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PM Modi Mp Visit मिशन 2023 से पहले महाकाल के दर पर मोदी, क्या यूपी की तर्ज पर बम बम बोलेगा एमपी

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Published : Sep 13, 2022, 6:58 PM IST

पीएम मोदी 1 महीने के अंतरात में लगभग दो बार मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे. 17 सिंतबर को चीतों को छोड़ने वे कुनो अभ्यारण्य पहुंचेगे. प्रधानमंत्री बनने के बाद वे पहली बार अक्टूबर में बाबा महाकाल के दर पर पहुंचेंगे. माना जा रहा है कि शिव भक्त पीएम नरेंद्र मोदी यहां से मध्य प्रदेश में 2023 होने वाले विधानसभा के लिए चुनावी शंखनाद कर सकते हैं. (Ujjain News) (pm modi visit) modi in ujjain ) (Ujjain Mahakal Temple) (PM Modi Mahakal Visit)

PM Modi Mahakal Visit
पीएम मोदी का एमपी दौरा

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में धर्मनगरी उज्जैन आ रहे हैं. यहां वे महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे. जिसके बाद आम जन के लिए इस कॉरिडोर खोला जाएगा. प्रदेश की सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर ने बताया कि पीएम मोदी अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में शरद पूर्णिमा के दिन उज्जैन आएंगे और बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक करेंगे. उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का विस्तारीकरण ठीक उसी तरह किया जा रहा है जैसे बाबा विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर को सजाया संवारा गया है. मध्यप्रदेश में 2023 में अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे. जिसमें लगभग 1 साल कुछ दिन का ही समय बाकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम इस दौरे में एमपी में भी यूपी की तर्ज पर चुनावी शंखनाद का संकेत देंगे.

हिंदुत्व ही होगा चुनावी मुद्दा: यूपी विधानसभा चुनाव में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर को जनता को समर्पित कर भाजपा चुनावी जीत हासिल कर इसका जायका चख चुकी है. जिस तरह यूपी और पूर्वांचल सहित देशभर में बाबा विश्वनाथ की मान्यता है ठीक उसी तरह बाबा महाकाल भी देश के दिल में विराजते हैं. मध्य प्रदेश सहित देशभर में बाबा महाकाल की सत्ता और मान्यता भी उसी तरह कायम है. ऐसे में माना जा रहा है कि 2014, 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 में देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में हिंदुत्व के फॉर्मूले को अपना चुकी बीजेपी यहां भी यही संकेत देना चाहेगी. महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन कर पीएम चुनावी शंखनाद करेंगे. राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और बाबा महाकाल में प्रदेश के लोगों की आस्था, भाजपा के लिए सत्ता का रास्ता सुगम बनाएगी. इसके साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव भी पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर लड़ा जाएगा.

PM Modi Mahakal Visit: अक्टूबर में उज्जैन दौरे पर आएंगे PM Modi, महाकाल मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण के कार्यों का करेंगे लोकापर्ण

शिवराज के साथ जुड़ा 2018 का बुरा सपना: सीएम शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से मध्यप्रदेश बीजेपी का चेहरा और लोकप्रिय नेता रहे हैं. लगभग 17 साल तक मुख्यमंत्री का पद संभालते रहे शिवराज सिंह चौहान 2018 में थोड़ा चूक गए थे. जिसका खामियाजा बीजेपी को 15 महीने प्रदेश की सत्ता से दूर रहकर उठाना पड़ा. इस बार भी प्रदेश में दावेदारों की जमात है. भितरघात की संभावना भी बरकरार रहेगी. इसलिए 230 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों वाले राज्य में बीजेपी इस बार कोई रिस्क नहीं लेगी. यही वजह है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित पार्टी के बड़े नेताओं का एमपी आना जाना लगा रहेगा. यही वजह है कि मिशन 2023 की तैयारी शुरू कर चुकी बीजेपी एक तरफ जहां शिवराज सिंह की सोशल इंजीनियरिंग पर निगाह बनाए हुए है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी के चेहरे को आगे रख चुनावी मैदान में उतरेगी.

'हिंदुत्व' आजमाया हुआ फॉर्मूला: 2023 में मध्यप्रदेश और फिर 2024 में केंद्र का चुनाव होना है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि राज्य में पिछली बार तकलीफ देने वाले मुद्दे हिन्दुत्व की चासनी में घुल जाएं. ऐसा होने पर पार्टी को इसका फायदा मिलेगा. यूपी की तर्ज पर एमपी में भी चुनाव जातिगत समीकरणों में उलझा हुआ रहता है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने के मामले को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी. दूसरी तरफ पार्टी की यह भी कोशिश होगी कि चुनाव जाति के बजाय धर्म के आधार पर ज्यादा फोकस हो. मध्य प्रदेश में खरगोन और नरसिंहपुर में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां ध्रुवीकरण का बेहतर माहौल तैयार हो चुका है. ऐसे में प्रदेश में होने वाले चुनाव में भी बीजेपी हिन्दुत्व की धार से मैदान पार करने की कोशिश में है यही वजह है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश पहुंचने और उनके महाकालेश्वर मंदिर से निमाड मालवा की जनता को सियासी संदेश देने की कोशिश से पहले ही पीए मोदी 2 बार मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे.

भारत जोड़ो से कांग्रेस की भी तैयारी: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई है जो कश्मीर तक जाएगी. इस दौरान राहुल गांधी 3500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. यह यात्रा मध्य प्रदेश से भी गुजरेगी. 25 नवंबर के आसपास ये यात्रा मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी और करीब 16 दिन तक राहुल गांधी मध्य प्रदेश में रहेंगे. यात्रा के दौरान वे नर्मदा नदी में स्नान करेंगे औऱ महाकाल के दर्शन भी करेंगे. कांग्रेस भी राहुल के इस इवेंट को मेगा इंवेट बनाने की कोशिश में जुटी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस अभी से तैयारियों में जुट गई है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से एक अनुमान के मुताबिक नर्मदा पट्टी के 16 जिलों में 80 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां वोटर की नर्मदा और बाबा महाकाल में गहरी आस्था है. 110 सीटों को कवर करने वाला मामला निमाड का यह इलाका सूबे की सियासत में फेरबदल की वजह बन चुका है. यही वजह है कि बीजेपी 2023 से पहले कांग्रेस को वापसी की कोशिश करने का कोई मौका देना नहीं चाहती.

एमपी में आते रहेंगे मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन 17 सितंबर को श्योपुर में प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट की सौगात देंगे. इसके अगले ही महीने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के विस्तारीकरण का लोकार्पण करने मध्य प्रदेश दौरे पर रहेंगे. प्रधानमंत्री का नवंबर में भी एमपी दौरा संभावित माना जा रहा है. पीएम का प्रोग्राम और बीजेपी का राजनीतिक एजेंडा पूरी तरह एमपी पर फोकस दिखाई देता है. पार्टी को उम्मीद है कि पिछली बार की तरह इस बार कोई चूक नहीं होगी और यूपी की तरह एमपी भी बम बम बोलेगा.

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में धर्मनगरी उज्जैन आ रहे हैं. यहां वे महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे. जिसके बाद आम जन के लिए इस कॉरिडोर खोला जाएगा. प्रदेश की सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर ने बताया कि पीएम मोदी अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में शरद पूर्णिमा के दिन उज्जैन आएंगे और बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक करेंगे. उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का विस्तारीकरण ठीक उसी तरह किया जा रहा है जैसे बाबा विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर को सजाया संवारा गया है. मध्यप्रदेश में 2023 में अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे. जिसमें लगभग 1 साल कुछ दिन का ही समय बाकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम इस दौरे में एमपी में भी यूपी की तर्ज पर चुनावी शंखनाद का संकेत देंगे.

हिंदुत्व ही होगा चुनावी मुद्दा: यूपी विधानसभा चुनाव में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर को जनता को समर्पित कर भाजपा चुनावी जीत हासिल कर इसका जायका चख चुकी है. जिस तरह यूपी और पूर्वांचल सहित देशभर में बाबा विश्वनाथ की मान्यता है ठीक उसी तरह बाबा महाकाल भी देश के दिल में विराजते हैं. मध्य प्रदेश सहित देशभर में बाबा महाकाल की सत्ता और मान्यता भी उसी तरह कायम है. ऐसे में माना जा रहा है कि 2014, 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 में देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में हिंदुत्व के फॉर्मूले को अपना चुकी बीजेपी यहां भी यही संकेत देना चाहेगी. महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन कर पीएम चुनावी शंखनाद करेंगे. राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और बाबा महाकाल में प्रदेश के लोगों की आस्था, भाजपा के लिए सत्ता का रास्ता सुगम बनाएगी. इसके साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव भी पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर लड़ा जाएगा.

PM Modi Mahakal Visit: अक्टूबर में उज्जैन दौरे पर आएंगे PM Modi, महाकाल मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण के कार्यों का करेंगे लोकापर्ण

शिवराज के साथ जुड़ा 2018 का बुरा सपना: सीएम शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से मध्यप्रदेश बीजेपी का चेहरा और लोकप्रिय नेता रहे हैं. लगभग 17 साल तक मुख्यमंत्री का पद संभालते रहे शिवराज सिंह चौहान 2018 में थोड़ा चूक गए थे. जिसका खामियाजा बीजेपी को 15 महीने प्रदेश की सत्ता से दूर रहकर उठाना पड़ा. इस बार भी प्रदेश में दावेदारों की जमात है. भितरघात की संभावना भी बरकरार रहेगी. इसलिए 230 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों वाले राज्य में बीजेपी इस बार कोई रिस्क नहीं लेगी. यही वजह है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित पार्टी के बड़े नेताओं का एमपी आना जाना लगा रहेगा. यही वजह है कि मिशन 2023 की तैयारी शुरू कर चुकी बीजेपी एक तरफ जहां शिवराज सिंह की सोशल इंजीनियरिंग पर निगाह बनाए हुए है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी के चेहरे को आगे रख चुनावी मैदान में उतरेगी.

'हिंदुत्व' आजमाया हुआ फॉर्मूला: 2023 में मध्यप्रदेश और फिर 2024 में केंद्र का चुनाव होना है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि राज्य में पिछली बार तकलीफ देने वाले मुद्दे हिन्दुत्व की चासनी में घुल जाएं. ऐसा होने पर पार्टी को इसका फायदा मिलेगा. यूपी की तर्ज पर एमपी में भी चुनाव जातिगत समीकरणों में उलझा हुआ रहता है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने के मामले को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी. दूसरी तरफ पार्टी की यह भी कोशिश होगी कि चुनाव जाति के बजाय धर्म के आधार पर ज्यादा फोकस हो. मध्य प्रदेश में खरगोन और नरसिंहपुर में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां ध्रुवीकरण का बेहतर माहौल तैयार हो चुका है. ऐसे में प्रदेश में होने वाले चुनाव में भी बीजेपी हिन्दुत्व की धार से मैदान पार करने की कोशिश में है यही वजह है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश पहुंचने और उनके महाकालेश्वर मंदिर से निमाड मालवा की जनता को सियासी संदेश देने की कोशिश से पहले ही पीए मोदी 2 बार मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे.

भारत जोड़ो से कांग्रेस की भी तैयारी: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई है जो कश्मीर तक जाएगी. इस दौरान राहुल गांधी 3500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. यह यात्रा मध्य प्रदेश से भी गुजरेगी. 25 नवंबर के आसपास ये यात्रा मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी और करीब 16 दिन तक राहुल गांधी मध्य प्रदेश में रहेंगे. यात्रा के दौरान वे नर्मदा नदी में स्नान करेंगे औऱ महाकाल के दर्शन भी करेंगे. कांग्रेस भी राहुल के इस इवेंट को मेगा इंवेट बनाने की कोशिश में जुटी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस अभी से तैयारियों में जुट गई है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से एक अनुमान के मुताबिक नर्मदा पट्टी के 16 जिलों में 80 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां वोटर की नर्मदा और बाबा महाकाल में गहरी आस्था है. 110 सीटों को कवर करने वाला मामला निमाड का यह इलाका सूबे की सियासत में फेरबदल की वजह बन चुका है. यही वजह है कि बीजेपी 2023 से पहले कांग्रेस को वापसी की कोशिश करने का कोई मौका देना नहीं चाहती.

एमपी में आते रहेंगे मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन 17 सितंबर को श्योपुर में प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट की सौगात देंगे. इसके अगले ही महीने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के विस्तारीकरण का लोकार्पण करने मध्य प्रदेश दौरे पर रहेंगे. प्रधानमंत्री का नवंबर में भी एमपी दौरा संभावित माना जा रहा है. पीएम का प्रोग्राम और बीजेपी का राजनीतिक एजेंडा पूरी तरह एमपी पर फोकस दिखाई देता है. पार्टी को उम्मीद है कि पिछली बार की तरह इस बार कोई चूक नहीं होगी और यूपी की तरह एमपी भी बम बम बोलेगा.

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