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नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव का BJP ने किया विरोध, राज्यपाल से की खारिज करने की मांग

कमलनाथ सरकार ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव किए हैं. जिसको लेकर बीजेपी लगातार विरोध कर रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर नगरीय निकाय एक्ट में हुए बदलाव को खारिज करने की मांग की है.

नगरीय निकाय एक्ट में हुए बदलाव का विरोध
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Published : Oct 4, 2019, 5:04 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 6:30 PM IST

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं. जिसका बीजेपी जोरदार तरीके से विरोध कर रही है. इस संबंध में बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर इस एक्ट में किए गए बदलाव को खारिज करने की मांग की है. पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इसे असंवैधानिक बताया है. उनका आरोप है कि सरकार के इस फैसले से नगरीय निकायों में खरीद फरोख्त बढ़ेगी.

नगरीय निकाय एक्ट में हुए बदलाव का विरोध

गुप्ता का कहना है कि 'प्रदेश सरकार द्वारा महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला संविधान के 74वें संशोधन के विपरीत है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव का आगामी समय में विपरीत असर दिखाई देगा. नगर निगमों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा'. बीजेपी ने नगर निगम के पुनर्गठन कराए जाने के फैसले का भी कड़ा विरोध किया है.

उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि सरकार भोपाल और देवास नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने जा रही है. सरकार का यह फैसला भी असंवैधानिक है. क्योंकि 2011 की जनगणना के बाद ही नगर निगमों का पुनर्गठन हुआ था. यह फैसला करना प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि राज्यपाल का अधिकार है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक आधार पर बंटवारा करने का आरोप लगाया है.

वहीं ऑल इंडिया काउंसिल फॉर मेयर्स के प्रदेश अध्यक्ष और भोपाल नगर निगम महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर को चुने जाने से खरीद- फरोख्त बढ़ेगी और नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ेगा. उनका कहना है कि भोपाल शहर के दो टुकड़े नहीं होने दिया जाएगा. अगर सरकार ने इसको लेकर कोई फैसला किया, तो बीजेपी कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगी.

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं. जिसका बीजेपी जोरदार तरीके से विरोध कर रही है. इस संबंध में बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर इस एक्ट में किए गए बदलाव को खारिज करने की मांग की है. पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इसे असंवैधानिक बताया है. उनका आरोप है कि सरकार के इस फैसले से नगरीय निकायों में खरीद फरोख्त बढ़ेगी.

नगरीय निकाय एक्ट में हुए बदलाव का विरोध

गुप्ता का कहना है कि 'प्रदेश सरकार द्वारा महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला संविधान के 74वें संशोधन के विपरीत है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव का आगामी समय में विपरीत असर दिखाई देगा. नगर निगमों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा'. बीजेपी ने नगर निगम के पुनर्गठन कराए जाने के फैसले का भी कड़ा विरोध किया है.

उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि सरकार भोपाल और देवास नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने जा रही है. सरकार का यह फैसला भी असंवैधानिक है. क्योंकि 2011 की जनगणना के बाद ही नगर निगमों का पुनर्गठन हुआ था. यह फैसला करना प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि राज्यपाल का अधिकार है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक आधार पर बंटवारा करने का आरोप लगाया है.

वहीं ऑल इंडिया काउंसिल फॉर मेयर्स के प्रदेश अध्यक्ष और भोपाल नगर निगम महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर को चुने जाने से खरीद- फरोख्त बढ़ेगी और नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ेगा. उनका कहना है कि भोपाल शहर के दो टुकड़े नहीं होने दिया जाएगा. अगर सरकार ने इसको लेकर कोई फैसला किया, तो बीजेपी कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगी.

Intro:भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव में किए जा रहे बदलाव का विरोध तेज हो गया है। बीजेपी ने सरकार के इस निर्णय के विरोध में राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर इसे खारिज करने की मांग की है। बीजेपी महापौर परिषद के अध्यक्ष पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी महापौर और विधायकों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौपते वे इसे असंवैधानिक बताया है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार के इस फैसले से नगरीय निकायों में खरीद फरोख्त बढ़ेगी।


Body:पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला संविधान के 74 वे संशोधन के विपरीत है प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव का आगामी समय में विपरीत असर दिखाई देगा नगर निगमों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। बीजेपी ने नगर निगम के पुनर्गठन कराए जाने की सरकार के फैसले का भी कड़ा विरोध किया है। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि सरकार भोपाल और देवास नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने जा रही है सरकार का यह फैसला भी असंवैधानिक है क्योंकि 2011 की जनगणना के बाद ही नगर निगमों का पुनर्गठन हुआ था। यह फैसला करना प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि राज्यपाल का अधिकार है। सरकार सिर्फ राजनीतिक आधार पर बंटवारा करने की कोशिश कर रही है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर मेयर्स के प्रदेश अध्यक्ष और भोपाल नगर निगम महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर को चुने जाने से खरीद-फरोख्त बढ़ेगी और नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ेगा उन्होंने कहा कि भोपाल शहर के दो टुकड़े नहीं होने दिए जाएंगे अगर सरकार ने इसको लेकर कोई फैसला किया तो बीजेपी कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगी।


Conclusion:
Last Updated : Oct 4, 2019, 6:30 PM IST
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