भोपाल। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके बावजूद भी सरकार लोगों को छूट दे रही है. कुछ दिन पहले प्रदेश में गणेश पंडाल नहीं लगाने और राजनीतिक कार्यक्रम होने को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. अब नवरात्र का त्योहार आने वाला है और एक बार फिर पंडाल लगाने और झांकी निकालने की इजाजत देने की मांग उठने लगी है.
इन्हीं मांगों को लेकर राजधानी में बीजेपी का एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर अविनाश लवानिया को ज्ञापन देने पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने कलेक्टर से मांग की है कि शहर में पंडाल और झांकी निकालने की इजाजत दी जाए. कलेक्टर से मुलाकात के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी का कहना है कि गणेश पंडाल और झांकी निकालने की गाइडलाइन के तहत इजाजत दी जाए. कलेक्टर की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि शायद इजाजत मिल जाए .
बता दें कि इस बार सार्वजनिक गणेश पंडाल लगाने की इजाजत नहीं दी गई थी. साथ ही मूर्ति का साइज भी तीन फीट से ज्यादा बनाने की इजाजत नहीं दी गई थी और विसर्जन भी घरों में करने के प्रशासन की तरफ से निर्देश दिए गए थे.
दुर्गा पंडाल और चल समारोह की मांग, बीजेपी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने गणेश पंडालों पर रोक लगा रखी थी. लेकिन गणेश पंडाल नहीं लगाने और राजनीतिक कार्यक्रम होने को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. अब नवदुर्गा का त्योहार आने वाला है, इसको लेकर एक बार फिर पंडाल लगाने और झांकी निकालने की इजाजत देने की मांग उठने लगी है.
भोपाल। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके बावजूद भी सरकार लोगों को छूट दे रही है. कुछ दिन पहले प्रदेश में गणेश पंडाल नहीं लगाने और राजनीतिक कार्यक्रम होने को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. अब नवरात्र का त्योहार आने वाला है और एक बार फिर पंडाल लगाने और झांकी निकालने की इजाजत देने की मांग उठने लगी है.
इन्हीं मांगों को लेकर राजधानी में बीजेपी का एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर अविनाश लवानिया को ज्ञापन देने पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने कलेक्टर से मांग की है कि शहर में पंडाल और झांकी निकालने की इजाजत दी जाए. कलेक्टर से मुलाकात के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी का कहना है कि गणेश पंडाल और झांकी निकालने की गाइडलाइन के तहत इजाजत दी जाए. कलेक्टर की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि शायद इजाजत मिल जाए .
बता दें कि इस बार सार्वजनिक गणेश पंडाल लगाने की इजाजत नहीं दी गई थी. साथ ही मूर्ति का साइज भी तीन फीट से ज्यादा बनाने की इजाजत नहीं दी गई थी और विसर्जन भी घरों में करने के प्रशासन की तरफ से निर्देश दिए गए थे.