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Bhopal News: पहले इलाज फिर पर्चा, हमीदिया अस्पताल की न्यू बिल्डिंग में शुरू होगा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग - हमीदिया इमरजेंसी मेडिसिन विभाग

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना की गई है. इसका शुभारंभ जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. इस विभाग में आने वाले मरीज को पहले ट्रीटमेंट दिया जाएगा, उसके बाद उनका पर्चा बनेगा.

Bhopal News
हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना
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Published : Jul 24, 2023, 9:31 PM IST

हमीदिया अस्पताल के न्यू बिल्डिंग में शुरू होगा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग

भोपाल। फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस तो आपने देखी होगी, जिसमें मरीज को तब तक भर्ती नहीं किया जाता जब तक उसका पर्चा नहीं बन जाता है. इसको लेकर अभिनेता संजय दत्त फिल्म में डॉक्टरों की जमकर खिंचाई भी करते हैं. दरअसल, इस हकीकत से हर अस्पताल में आने वाले मरीजों को रोज गुजरना होता है. जिसमें पहले रजिस्ट्रेशन कराकर पर्चा बनाना होता है. उसके बाद ही मरीज का इलाज होता है, चाहे कितनी भी इमरजेंसी क्यों ना हो. लेकिन इसके समाधान के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना की गई है. इस विभाग में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का तत्काल इलाज किया जाएगा. इस विभाग का औपचारिक शुभारंभ आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. उसके पहले विभाग में एक ओरियंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ से संवाद किया.

पहले इलाज फिर पर्चा बनेगा: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि "इस इमरजेंसी विभाग में दो खासियत सबसे महत्वपूर्ण है जिसमें पहली यह है कि यहां आने वाले मरीज को पहले उपचार दिया जाएगा. उसके बाद ही उसका पर्चे बनेगा. यहां आने वाले मरीज को पहले पर्चा बनाने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा. बल्कि उसे आते ही तुरंत इलाज मिले ऐसी व्यवस्था यहां की गई है. मरीज यहां आया है उसे कितनी देर में बेहतर ट्रीटमेंट मिल गया. इसकी व्यवस्था भी डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से की जा रही है. जिसमें आने वाले मरीज के आने के समय से लेकर उसे प्रॉपर इलाज मिलने तक का समय डिस्प्ले बोर्ड पर दर्शाया जाएगा. जिससे भविष्य में यह पता लगाने में सहायता मिल पाएगी कि किस मरीज को कितनी देर में इलाज मिल पाता है और कितने समय में वह इलाज पा लेता है."

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बेहतर इलाज के लिए 3 जोन में बटेंगे: सारंग ने यहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ को यह भी बताया कि "हमने मरीजों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें 3 जोन में भी बांटने की व्यवस्था की है. गंभीरता के आधार पर रेड, येलो और ग्रीन जोन में मरीज को रखा जा सके और उसे इलाज दिया जा सके. यहां जितने भी स्टाफ और डॉक्टर हैं उनकी विशेष ट्रेनिंग दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में दी जाएगी. इसके साथ ही गोल्डन आवर में मरीज को उपयुक्त इलाज की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही नर्सिंग पैरामेडिकल स्टाफ को सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग भी दी जा रही है."

हमीदिया अस्पताल के न्यू बिल्डिंग में शुरू होगा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग

भोपाल। फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस तो आपने देखी होगी, जिसमें मरीज को तब तक भर्ती नहीं किया जाता जब तक उसका पर्चा नहीं बन जाता है. इसको लेकर अभिनेता संजय दत्त फिल्म में डॉक्टरों की जमकर खिंचाई भी करते हैं. दरअसल, इस हकीकत से हर अस्पताल में आने वाले मरीजों को रोज गुजरना होता है. जिसमें पहले रजिस्ट्रेशन कराकर पर्चा बनाना होता है. उसके बाद ही मरीज का इलाज होता है, चाहे कितनी भी इमरजेंसी क्यों ना हो. लेकिन इसके समाधान के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना की गई है. इस विभाग में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का तत्काल इलाज किया जाएगा. इस विभाग का औपचारिक शुभारंभ आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. उसके पहले विभाग में एक ओरियंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ से संवाद किया.

पहले इलाज फिर पर्चा बनेगा: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि "इस इमरजेंसी विभाग में दो खासियत सबसे महत्वपूर्ण है जिसमें पहली यह है कि यहां आने वाले मरीज को पहले उपचार दिया जाएगा. उसके बाद ही उसका पर्चे बनेगा. यहां आने वाले मरीज को पहले पर्चा बनाने के लिए परेशान नहीं किया जाएगा. बल्कि उसे आते ही तुरंत इलाज मिले ऐसी व्यवस्था यहां की गई है. मरीज यहां आया है उसे कितनी देर में बेहतर ट्रीटमेंट मिल गया. इसकी व्यवस्था भी डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से की जा रही है. जिसमें आने वाले मरीज के आने के समय से लेकर उसे प्रॉपर इलाज मिलने तक का समय डिस्प्ले बोर्ड पर दर्शाया जाएगा. जिससे भविष्य में यह पता लगाने में सहायता मिल पाएगी कि किस मरीज को कितनी देर में इलाज मिल पाता है और कितने समय में वह इलाज पा लेता है."

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बेहतर इलाज के लिए 3 जोन में बटेंगे: सारंग ने यहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ को यह भी बताया कि "हमने मरीजों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें 3 जोन में भी बांटने की व्यवस्था की है. गंभीरता के आधार पर रेड, येलो और ग्रीन जोन में मरीज को रखा जा सके और उसे इलाज दिया जा सके. यहां जितने भी स्टाफ और डॉक्टर हैं उनकी विशेष ट्रेनिंग दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में दी जाएगी. इसके साथ ही गोल्डन आवर में मरीज को उपयुक्त इलाज की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही नर्सिंग पैरामेडिकल स्टाफ को सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग भी दी जा रही है."

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