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डेंगू से बचने के लिए कितनी तैयार अवाम, आखिर बच्चों को क्यों है ज्यादा खतरा? देखें रियालिटी चेक

भले ही सीएम शिवराज सिंह फॉगिंग कर रहे हैं, अधिकारियों को इससे निपटने के कारगर उपाय करने के निर्देश दे रहे हैं, पर जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने अरेरा कॉलोनी में पहुंचकर रियलिटी चेक (Reality Check) किया तो सारे दावे हवा-हवाई हो गए.

dengue infection reality check
डेंगू का रियलिटी चेक
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Published : Sep 20, 2021, 7:14 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 1:27 PM IST

भोपाल। डेंगू को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है और दावे भी करती है कि लोगों के घरों-कॉलोनियों में फॉगिंग और निरीक्षण किया जा रहा है. ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी का रियलिटी चेक (Reality Check) किया कि आखिर जमीनी स्थिति क्या है और लोगों के घरों में या आसपास जलभराव हो रहा है या नहीं. डेंगू से बचने के लिए लोग कितने तैयार हैं.

डेंगू का रियलिटी चेक

मध्यप्रदेश में कोरोना के बाद लगातार डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है, तमाम रिहायशी इलाकों में भी डेंगू का लार्वा मिल रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'डेंगू से जंग जनता के संग' योजना शुरू की है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों को निर्देशित करते हुए कहा कि वह जगह-जगह जाकर लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक करें, लगातार मॉनिटरिंग भी करें.

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ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम भोपाल की अरेरा कॉलोनी का निरीक्षण किया क्योंकि अरेरा कॉलोनी के कुछ क्षेत्रों में पिछले दिनों लार्वा मिलने की बात सामने आई थी, ऐसे में हमारी टीम ने इस कॉलोनी के लोगों से ही पूछा कि आखिर लोगों के घरों में क्या ठहरा हुआ पानी है और वह डेंगू को लेकर कितने जागरूक हैं.

जब हमारी टीम (ETV Bharat) रियलिटी चेक करने पहुंची तो देखा कि लोगों के घरों में कई जगह गमले और कूलर तो रखे हुए थे, लेकिन उनमें पानी नहीं था. वहीं कुछ फर्श पर बोरिंग के पास पानी जमा हुआ जरूर नजर आया. खुद रहवासियों का कहना है कि सरकार की ओर से सिर्फ दावे किए जा रहे हैं, यहां फागिंग की मशीनें आती हैं, ना कोई टीम आती है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकार इतने दावे करती है और मुख्यमंत्री स्वयं सड़क पर निकल कर फॉगिंग करते हुए लोगों को जागरूक करते हैं तो फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी क्यों लापरवाही कर रहे हैं. आखिर उसका कारण क्या है, क्या वह चाहते हैं कि करोना के बाद अब लोग डेंगू से भी परेशान हो.

बच्चों को है डेंगू से बड़ा खतरा

देश के डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू किसी को भी हो सकती है. लेकिन एमपी और यूपी समेत देश के 6 राज्यों में बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. बच्चों की रोग प्रतिरक्षा क्षमता बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है इसलिए इसकी चपेट में वो ज्यादा आ सकते हैं और खतरा ज्यादा बड़ा है. एक साल में ही बच्चे अमूमन 6 से 8 बार वे श्वसन संबंधी संक्रमण से ग्रसित होते हैं. इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे अब स्कूल भी जा रहे हैं और बाहर का खाना भी खा रहे हैं. यही वजह है कि उनमें संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.

मच्छर से होता है डेंगू

डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है और आमतौर पर सुबह के समय हमला करता है. यह मच्छर साफ पानी में जन्म लेता है. एनोफिलीज मच्छर मलेरिया का कारक होता है जो गंदे और साफ दोनों तरह के पानी में प्रजनन करता है.

भोपाल। डेंगू को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है और दावे भी करती है कि लोगों के घरों-कॉलोनियों में फॉगिंग और निरीक्षण किया जा रहा है. ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी का रियलिटी चेक (Reality Check) किया कि आखिर जमीनी स्थिति क्या है और लोगों के घरों में या आसपास जलभराव हो रहा है या नहीं. डेंगू से बचने के लिए लोग कितने तैयार हैं.

डेंगू का रियलिटी चेक

मध्यप्रदेश में कोरोना के बाद लगातार डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है, तमाम रिहायशी इलाकों में भी डेंगू का लार्वा मिल रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'डेंगू से जंग जनता के संग' योजना शुरू की है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों को निर्देशित करते हुए कहा कि वह जगह-जगह जाकर लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक करें, लगातार मॉनिटरिंग भी करें.

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ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम भोपाल की अरेरा कॉलोनी का निरीक्षण किया क्योंकि अरेरा कॉलोनी के कुछ क्षेत्रों में पिछले दिनों लार्वा मिलने की बात सामने आई थी, ऐसे में हमारी टीम ने इस कॉलोनी के लोगों से ही पूछा कि आखिर लोगों के घरों में क्या ठहरा हुआ पानी है और वह डेंगू को लेकर कितने जागरूक हैं.

जब हमारी टीम (ETV Bharat) रियलिटी चेक करने पहुंची तो देखा कि लोगों के घरों में कई जगह गमले और कूलर तो रखे हुए थे, लेकिन उनमें पानी नहीं था. वहीं कुछ फर्श पर बोरिंग के पास पानी जमा हुआ जरूर नजर आया. खुद रहवासियों का कहना है कि सरकार की ओर से सिर्फ दावे किए जा रहे हैं, यहां फागिंग की मशीनें आती हैं, ना कोई टीम आती है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकार इतने दावे करती है और मुख्यमंत्री स्वयं सड़क पर निकल कर फॉगिंग करते हुए लोगों को जागरूक करते हैं तो फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी क्यों लापरवाही कर रहे हैं. आखिर उसका कारण क्या है, क्या वह चाहते हैं कि करोना के बाद अब लोग डेंगू से भी परेशान हो.

बच्चों को है डेंगू से बड़ा खतरा

देश के डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू किसी को भी हो सकती है. लेकिन एमपी और यूपी समेत देश के 6 राज्यों में बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. बच्चों की रोग प्रतिरक्षा क्षमता बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है इसलिए इसकी चपेट में वो ज्यादा आ सकते हैं और खतरा ज्यादा बड़ा है. एक साल में ही बच्चे अमूमन 6 से 8 बार वे श्वसन संबंधी संक्रमण से ग्रसित होते हैं. इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे अब स्कूल भी जा रहे हैं और बाहर का खाना भी खा रहे हैं. यही वजह है कि उनमें संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.

मच्छर से होता है डेंगू

डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है और आमतौर पर सुबह के समय हमला करता है. यह मच्छर साफ पानी में जन्म लेता है. एनोफिलीज मच्छर मलेरिया का कारक होता है जो गंदे और साफ दोनों तरह के पानी में प्रजनन करता है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 1:27 PM IST
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