भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को हुई वोटिंग के बाद अब मतगणना का इंतजार है, लेकिन मतगणना से पहले मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जहां अपनी सरकार बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को इस बात का डर सता रहा है कि, कहीं उसके कुछ और विधायक पार्टी का साथ न छोड़ दें.. बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि, कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने की जद्दोजहद में जुटी है. मध्य प्रदेश की राजनीति में कुल मिलाकर फिर खरीद-फरोख्त और दल बदल के आसार नजर आ रहे हैं.
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बीजेपी नेता के बयान से कांग्रेस में हड़कंप
बीजेपी सरकार के मंत्री जहां निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों से संपर्क साध रही है, तो बीजेपी के नेता यह दावा करते हुए नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस के कई विधायक अभी भी उनके संपर्क में हैं. शनिवार को पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक रामपाल सिंह का कहना है कि कांग्रेस का भविष्य बचा नहीं है. सब लोग अच्छी तरह से समझ गए हैं. मध्यप्रदेश का बच्चा- बच्चा समझ गया है कि कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है. कांग्रेस के काफी विधायक बीजेपी में शामिल हुए. आगे भी जो स्थिति बन रही है, वह बीजेपी में आकर भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं. उनके इस बयान से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है.
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कमलनाथ ने सभी विधायकों को बैठक के लिए बुलाया
शुक्रवार को शिवराज सरकार के मंत्री अन्य दलों के विधायकों से मिले. जिसके बाद कांग्रेस ने भी सरकार में वापसी करने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है. खास बात यह है कि इस बैठक में निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है. 10 नवंबर के बाद हो रही इस बैठक में कांग्रेस के जो नए विधायक चुनाव जीतकर आएंगे, वह भी शामिल होंगे. हालांकि अभी तक ये कांग्रेस विधायक दल की बैठक मानी जा रही है. लेकिन 10 नवंबर को अगर कांग्रेस के दांवे के अनुसार परिणाम आते हैं, तो इस बैठक का नजारा कुछ और ही होगा.
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बीएसपी विधायकों का बीजेपी नेताओं से मुलाकात
शुक्रवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री भूपेंद्र सिंह से निर्दलीय और बसपा विधायक ने मुलाकात की है. निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा और बीजेपी विधायक नारायण सिंह कुशवाहा से भूपेंद्र सिंह की बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक चर्चा की. चुनाव के नतीजों के पहले हुई निर्दलीय और बसपा विधायकों से मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि चुनाव अभियान समिति के संयोजक मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, कि इस मुलाकात के राजनीतिक मायने न निकाले जाएं. लगातार चुनाव प्रचार की वजह से इन विधायकों से मुलाकात नहीं हो पाई थी, लिहाजा आज यह मुलाकात करने आए थे, और मुलाकात सामान्य थी.' उन्होंने कहा, कि निर्दलीय विधायक पहले ही बीजेपी को अपना समर्थन दे चुके हैं.
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कमलनाथ का बीजेपी पर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान जारी कर शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में हार सामने देख, सरकार में बने रहने के लिए बीजेपी सौदेबाजी पर उतर आई है, लेकिन मध्यप्रदेश की जनता सौदेबाजी की सरकार को स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि निर्दलीय और कांग्रेस विधायकों से सूचना मिल रही है कि उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. वहीं कमलनाथ ने चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा कुछ किया जाता है तो प्रदेश की जनता के साथ कांग्रेस सड़क पर उतरकर सौदेबाजी के खिलाफ आंदोलन करेगी.
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दिग्विजय सिंह का EVM को लेकर आरोप
3 नवंबर को हुई वोटिंग के दौरान भिंड मुरैना में कई जगह फायरिंग और मारपीट की घटना सामने आई थी. जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा था. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए ईवीएम पर भी सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम ने लिखा है कि तकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते हैं, पर भारत और कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं. विकसित देश ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है. क्योंकि इसमें चिप लगी होती है, और इसे हैक किया जा सकता है.