भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं, उनके समर्थन में करीब 22 विधायक लामबंद हो गए हैं. प्रदेश सरकार को बचाने के लिए लगातार कवायद जारी है, जिसे लेकर प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता मैदान में उतर आए हैं.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि, सरकार के कामकाज की चर्चा मुख्यमंत्री निवास में हो रही है. विधानसभा का सत्र भी शुरू होने जा रहा है और राज्यसभा के चुनाव भी होना है, जिसे लेकर लगातार चर्चा की जा रही है. इसके अलावा और भी कई मुद्दे हैं, जिन पर लगातार मुख्यमंत्री निवास में चर्चा की गई है. वहीं सरकार के बहुमत को लेकर उन्होंने कहा कि, मैं पहले भी कह चुका हूं कि, सब कुछ "ऑल इज वेल" है, बाकी जितनी भी चीजें हैं. वो सभी विधानसभा सत्र के दौरान सामने आ जाएंगी.
अरुण यादव ने कहा कि, सरकार की स्थिति 16 मार्च या 17 मार्च तक स्पष्ट हो जाएगी. उसके बाद ही सही वास्तु स्थिति सबके सामने आ सकेगी. वहीं उन्होंने राज्यसभा उम्मीदवारों के नामों को लेकर उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी के द्वारा आज या कल में ही सूची जारी की जाएगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने पर बोले अरुण यादव
सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने पर अरुण यादव ने कहा कि, मुझे इस विषय पर कोई बात नहीं करनी है और ना ही उस पर कोई टिप्पणी करना चाहता हूं, क्योंकि जो हमारा अंग नहीं है, उस पर बोलना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि, मैंने जो कुछ भी लिखा है वो सभी जगह स्पष्ट है और उस बारे में सभी देश के लोग भी जानते हैं. जो लोग देश की आजादी में हमारे साथ नहीं थे उनसे हम अपेक्षा भी क्या कर सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि, पहले तो सिंधिया आपके दोस्त होते थे, लेकिन बीजेपी में जाने के बाद आप के सुर बदल गए हैं. ऐसे में अरुण यादव ने कहा कि, वह महाराज नहीं थे उन्हें हमने अपने माथे पर बिठा रखा था.
सियासी टेंशन के बीच बैठकों का दौर जारी
मुख्यमंत्री निवास पर सरकार को बचाने के लिए लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. वहीं राज्यसभा चुनाव और विधानसभा सत्र को लेकर भी रणनीति तैयार की जा रही है. देर शाम प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया भी मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे थे. इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश की राजनीति पर चर्चा की गई है. कमलनाथ सरकार का पूरा फोकस ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में बेंगलुरु गए विधायकों पर है, यही वजह है कि कुछ मंत्रियों को भी इन विधायकों से बातचीत करने के लिए बेंगलुरु भेजा गया है.