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दो साल बाद भी नहीं शुरू हुआ सोलर प्लांट, टूटने लगे पैनल

राजधानी भोपाल में बड़े तालाब पर बिजली उत्पादन के लिए दो साल पहले सोलर पैनल लगाए गए थे, लेकिन आज तक इनसे बिजली का उत्पादन शुरू नहीं हो पाया. आलम ये है कि, देख- रेख के अभाव में तमाम पैनल टूटने लगे हैं.

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सोलर प्लांट भोपाल
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Published : Oct 28, 2020, 7:48 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 9:43 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब के किनारे 2 साल पहले सोलर पैनल लगाए गए थे. यह दावा किया गया था कि, सोनल सोलर पैनल से जो बिजली का उत्पादन होगा उससे लाखों रुपए की आय होगी. सोलर पैनल से वीआईपी रोड की लाइट और कर्बला पर बने पंप हाउस के लिए बिजली इस्तेमाल की जाएगी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी ये सोलर प्लांट शुरू नहीं हुआ.

सोलर प्लांट भोपाल

ढाई करोड़ की लागत से बना सोलर प्लांट

स्मार्ट सिटी कंपनी और ऊर्जा विकास निगम ने 2 साल पहले वीआईपी रोड किनारे बड़े तालाब के रिटेनिंग वॉल पर ढाई करोड़ की लागत से 364 किलोवाट क्षमता वाले सोलर पैनल लगाए थे. इनसे रोजाना 500 किलोवाट बिजली का उत्पादन होना था. लेकिन अभी तक ये प्लांट शुरू नहीं हो पाया है.

सोलर प्लांट भोपाल

सालाना 50 लाख की बिजली बनने का था दावा

इस प्लांट से हर साल 50 लाख की बिजली बननी थी. समय पर इसे शुरू किया जाता, तो एक करोड़ की कमाई हो जाती. पैनल की लागत का करीब 40 फीसदी हिस्सा वापस आ चुका होता, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आग करोड़ों का प्लांट धूल फांक रहा है.

यह भी पढ़ें:- ढाई करोड़ की लागत से बना सोलर पावर प्लांट नहीं झेल पाया बारिश और लहरों की मार

निगम कमिश्नर ने दिया ये जवाब

नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी का कहना है कि, सोलर प्लांट लगाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जल्दी इसे ठीक किया जाएगा और अगले महीने तक सोलर पैनल को चालू कर दिया जाएगा. कमिश्नर का कहना है कि, 'जिस कंपनी को सोलर पैनल लगाने का ठेका दिया गया है, वो इसे ठीक करके लगाएगी और जल्द ही पैनल की साफ- सफाई भी करवाई जाएगा.

टूटने लगे सोलर पैनल

बड़े तालाब के किनारे 1540 सोलर पैनल लगाए गए और दावा किया गया कि, हर साल 75 हजार यूनिट बिजली बनेगी. जिससे वीआईपी रोड की लाइट और कर्बला पर बना पंप चलेगा. बची हुई बिजली को बेचा जाएगा. स्मार्ट सिटी कंपनी का सोलर पावर प्लांट शहर का पहला सौर ऊर्जा प्लांट है, प्लांट की टेस्टिंग भी हो चुकी है. अभी तक सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन तो नहीं हुआ, लेकिन पैनल टूटने जरूर लगे हैं. कई पैनल टूट कर झील में गिर चुके हैं. वहीं सोलर पैनल पर लोग पान गुटखा खाकर थूकते रहते हैं. इस प्लांट के लिए भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी कंपनी को बेस्ट क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट इन स्मार्ट सिटी की श्रेणी में अवार्ड से नवाजा भी जा चुका है.

भोपाल। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब के किनारे 2 साल पहले सोलर पैनल लगाए गए थे. यह दावा किया गया था कि, सोनल सोलर पैनल से जो बिजली का उत्पादन होगा उससे लाखों रुपए की आय होगी. सोलर पैनल से वीआईपी रोड की लाइट और कर्बला पर बने पंप हाउस के लिए बिजली इस्तेमाल की जाएगी, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी ये सोलर प्लांट शुरू नहीं हुआ.

सोलर प्लांट भोपाल

ढाई करोड़ की लागत से बना सोलर प्लांट

स्मार्ट सिटी कंपनी और ऊर्जा विकास निगम ने 2 साल पहले वीआईपी रोड किनारे बड़े तालाब के रिटेनिंग वॉल पर ढाई करोड़ की लागत से 364 किलोवाट क्षमता वाले सोलर पैनल लगाए थे. इनसे रोजाना 500 किलोवाट बिजली का उत्पादन होना था. लेकिन अभी तक ये प्लांट शुरू नहीं हो पाया है.

सोलर प्लांट भोपाल

सालाना 50 लाख की बिजली बनने का था दावा

इस प्लांट से हर साल 50 लाख की बिजली बननी थी. समय पर इसे शुरू किया जाता, तो एक करोड़ की कमाई हो जाती. पैनल की लागत का करीब 40 फीसदी हिस्सा वापस आ चुका होता, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आग करोड़ों का प्लांट धूल फांक रहा है.

यह भी पढ़ें:- ढाई करोड़ की लागत से बना सोलर पावर प्लांट नहीं झेल पाया बारिश और लहरों की मार

निगम कमिश्नर ने दिया ये जवाब

नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी का कहना है कि, सोलर प्लांट लगाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जल्दी इसे ठीक किया जाएगा और अगले महीने तक सोलर पैनल को चालू कर दिया जाएगा. कमिश्नर का कहना है कि, 'जिस कंपनी को सोलर पैनल लगाने का ठेका दिया गया है, वो इसे ठीक करके लगाएगी और जल्द ही पैनल की साफ- सफाई भी करवाई जाएगा.

टूटने लगे सोलर पैनल

बड़े तालाब के किनारे 1540 सोलर पैनल लगाए गए और दावा किया गया कि, हर साल 75 हजार यूनिट बिजली बनेगी. जिससे वीआईपी रोड की लाइट और कर्बला पर बना पंप चलेगा. बची हुई बिजली को बेचा जाएगा. स्मार्ट सिटी कंपनी का सोलर पावर प्लांट शहर का पहला सौर ऊर्जा प्लांट है, प्लांट की टेस्टिंग भी हो चुकी है. अभी तक सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन तो नहीं हुआ, लेकिन पैनल टूटने जरूर लगे हैं. कई पैनल टूट कर झील में गिर चुके हैं. वहीं सोलर पैनल पर लोग पान गुटखा खाकर थूकते रहते हैं. इस प्लांट के लिए भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी कंपनी को बेस्ट क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट इन स्मार्ट सिटी की श्रेणी में अवार्ड से नवाजा भी जा चुका है.

Last Updated : Oct 28, 2020, 9:43 AM IST
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