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सत्ताधारी पार्टी  ने ही नहीं किया कोरोना गाइडलाइन का पालन! सीएम समेत कई नेता पॉजिटिव - कोरोना ग्रसित हुई बीजेपी

मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सीएम शिवराज के साथ ही सत्ताधारी दल बीजेपी के कई मंत्री और कार्यकर्ता भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. ऐसे में एक तरफ जहां कांग्रेस इस स्थिति को लेकर बीजेपी पर हमलावर है, वहीं दूसरी ओर वह बीजेपी पर लापरवाही का आरोप भी लगा रही है.

Corona became MP BJP
कोरोना ग्रसित हुई एमपी बीजेपी
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Published : Jul 30, 2020, 7:17 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो रही है. आम कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुखिया, यानी मुख्यमंत्री तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का आरोप है कि, बीजेपी ने जिस तरह की लापरवाही की है, उसी का नतीजा है कि, प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं.

कोरोना ग्रसित हुई एमपी बीजेपी

दरअसल पूरे प्रदेश में जिस दौरान लॉकडाउन लगा था तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में ऐसा माहौल था, जैसे सब कुछ सामान्य हो. यहां पर आम दिनों की तरह सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय पहुंचते थे. जहां पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता था, ना तो संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक उपाय किए जाते थे.

कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में अपने- अपने क्षेत्रों से कार्यकर्ताओं को लेकर प्रदेश कार्यालय पहुंच रहे थे. जहां पर उन्हें प्राथमिक सदस्यता जलाई जाती थी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत के अलावा अन्य नेता शामिल हुआ करते थे. यहीं से शुरुआत हुई कोरोना संक्रमण की, जहां सबसे पहले जावद से बीजेपी के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा कोरोना संक्रमित हुए. सकलेचा के साथ उनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई थी. उनके अन्य साथियों ने भी अपना टेस्ट कराया, जिसमें रीवा से बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

मंत्री समेत कार्यकर्ता भी मिले संक्रमित

इसी दौरान आरएसएस के बड़े नेता कहे जाने वाले दीपक विस्फुते के अलावा अन्य एक पदाधिकारी कोरोना संक्रमित पाया गया, तो वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक नीना वर्मा और उनके पति पूर्व राज्यसभा सांसद विक्रम वर्मा भी नहीं बच पाए. राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया उनके पीए अनिल मिश्रा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए.

मौजूदा हालात की बात करें, तो प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कोरोना से दो-चार हो रहे हैं और इन दिनों अपने इलाज के लिए चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं. इसी अस्पताल में उनके मंत्रिमंडल के साथी अरविंद सिंह भदौरिया, विधायक राकेश गिरी भी कोरोना से जूझ रहे हैं.

इसके साथ ही बीजेपी के संगठन मंत्री सुहाग भगत, सह संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी की रिपार्ट भी पॉजिटिव आई है. तो वहीं मंत्री तुलसी सिलावट भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके साथ ही मंत्री रामखेलावन पटेल भी कोरोना की जद में आ चुके हैं. यही नहीं कई विधायक और मंत्रियों का स्टाफ भी कोरोना संक्रमित हो चुका है और इसके बाद लगभग सभी मंत्रियों विधायकों ने अपने आपको होम क्वारंटाइन कर लिया है.

सत्ताधारी दल ने ही नहीं किया नियमों का पालन

सवाल यही है कि, जब पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते लोग घरों में कैद थे, सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी थी, उसके बावजूद भी बीजेपी कार्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता आया करते थे, वर्चुअल रैली में शामिल हुआ करते थे. यही नहीं ये नेता, विधायक ,मंत्री अपने- अपने क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से लोगों से मुलाकात भी कर रहे थे. लेकिन ये नेता शायद ये भूल गए थे कि, ये कोरोना वायरस है, यह आदमी का कद और पद नहीं देखता और बस मौका मिलते ही अपना असर दिखा देता है.

बीजेपी के दर्जनों नेता मौजूदा समय में कोरोना संक्रमित हैं और अब जाकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सन्नाटा दिखाई दे रहा है. जब बीजेपी के टॉप टू बॉटम नेताओं को कोरोना संक्रमण ने अपनी जद में ले लिया है, उसके बाद से अब प्रदेश कार्यालय में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो रही है. आम कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुखिया, यानी मुख्यमंत्री तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का आरोप है कि, बीजेपी ने जिस तरह की लापरवाही की है, उसी का नतीजा है कि, प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं.

कोरोना ग्रसित हुई एमपी बीजेपी

दरअसल पूरे प्रदेश में जिस दौरान लॉकडाउन लगा था तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में ऐसा माहौल था, जैसे सब कुछ सामान्य हो. यहां पर आम दिनों की तरह सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय पहुंचते थे. जहां पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता था, ना तो संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक उपाय किए जाते थे.

कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में अपने- अपने क्षेत्रों से कार्यकर्ताओं को लेकर प्रदेश कार्यालय पहुंच रहे थे. जहां पर उन्हें प्राथमिक सदस्यता जलाई जाती थी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत के अलावा अन्य नेता शामिल हुआ करते थे. यहीं से शुरुआत हुई कोरोना संक्रमण की, जहां सबसे पहले जावद से बीजेपी के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा कोरोना संक्रमित हुए. सकलेचा के साथ उनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई थी. उनके अन्य साथियों ने भी अपना टेस्ट कराया, जिसमें रीवा से बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

मंत्री समेत कार्यकर्ता भी मिले संक्रमित

इसी दौरान आरएसएस के बड़े नेता कहे जाने वाले दीपक विस्फुते के अलावा अन्य एक पदाधिकारी कोरोना संक्रमित पाया गया, तो वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक नीना वर्मा और उनके पति पूर्व राज्यसभा सांसद विक्रम वर्मा भी नहीं बच पाए. राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया उनके पीए अनिल मिश्रा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए.

मौजूदा हालात की बात करें, तो प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कोरोना से दो-चार हो रहे हैं और इन दिनों अपने इलाज के लिए चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं. इसी अस्पताल में उनके मंत्रिमंडल के साथी अरविंद सिंह भदौरिया, विधायक राकेश गिरी भी कोरोना से जूझ रहे हैं.

इसके साथ ही बीजेपी के संगठन मंत्री सुहाग भगत, सह संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी की रिपार्ट भी पॉजिटिव आई है. तो वहीं मंत्री तुलसी सिलावट भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके साथ ही मंत्री रामखेलावन पटेल भी कोरोना की जद में आ चुके हैं. यही नहीं कई विधायक और मंत्रियों का स्टाफ भी कोरोना संक्रमित हो चुका है और इसके बाद लगभग सभी मंत्रियों विधायकों ने अपने आपको होम क्वारंटाइन कर लिया है.

सत्ताधारी दल ने ही नहीं किया नियमों का पालन

सवाल यही है कि, जब पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते लोग घरों में कैद थे, सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी थी, उसके बावजूद भी बीजेपी कार्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता आया करते थे, वर्चुअल रैली में शामिल हुआ करते थे. यही नहीं ये नेता, विधायक ,मंत्री अपने- अपने क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से लोगों से मुलाकात भी कर रहे थे. लेकिन ये नेता शायद ये भूल गए थे कि, ये कोरोना वायरस है, यह आदमी का कद और पद नहीं देखता और बस मौका मिलते ही अपना असर दिखा देता है.

बीजेपी के दर्जनों नेता मौजूदा समय में कोरोना संक्रमित हैं और अब जाकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सन्नाटा दिखाई दे रहा है. जब बीजेपी के टॉप टू बॉटम नेताओं को कोरोना संक्रमण ने अपनी जद में ले लिया है, उसके बाद से अब प्रदेश कार्यालय में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.

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