले आज आयोजित हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश भर के कोने-कोने से आए निष्ठावान और सोशल मीडिया के सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी पहुंचे थे। जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं के संघर्ष से ही कांग्रेस की सरकार बनी है। उन्होंने अपने भाषण के पहले संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया और कहा कि संविधान है, तो हम हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा की और कहा कि देश में फासीवादी और विभाजन कारी ताकतों से डटकर मुकाबला करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि डरो मत लड़ो। गांधी की विचारधारा के अनुसार देश की जनता की लड़ाई सबको मिलकर लड़ना है।


Conclusion:दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएए की जो लड़ाई चल रही है।अब यह लड़ाई पुरुषों के हाथ से निकलकर महिलाओं, युवाओं और छात्रों के हाथ में पहुंच गई है,इसे संभालना आसान नहीं है। शाहीन बाग में मैंने जो गुस्सा देखा है, मैंने साफ मना कर दिया था कि मैं कोई भाषण नहीं दूंगा। क्योंकि मैं शाहीन बाग को राजनीतिक मंच नहीं बनाना चाहता हूं।इकबाल मैदान में भी मैं नहीं चाहता हूं कि कोई राजनीतिक आंदोलन बने। यह जनता का आंदोलन है,नाराजगी है, गुस्सा है। नफरत के खिलाफ खड़ा होना चाहते हैं। इस गुस्से को कंट्रोल करने के लिए हमें गांधी की विचारधारा की जरूरत है। क्योंकि गांधी की विचारधारा ही विश्वास पैदा करती है। बिना विश्वास के आप इस समस्या का निदान नहीं कर सकते हैं।यह कैसा प्रजातंत्र है कि जहां संवाद हीनता बनी हुई है। प्रजातंत्र की बुनियाद ही संवाद है।जहां संवाद हीनता रहेगी, वहां प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा।
Last Updated : Jan 24, 2020, 9:06 AM IST
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