भोपाल। पुरानी पेंशन, प्रमोशन, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारी भी अब चुनावी साल में सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. ऐसे में कर्मचारियों के समर्थन में अब कांग्रेस भी उतर आई है. कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के समर्थन में गुरुवार को कांग्रेस द्वारा पैदल मार्च निकाला गया. इसका नेतृत्व पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक पीसी शर्मा ने किया. कर्मचारी संगठनों के साथ निकाले गए पैदल मार्च की शुरुआत पत्रकार भवन से हुई. ये सभी राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बिड़ला मंदिर के आगे ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई और पुलिस को इन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग भी करना पड़ा. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया.
राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते थे कांग्रेसी : प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा वाटर कैनन का उपयोग करने के बाद पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से बात की. पीसी शर्मा ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं. लेकिन सरकार पर इका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. हम उनकी मांगों के समर्थन में मंत्रालय तक जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें बीच में ही रोक दिया. हम चाहते थे कि उनके साथ राज्यपाल को ज्ञापन दें, जिसमें बजट सत्र के पहले राज्यपाल इनकी मांगों को अपने अभिभाषण में शामिल करें. पीसी शर्मा ने पुलिस द्वारा वाटर कैनन के उपयोग को निंदनीय बताया और कहा कि पुलिस सरकार के दबाव में ऐसा करती है.
लंबे समय से कर्मचारी उठा रह हैं मांगें : बता दें कि पुरानी पेंशन सहित संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, पेंशनर्स के डीए की राशि में वृद्धि और प्रमोशन सहित तमाम मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारी हर प्लेटफार्म पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के इन्हीं कर्मचारियों ने एक समय दिग्विजय सिंह सरकार को भी अपने सामने झुकाते हुए उन्हें हार का सामना करवाया था. कर्मचारियों के नाराज होने के चलते ही दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार सत्ता में नहीं आ पाई थी और बीजेपी को सत्ता में आने का मौका मिला था. ऐसे में कर्मचारी अब बीजेपी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी मांगों पर जल्द निराकरण किया जाए, अन्यथा उसे भी कांग्रेस की तरह हश्र भोगना पड़ेगा.