भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया था. इस मामले में कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थीं. आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में शिवराज सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा, आबादी के हिसाब से ओबीसी वर्ग को आरक्षण देना चाहते हैं और मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 54 फीसदी से ज्यादा है. शिवराज सरकार द्वारा पेश किए गए जवाब को लेकर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
कांग्रेस ने कहा, हाईकोर्ट में सरकार ने जो जवाब पेश किया है. उससे साफ हो गया है कि कमलनाथ सरकार का फैसला सही था और यह भी साफ हो गया है कि 15 साल तक मध्यप्रदेश में बीजेपी के पिछड़ा वर्ग के तीन मुख्यमंत्री रहने के बाद भी मध्यप्रदेश की पिछड़ा वर्ग की आबादी को आरक्षण से वंचित रखा गया, इसके लिए शिवराज सरकार और बीजेपी दोषी है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विक्की खोंगल का कहना है, मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विगत 15 सालों की सरकार के दौरान तीन मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग से रहे हैं. इसके बावजूद भी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया.
विक्की खोंगल ने कहा, कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महीने के शासनकाल में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का काम किया. आज जब उसकी पैरवी करते समय शिवराज सिंह सरकार ने अपना पक्ष रखा है और मजबूती से कहा है कि हम ओबीसी को जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देना चाहते हैं और मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 54 फीसदी से ज्यादा है.
हाईकोर्ट में शिवराज सरकार का जवाब साफ करता है कि कमलनाथ में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया था, वह सही था और सत्य था. अब यह भी साबित होता है कि मध्यप्रदेश की पिछड़ा वर्ग की आबादी को पिछले 15 साल 27फीसदी आरक्षण से वंचित रखा गया. इसके लिए 15 साल की शिवराज और भाजपा सरकार दोषी है.