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Bhopal जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सड़कों पर उतरेगा जैन समाज

राजधानी भोपाल में पहली बार जैन समाज (Bhopal Jain society) सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहा है. एमपी में जैन समाज मौन जूलुस निकालकर झारखंड में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र (Sammed Shikhar tourist place) बनाने से रोकने को लेकर मुखर होगा. जैन समाज के मुताबिक ये आंदोलन धार्मिक स्थल की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए है. अकेले भोपाल में जैन समाज की 75 हजार से ज्यादा आबादी है. पूरे देश में जैन समाज 70 लाख के ऊपर है. जैन समाज की रणनीति ये है कि इस मांग को पूरा कराने चुनावी राजनीति के मद्देनजर अपनी ताकत भी दिखाई जाए.

Sammed Shikhar tourist place
सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सड़कों पर उतरेगा जैन समाज
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Published : Dec 17, 2022, 5:29 PM IST

भोपाल। झारखंड में जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर का मुद्दा गर्माता जा रहा है. जैन समाज इस तीर्थ स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने का विरोध कर रहा है. जैन समाज का विरोध इस बात पर है कि झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने सम्मेद शिखर के पर्वत को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने नोटीफिकेशन जारी कर दिया है. समाज के लिए यह पर्वत सबसे पवित्र तीर्थ है. यहां से 20 तीर्थंकर मोक्ष गये हैं. समाज का कहना है कि यहां पर्यटक की गतिविधियां बढ़ने से पर्वत की पवित्रता को खतरा है.

कानूनी लड़ाई भी जारी : इस मामले में जैन समाज के प्रमुख जस्टिस गोहिल ने बताया कि हम कानूनी लड़ाई तो लड़ ही रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में जनता की आवाज का भी बहुत महत्व है. इसलिए देशभर में जैन समाज को सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने पर विवश होना पड़ रहा है. मध्यप्रदेश में जैन समाज का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन 21 दिसम्बर को होने जा रहा है. इस आंदोलन में पहले धर्मसभा रखी गई है. उसके बाद पुराने भोपाल से बड़ा जुलूस निकाल जाएगा. जिसमें जैन समाज के बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं शामिल होंगे. तैयारी ये है कि जैन समाज के हर वर्ग की इस आंदोलन में नुमाइंदगी हो.

Sammed Shikhar tourist place
सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सड़कों पर उतरेगा जैन समाज

आंदोलन की व्यापक तैयारी : खास बात ये है कि इस आंदोलन में समाज के दिगम्बर व श्वेताम्बर और तारण पंथी सभी जैन समाज एक साथ एकजुट होंगे. इस आंदोलन की रणनीति में शामिल रवीन्द्र जैन के मुताबिक अकेले भोपाल में ही 70 हजार से ऊपर जैन समाज की आबादी है. पूरे प्रदेश में जैन समाज का एक- एक सदस्य किसी भी स्तर तक आंदोलन के लिए तैयार है. ये हमारे तीर्थ की पवित्रता का प्रश्न है और इसके लिए हम हर स्तर पर लड़ाई जारी रखेंगे. चुनावी राजनीति के मद्देनजर भी राजनीतिक दलों को भी जैन समाज की इस मांग पर गौर करना पड़ेगा. हमारा नारा ही है बड़ा प्रदर्शन कड़ा संदेश.

जैन समाज ने निकाला विशाल जुलूस, सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के तहत सौंपा ज्ञापन

क्या है पूरा मामला : असल में 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय ने झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत तीर्थ श्रीसम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित किया था. इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन और अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना जैन समाज से आपत्ति या सुझाव लिए बगैर जारी कर दी गई. इसी अधिसूचना को निरस्त करने और श्री सम्मेद शिखरजी की पवित्रता बनाए रखने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश में जैन समाज आंदोलन की तैयारी कर रहा है.

भोपाल। झारखंड में जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर का मुद्दा गर्माता जा रहा है. जैन समाज इस तीर्थ स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने का विरोध कर रहा है. जैन समाज का विरोध इस बात पर है कि झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने सम्मेद शिखर के पर्वत को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने नोटीफिकेशन जारी कर दिया है. समाज के लिए यह पर्वत सबसे पवित्र तीर्थ है. यहां से 20 तीर्थंकर मोक्ष गये हैं. समाज का कहना है कि यहां पर्यटक की गतिविधियां बढ़ने से पर्वत की पवित्रता को खतरा है.

कानूनी लड़ाई भी जारी : इस मामले में जैन समाज के प्रमुख जस्टिस गोहिल ने बताया कि हम कानूनी लड़ाई तो लड़ ही रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में जनता की आवाज का भी बहुत महत्व है. इसलिए देशभर में जैन समाज को सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने पर विवश होना पड़ रहा है. मध्यप्रदेश में जैन समाज का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन 21 दिसम्बर को होने जा रहा है. इस आंदोलन में पहले धर्मसभा रखी गई है. उसके बाद पुराने भोपाल से बड़ा जुलूस निकाल जाएगा. जिसमें जैन समाज के बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं शामिल होंगे. तैयारी ये है कि जैन समाज के हर वर्ग की इस आंदोलन में नुमाइंदगी हो.

Sammed Shikhar tourist place
सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सड़कों पर उतरेगा जैन समाज

आंदोलन की व्यापक तैयारी : खास बात ये है कि इस आंदोलन में समाज के दिगम्बर व श्वेताम्बर और तारण पंथी सभी जैन समाज एक साथ एकजुट होंगे. इस आंदोलन की रणनीति में शामिल रवीन्द्र जैन के मुताबिक अकेले भोपाल में ही 70 हजार से ऊपर जैन समाज की आबादी है. पूरे प्रदेश में जैन समाज का एक- एक सदस्य किसी भी स्तर तक आंदोलन के लिए तैयार है. ये हमारे तीर्थ की पवित्रता का प्रश्न है और इसके लिए हम हर स्तर पर लड़ाई जारी रखेंगे. चुनावी राजनीति के मद्देनजर भी राजनीतिक दलों को भी जैन समाज की इस मांग पर गौर करना पड़ेगा. हमारा नारा ही है बड़ा प्रदर्शन कड़ा संदेश.

जैन समाज ने निकाला विशाल जुलूस, सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के तहत सौंपा ज्ञापन

क्या है पूरा मामला : असल में 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय ने झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत तीर्थ श्रीसम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित किया था. इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन और अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना जैन समाज से आपत्ति या सुझाव लिए बगैर जारी कर दी गई. इसी अधिसूचना को निरस्त करने और श्री सम्मेद शिखरजी की पवित्रता बनाए रखने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश में जैन समाज आंदोलन की तैयारी कर रहा है.

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